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Indore Metro: इंदौर मेट्रो का प्रोजेक्‍ट 2027 दिसंबर तक पूरा होना है, लेकिन रूट बदला तो 2030 से निर्माण संभव नहीं होगा। लागत भी 1200 से 1300 करोड़ बढ़ सकती है। केंद्र सरकार और लोन एजेंसी की सहमति भी जरूरी है।

Indore Metro: इंदौर में मेट्रो ट्रेन का इंतजार और लागत दोनों बढ़ सकती है। इसके वर्तमान रूट को लेकर जनप्रतिनिधियों में सहमति नहीं बन पा रही। सोमवार को हुई बैठक में नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने नए सिरे से फिजिबिलिटी सर्वे कराने के निर्देश अफसरों को दिए हैं। जबकि, लोकसभा की पूर्व स्पीकर सुमित्रा महाजन ने प्रोजेक्ट की धीमी प्रगति पर सवाल उठाए। 

सोमवार को ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में मेट्रो रेल प्रोजेक्ट को लेकर हुई बैठक में नगरीय विकास मंत्री विजयवर्गीय ने कहा कि मेट्रो निर्माण में कोई गलती हुई है तो उसे सुधारने की जरूरत है। मेट्रो एक साल बाद बने, लेकिन शहरवासियों को उसकी सजा नहीं मिलनी चाहिए। मेट्रो के अधिकारी जनता से सुझाव व सर्वे कर एक माह में रिपोर्ट तैयार करें। संभावनाएं तलाशकर फिजिबिलिटी तय करें। अगली बैठक में इसी आधार पर निर्णय लिए जाएंगे। जरूरत पड़ी तो दिल्ली बात करूंगा।

सुमित्रा महाजन ने देरी पर उठाए सवाल 
पूर्व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने आगामी 25-30 साल के विकास को ध्यान में रखकर मेट्रो प्रोजेक्ट तैयार कराने की अपील की। साथ ही उसकी धीमी प्रगति पर सवाल उठाए। कहा, पहले फेज में ही देरी हो रही है। सुपर कारिडोर यानी खुले हिस्से में यह हाल है तो शहर के व्यस्त इलाकों में क्या होगा? 

कहा-सतत निगरानी की जरूरत
सुमित्रा महाजन ने कहा, मेट्रो निर्माण की सतत निगरानी होनी चाहिए। इंदौर वाले मनमानी सहन नहीं करेंगे। एयरपोर्ट में अंडर ग्राउंड स्टेशन निर्माण होने तक हवाई अड्डे का विकास रोकने की जरूरत नहीं है। राजवाड़ा से मल्हारगंज होते हुए बड़ा गणपति तक मेट्रो ले जाने की बजाय सुभाष मार्ग से इसके लिए वैकल्पिक मार्ग तय किया जाए।

इंदौर मेट्रो का रूट 
इंदौर मेट्रो का अभी बंगाली चौराहे से पलासिया तक ओवरहेड व रीगल से एयरपोर्ट तक अंडर ग्राउंड रूट तय है। यह रूट वर्ष 2017 में तय हुआ और 2018 में प्रोजेक्ट को स्वीकृति मिली। 

अप्रैल में हुई थी बैठक
मेट्रो के अंडरग्राउंड कारिडोर अलाइनमेंट को अंतिम रूप देने अप्रैल 2023 में जनप्रतिनिधियों की बैठक हुई थी। सोमवार को मेट्रो अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों की बैठक में बंगाली चौराहे से पीपल्याहाना चौराहा होते हुए रीगल तक नया रूट तय करने की मांग की गई है।

सरकार राशि दे तो ही संभव: मंडलोई
प्रमुख सचिव नीरज मंडलोई ने कहा, सुझावों पर अमल करना सरकार का काम है। मेट्रो को बंगाली चौराहे से नीचे उतारने पर दो हजार करोड़ अतिरिक्त खर्च आएगा। केंद्र सरकार यह राशि देने को तैयार होगी तभी बदलाव संभव होगा। 

इंदौर मेट्रो की प्रमुख बातें 

  • 2027 दिसंबर तक पूरा होना है मौजूदा मेट्रो प्रोजेक्ट
  • 31.32 किमी कुल लंबाई है मेट्रो प्रोजेक्ट की
  • 22.62 किमी एलिवेटेड रूट से गुजरेगी मेट्रो
  • 8.7 किमी भूमिगत मार्ग पर चलेगी ट्रेन
  • 7500 करोड़ है परियोजना की लागत
  • 40 फीसद राशि अब तक खर्च हो चुकी 
  • 3.25 हजार करोड़ अब तक खर्च हुए
  • 2030 तक पूरा हो पाएगा काम रूट बदलने पर
  • 3 किलोमीटर बढ़ेगा मेट्रो का रूट
  • 1200 से 1300 करोड़ के बढ़ जाएगी लागत
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