Bhopal News : मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में अब फायर सेफ्टी के इंतजाम के साथ ही बिल्डिंगों का ऑडिट किया जाएगा। आए दिन आग से लगातार हो रहे हादसों को रोकने के लिए अब नगर निगम भोपाल बिल्डिंग परमिशन देने के साथ फायर सेफ्टी भी अनिवार्य करने जा रहा है। जिसके तहत हर साल फायर सेफ्टी का ऑडिट कराना पड़ेगा।
पाइप का इंतजाम होना चाहिए
यह नियम कमर्शियल बिल्डिंग और मल्टी स्टोरी बिल्डिंगों के लिए अनिवार्य रहेगा। नगर निगम की जिम्मेदारी होगी कि वह नियमित रूप से होटल, रेस्टॉरंट, कोचिंग, स्कूल, कॉलेज और अन्य कमर्शियल बिल्डिंगों की फायर सेफ्टी जांच कर। फायर सेफ्टी में अग्निशमन उपकरण, पर्याप्त पानी का इंतजाम, इमरजेंसी दरवाजा, फायर अलार्म, प्रेशर मशीन, वॉल और पाइप का इंतजाम होना चाहिए।
सालाना फायर आडिट कराना भी जरूरी होगा
नए नियम के अनुसार अगर कोई नई बिल्डिंग बनाई जा रही है तो निगम से फायर अनापत्ति प्रमाण पत्र लेना और सालाना फायर आडिट कराना भी जरूरी होगा। आम लोग बिल्डिंग परमिशन के साथ नगरीय प्रशासन विभाग के पोर्टल से फायर अनापत्ति प्रमाण पत्र के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
फायर सेफ्टी डेमो का लगेगा शुल्क
नगर निगम अग्नि दुर्घटना से बचाव संबंधी सुझाव और डेमो के लिए 1500 रुपए का शुल्क वसूल करेगा। इसके साथ फायर अनापत्ति प्रमाण पत्र संबंधी शुल्क भी निगम ने तय किया है। दो हजार वर्ग फीट के भवन के लिए फायर अनापत्ति प्रमाण पत्र लेने दो हजार रुपए देना पड़ेंगे। वहीं 2001 से 5000 वर्गफीट तक के निर्माण के लिए 3000 रुपए, 5001 से 15000 वर्गफीट तक के लिए 5000 रुपए तय किए हैं।
कॉमर्शियल भवनों में फायर सेफ्टी जरूरी
कलेक्टर भोपाल कौशलेंद्र विक्रम सिंह की ओर से यह बताया गया कि आग से होने वाले हादसों को रोकने के लिए मल्टी स्टोरी बिल्डिंग सहित कमर्शियल भवनों में आग से बचाव के इंतजाम जरूरी है। निगम को बिल्डिंग परमिशन के साथ फायर सेफ्टी अनिवार्य करने के निर्देश दिए गए हैं।