MP News: कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह का एक बयान सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत के हालिया बयान की सराहना करते हुए कहा कि आजकल नेता मंदिर और मस्जिद के विवादों में उलझकर खुद को साबित करने की कोशिश कर रहे हैं। दरअसल, मोहन भागवत ने हाल ही में कहा था कि "हर मस्जिद के नीचे मंदिर खोजने की जरूरत नहीं है," यह बयान विवाद का कारण बन गया था।
मोहन भागवत का समर्थन
राजगढ़ में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान एमपी के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने मोहन भागवत के बयान का समर्थन करते हुए कहा कि मोहन भागवत ने सही कहा है कि मंदिर-मस्जिद का मुद्दा कुछ लोग सिर्फ इसलिए उठाते हैं ताकि वे हिंदुओं के नेता बन सकें। उनका यह बयान उस समय आया जब हिंदू-मुस्लिम विवाद और मंदिर-मस्जिद को लेकर राजनीति में गरमा-गर्मी बढ़ी हुई है।
दिग्विजय सिंह ने राजधर्म का किया जिक्र
दिग्विजय सिंह ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को राजधर्म की याद दिलाई, जैसा कि अटल बिहारी वाजपेयी ने गोधरा कांड के समय कहा था। उन्होंने पूछा, "क्या मुसलमानों के घर तोड़ना और निर्दोष लोगों को जेल में डालना राजधर्म है?" दिग्विजय सिंह ने भारतीय संविधान का हवाला देते हुए कहा कि राजधर्म का मतलब है सभी धर्मों और जातियों के प्रति समान व्यवहार और समान अधिकार। यही बात बाबा साहेब अंबेडकर ने भी कही थी।
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भारत को विश्व गुरु बनने की आवश्यकता
दिग्विजय सिंह ने कहा कि अगर भारत को विश्व गुरु बनना है, तो हमें हर धर्म और जाति का सम्मान करना सीखना होगा। उनके अनुसार, देश की एकता और भाईचारे को बनाए रखने के लिए यह जरूरी है कि हम अपनी धार्मिक विविधताओं का सम्मान करें और धार्मिक विवादों से दूर रहें।