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MP High Court: एमपी हाईकोर्ट ने जूनियर डॉक्टर्स को 20 अगस्त तक हड़ताल खत्म करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा कि किसी की जान निकल रही होगी, तो कहिएगा दो दिन बाद दवाई देंगे?

MP High Court: एमपी हाईकोर्ट ने जूनियर डॉक्टर्स को 20 अगस्त तक हड़ताल खत्म करने का आदेश दिया है। शनिवार को कोर्ट ने वकील से तीखे सवाल किए? कोर्ट ने कहा कि किसी की जान निकल रही होगी तो कहिएगा दो दिन बाद दवाई देंगे? हाईकोर्ट ने डॉक्टरों को काम पर लौटने की सलाह दी है। इधर एमपी के शासकीय स्तर स्वशासी चिकित्सक महासंघ ने कहा कि हाईकोर्ट क्या चाहता है, हम पिट जाएं।  मेरा कहना है कि हमें अपनी और साथियों की सुरक्षा के लिए आंदोलन का अधिकार है। हाईकोर्ट हमारी बात को समझे। हम चाहते हैं कि देश में समान कानून बने।

'हड़ताल को तीन दिन के लिए सस्पेंड करें'
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में जूडा (Junior Doctors Association) की हड़ताल पर सुनवाई के दौरान जज ने डॉक्टरों के वकील से सख्त सवाल पूछे। जज ने कहा, 'क्या मरीज इंतजार करेगा कि कोर्ट का फैसला आए और फिर जान दे?' वकील ने जूडा को सिर्फ छात्र संगठन बताया और कहा कि हड़ताल केवल 20 लोगों की कॉल थी। जज ने निर्देश दिया कि हड़ताल को तीन दिन के लिए सस्पेंड करें और काम पर लौटें। कोर्ट ने यह भी कहा कि अदालत हर समस्या को सुनेगी और कानूनी समाधान निकालेगी।

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MP High Court ने शनिवार को हड़ताल कर रहे डॉक्टरों को निर्देश दिया कि हड़ताल को तीन दिन के लिए सस्पेंड करें और काम पर लौटें

वकील की दलील: 'हम छात्र संगठन हैं, स्थायी डॉक्टर नहीं'
जूडा के वकील ने दलील दी कि यह हड़ताल केवल एक छात्र संगठन द्वारा की जा रही है, जिसमें कुछ पीजी कर रहे छात्र और असिस्टेंट डॉक्टर शामिल हैं। उन्होंने बताया कि स्थायी डॉक्टर तो काम कर रहे हैं, यह संगठन केवल असिस्ट कर रहा है। जज ने वकील से कहा कि असिस्टेंट का भी महत्वपूर्ण रोल होता है और इस प्रकार की हड़ताल से मरीजों को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

जज का आदेश: 'काम पर लौटें और तीन दिन के लिए हड़ताल सस्पेंड करें'
कोर्ट ने कहा कि जूडा के सदस्य तीन दिन के लिए हड़ताल सस्पेंड करें और काम पर लौटें। जज ने वकील को निर्देश दिया कि वे अपने क्लाइंट्स को समझाएं कि अदालत उनकी हर समस्या को सुनेगी और कानूनी समाधान निकालेगी। कोर्ट ने कहा कि देश में हर नागरिक का मुद्दा महत्वपूर्ण है, लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि हर कोई हड़ताल पर चला जाए। काम रोकने से समस्याओं का समाधान नहीं होगा, बल्कि कानूनी तरीकों से ही हल निकलेगा।

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MP High Court: जज ने हड़ताली डॉक्टरों के वकील से कहा कि अगर पुलिस, जज और दूसरे अधिकारी भी हड़ताल पर चले जाएं, तो काम कैसे चलेगा?

'पुलिस, जज भी हड़ताल पर चले जाएं तो क्या होगा?' 
जज ने वकील से कहा कि अगर पुलिस, जज और अन्य अधिकारी भी हड़ताल पर चले जाएं, तो काम कैसे चलेगा? कोर्ट ने कहा कि काम रोकने से हल नहीं निकलेगा, बल्कि समस्या और बढ़ेगी। कोर्ट ने कहा कि सभी को कानूनी तरीकों का सहारा लेना चाहिए और समस्या का समाधान ढूंढना चाहिए। कोर्ट ने यह भी कहा कि हड़ताल से नागरिकों को होने वाली परेशानियों को समझना चाहिए और इसे रोकने के उपायों पर विचार करना चाहिए।

जज ने पूछा- 'मरीजों को इंतजार करने को कहेंगे?':
हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान जज ने जूडा के वकील से सवाल किया कि क्या वे मरीजों से कहेंगे कि वे इंतजार करें और दो दिन बाद अपनी जान दें? कोर्ट ने इस प्रकार की हड़ताल को अव्यवहारिक बताते हुए कहा कि मरीजों की जान की रक्षा करना सबसे प्राथमिक जिम्मेदारी है। कोर्ट ने कहा कि हड़ताल को तत्काल समाप्त करना चाहिए और जो भी समस्या हो, उसे कानूनी तरीके से सुलझाना चाहिए।

'काम पर लौटें, फिर कोर्ट देखेगी'
कोर्ट ने जूडा के वकील से कहा कि वे अपने क्लाइंट्स को समझाएं कि वे काम पर लौटें और हड़ताल को समाप्त करें। कोर्ट ने कहा कि यदि जूडा के सदस्य अपनी समस्या का समाधान चाहते हैं, तो उन्हें काम पर लौटने के बाद कानूनी प्रक्रिया का पालन करना चाहिए। कोर्ट ने यह भी कहा कि हड़ताल को खत्म करके ही समस्याओं का समाधान संभव है और इसके लिए सभी को अदालत की प्रक्रिया का सम्मान करना चाहिए।

20 को होगी सुनवाई
जूनियर डॉक्टरों का कहना है कि वो लंबे समय से डॉक्टर प्रोटेक्शन एक्ट को लेकर मांग कर रहे हैं। डॉक्टरों की सुरक्षा,वेतन-भत्ते, काम के घंटे, अस्पतालों में महिला डॉक्टरों की सुरक्षा सहित कई मांगों पर राज्य सरकार कोई विचार नहीं कर रही है। इस पर हाईकोर्ट ने जूनियर डॉक्टरों से कहा कि उनकी सभी मांगों पर 20 अगस्त को जबलपुर हाईकोर्ट में सुनवाई की जाएगी, लेकिन उनको तत्काल प्रभाव से हड़ताल को स्थगित करना होगा। 

16 अगस्त से चल रही हड़ताल 
कोलकाता में जूनियर डॉक्टर के साथ रेप और मर्डर के बाद मध्य प्रदेश में 16 अगस्त से जूनियर डॉक्टरों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल बुलाई। तब से सभी जिलों में जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल चल रही है। शनिवार को एमपी हाईकोर्ट ने हड़ताली संगठनों को तत्काल प्रभाव से हड़ताल खत्म करने का आदेश दिया है। 

जूडा को बनाया पार्टी 
जूनियर डॉक्टरों की ओर से एडवोकेट महेंद्र पटेरिया ने पैरवी की। जूडा के वकील ने कहा कि डॉक्टर्स को तो इन्होंने पार्टी ही नहीं बनाया। जूडा को पार्टी बनाया है। कोर्ट ने कहा कि आप नंबर 3 की तरफ से हैं। स्ट्राइक वापस लीजिए। वकील ने कहा कि हमारे स्ट्राइक पर जाने से फर्क नहीं पड़ रहा। फिलहाल ऑपरेशन, कैजुअल्टी सब चालू है। ये तो सिर्फ स्टूडेंट हैं। उन्हें ही पार्टी बनाया है।

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