Forest village Duglai Balaghat: बालाघाट के नक्सल प्रभावित वनग्राम दुगलई विकास की कुछ तस्वीरों के सहारे जगमग है। 20 साल के कडे़ संघर्ष के बाद यहां लोगों को मूलभूत सुविधाएं तो मुहैया हो गईं, लेकिन बिजली-आवास जैसी कई जरूरी सुविधाएं अब भी पहुंच से दूर हैं। प्रस्तुत है राहुल टेंभरे की ग्राउंड रिपोर्ट...।
बैहर विकासखंड के इस गांव तक पहुंचने के लिए पहले न पक्की सड़क थी और न ही पेयजल सुविधा। स्कूल, आंगनवाडी और सभामंच की भी हालत दयनीय थी। सड़क-बिजली और स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव में लोग नरकीय जीवन गुजारने को मजबूर थे। जिले के आईएएस व आईपीएस गांव का दौरा कर विकास की इबारत लिखने की बात कहते रहे। लोगों को हर जरूरी सुविधा उपलब्ध करवाने का आश्वासन भी दिया, लेकिन सालों बाद भी गांव में यह सुविधाएं मुहैया नहीं हो पाईं।
हरिभूमि की टीम ने नक्सल प्रभावित दुगलई गांव पहुंचकर न सिर्फ ग्रामीणों की समस्याएं समझी, बल्कि खबरों के जरिए उनकी परेशानी को आला अफसरों तक पहुंचाया। समस्या समधान के लिए हर संभाव प्रयास भी किए। जिसके बाद गांव की तस्वीर बदलने लगी है।
सड़क से सुगम हुई स्वास्थ्य सेवा
आवश्यक्ता अनुसार, संभावित जगहों पर पुल-पुलियों के निर्माण हुए। गोदरी से दुगलई तक डामरीकरण रोड और स्कूल भवन का निर्माण हुआ। सोलर पैनल के सहारे रोशनी और पेयजल की सुविधा मिल गई। नलों के जरिए घरों तक पानी पहुंचने लगा। सड़क निर्माण से स्वास्थ्य सेवाएं भी सुगम हो गईं है। आपात स्थिति में गांव तक एम्बुलेंस पहुंच जाती है।
शिविर लगाकर दुरुस्त करें दस्तावेज
वनग्राम दुगलई में कुछ ग्रामीणों को सरकारी योजनाओं का लाभ मिला है। कुछ परिवारों के दस्तावेज अधूरे हैं, जिन्हें बनाने के लिए पुन: शिविर लगाए जाने की जरूरत है। 25 घरों की आबादी वाले अब इस गांव में विकास की कुछ तस्वीरें अब भी अधूरी हैं। हरिभूमि की टीम रविवार, 12 मई 2024 को दोबारा इस गांव के दौरे पर पहुंची तो लोग काफी खुश दिखे।
बिजली से आसान हो जाएगी जिंदगी
वनग्राम दुगलई में हुए विकास कार्य से ग्रामीण संतुष्ट हैं। हरिभूमि के प्रति आभार जताते हुए कहते हैं कि गांव में विद्युत लाइन आ जाए जिंदगी काफी आसान हो जाए। उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना के पारदर्शिता लाने की जरूरत बताई है। कहा, गांव के ज्यादातर लोग कच्चे घर में रहते हैं। पीएम आवास के जरिए उन्हें पक्की छत की सौगात मिल सकती है। रोजगार के मौजूदा संसाधनों से लोग संतुष्ट हैं। बोले-राशन पानी मिल रहा है, जिसके सहारे जिदंगी मस्त मलंग चल रही है।
इन अफसरों की भूमिका अहम
वनग्राम दुगलई की तस्वीर बदलने में तत्कालीन कलेक्टर गुलशन बामरा, नवनीत मोहन कोठारी, जबलपुर कमिश्नर भारत यादव, तात्कालीन जिला पंचायत सीईओ उमा माहेंश्वरी व कलेक्टर गिरीश मिश्रा जैसे आईएएस अफसरों का भी योगदान है। सभी अफसरों ने अपने अपने कार्यकाल में यहां के लिए कुछ न कुछ प्रयास किए हैं।