भोपाल (वहीद खान)। प्रदेश के करीब 23 हजार पंचायत सचिव 7 दिन के सामूहिक अवकाश पर रहेंगे। वे 26 मार्च से 1 अप्रैल तक छुट्टी लेंगे। तीन से चार महीने का वेतन नहीं मिलने के चलते भी वे नाराज हैं और अब सड़क पर उतरेंगे। सचिवों के सामुहिक अवकाश पर जाने से पंचायत से जुड़ी योजनाओं पर सीधा असर पड़ेगा। पंचायत सचिवों ने सरकार को 26 मार्च तक तनख्वाह देने का अल्टीमेटम दिया है।
मध्यप्रदेश पंचायत सचिव संगठन के अध्यक्ष दिनेश शर्मा ने बताया कि 7 सूत्रीय मांगों को लेकर संगठन के 313 ब्लॉक और 52 जिला मुख्यालय के ब्लॉक-जिला अध्यक्ष कलेक्टर्स को ज्ञापन सौंपेंगे। इसमें बताया जाएगा कि 25 मार्च तक यदि मांगों का निराकरण नहीं हुआ तो 26 मार्च से वे सामूहिक अवकाश पर चले जाएंगे। सात दिन के सामुहिक अवकाश पर भी तनख्वाह नहीं मिलने पर हड़ताल को आगे बढ़ाया जाएगा।
सरकार के सामने रखी मांगें
- महीने की एक तारीख को वेतन देने के आदेश जारी हो।
- तीन से चार महीने का नहीं मिला वेतन
- मुख्यमंत्री के आदेश पर भी 20 महीने बाद भी समयमान वेतनमान का सचिवों को नहीं मिला लाभ
- शासकीय कर्मचारियों की तरह सभी सुविधाएं मिलें
- प्रदेश की 313 जनपद में वेतन के लिए बजट में अलग से प्रावधान किया जाए
- सचिवों के पांचवें और छठवें वेतनमान में सेवा काल की गणना नियुक्ति दिनांक से करें
- अनुकंपा नियुक्ति के शेष बचे पिछड़ा वर्ग और वंचित अनुकंपा की सौ फीसद नियुक्तियां हो
- विभाग में संविलियन की मांग पूरी हो