MP News: मध्यप्रदेश सरकार ने राज्य के 850 से अधिक IAS, IPS और IFS अधिकारियों को 17 दिनों के भीतर अपनी और अपनी पत्नी की संपत्तियों का पूरा ब्योरा शासन को प्रस्तुत करने का आदेश दिया है। इन अधिकारियों को यह बताना होगा कि उनके पास प्रदेश के अलावा अन्य राज्यों में भी कोई संपत्ति है या नहीं, और यदि है तो उसकी पूरी जानकारी देनी होगी।
इस जानकारी में अधिकारियों को यह भी स्पष्ट करना होगा कि संपत्ति कब खरीदी गई थी, उसका खरीद मूल्य क्या था और वर्तमान में उसका बाजार मूल्य कितना है। इन निर्देशों के तहत, अधिकारियों को वर्ष 2024 में खरीदी गई अचल संपत्तियों का विवरण प्रस्तुत करना होगा, ताकि संपत्तियों की पारदर्शिता बनी रहे और यह सुनिश्चित किया जा सके कि अधिकारी अपनी संपत्तियों के बारे में सही जानकारी दे रहे हैं।
केंद्र के निर्देशों का पालन
केंद्रीय कार्मिक एवं प्रशिक्षण मंत्रालय (डीओपीटी) द्वारा पहले ही दिशा-निर्देश जारी किए जा चुके हैं, जिनके अनुसार आईएएस, आईपीएस और आईएफएस अधिकारियों के लिए अपनी संपत्तियों का विवरण देना अनिवार्य है। सभी अधिकारी 1 जनवरी से 31 जनवरी 2025 के बीच इस विवरण को ऑनलाइन तय फॉर्मेट में अपलोड करेंगे और साथ ही इसकी हार्ड कॉपी भी शासन को भेजेंगे।
अधिकारियों- कर्मचारियों को अपनी संपत्तियों के बारे में निम्नलिखित विवरण देना होगा:
- संपत्ति का स्थान - संपत्ति कहां स्थित है, यह बताना होगा।
- खसरा नंबर और क्षेत्रफल - संपत्ति का खसरा नंबर और उसका क्षेत्रफल भी दर्ज करना होगा।
- खरीद मूल्य और वर्तमान बाजार मूल्य - संपत्ति कब खरीदी गई, उसका मूल्य क्या था और वर्तमान में उसका बाजार मूल्य क्या है, यह विवरण भी अनिवार्य है।
- पैतृक संपत्ति - यदि संपत्ति पूर्वजों से मिली है, तो उसका भी ब्योरा देना होगा।
- मध्यप्रदेश के बाहर स्थित संपत्ति - यदि संपत्ति राज्य के बाहर है, तो उसकी जानकारी भी दी जानी होगी।
मंत्री स्टाफ के कर्मचारी भी देंगे रिपोर्ट
इसके साथ ही, राज्य मंत्रालय ने तृतीय श्रेणी कर्मचारियों, सहायक अनुभाग अधिकारियों, सहायक ग्रेड-2, सहायक ग्रेड-3 और अन्य मंत्रालयीन कर्मचारियों से भी उनकी संपत्तियों का ब्योरा मांगा है। यह ब्योरा 31 दिसंबर 2024 की स्थिति में देना होगा।