भोपाल( संजीव सक्सेना)। मध्यप्रदेश के हजारों नवनियुक्त शिक्षकों को सौ प्रतिशत वेतन एवं स्वैच्छिक स्थानांतरण का इंतजार आज भी करना पड़ रहा है। नवनियुक्त शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष रंजीत गौर सहित अन्य नवनियुक्त शिक्षकों का कहना है कि भाजपा सरकार को पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा लिए गए फैसले पर अमल करते हुए सभी नवनियुक्त शिक्षक व कर्मचारियों को पूरा वेतन प्रदान करना चाहिए।
वर्ष 2019 में कांग्रेस की कमलनाथ सरकार ने नवनियुक्त कर्मचारियों के मूल वेतन को पहले वर्ष 70 दूसरे वर्ष में 80 और तीसरे वर्ष में 90 प्रतिशत देने का प्रावधान कर दिया था। यह आज तक लागू है जिससे नवनियुक्त शिक्षकों व कर्मचारियों को प्रतिमाह हजारों रुपयों का नुकसान हो रहा है। 12 अप्रैल 2023 को नवनियुक्त शिक्षकों के प्रशिक्षण कार्यक्रम में तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कमलनाथ सरकार के इस फैसले को बदलते हुए दूसरे वर्ष से 100 प्रतिशत वेतन देने का निर्णय लिया था जिसके आदेश आज तक नहीं आए हैं।
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स्वैच्छिक स्थानांतरण की मांग की जा रही
नवनियुक्त शिक्षकों एवं अन्य नवीन कर्मचारियों द्वारा संबंधित अधिकारियों, शिक्षा मंत्री से लेकर वर्तमान मुख्यमंत्री तक को कई बार आवेदन और ज्ञापन सौंपे जा रहे हैं। साथ ही साथ सोशल मीडिया के प्लेटफार्म एक्स के माध्यम से भी 100 प्रतिशत वेतन, परिवीक्षा अवधि को कम करने एवं स्वैच्छिक स्थानांतरण कराने की मांग लगातार की जा रही है।
राजधानी भोपाल में कर सकते हैं बड़ा प्रदर्शन
मोहन सरकार की पिछली कैबिनेट मीटिंग में नवनियुक्त शिक्षकों को काफी उम्मीद थी कि 100 प्रतिशत वेतन देने एवं इस सत्र के लिए स्थानांतरण नीति के प्रस्ताव को स्वीकृत करते हुए स्वैच्छिक स्थानांतरण शुरू किए जाएंगे, लेकिन ऐसे कोई निर्देश अभी तक प्राप्त नहीं हुए हैं जिससे नवनियुक्त शिक्षकों में मायूसी दिखाई दे रही है। ऐसे में सभी नवनियुक्त शिक्षक और कर्मचारी जल्द भोपाल में कोई बड़ा प्रदर्शन भी कर सकते हैं।