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MP Nursing College Scam: कांग्रेस ने गुरुवार को प्रेस कान्फ्रेंस कर नर्सिंग घोटाले में चौकाने वाले खुलासे किए। कहा, यह MP की 8 करोड़ जनता की सेहत से खिलवाड़ है, लेकिन सरकार और CBI के अफसर आरोपियों को बचाने में जुटे रहे।

MP Nursing College Scam: मध्य प्रदेश के बहुचर्चित नर्सिंग घोटाले में कांग्रेस ने गुरुवार को प्रेस कान्फ्रेंस कर कई चौंकाने वाले खुलासे किए। भोपाल स्थित प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में इस दौरान विधानसभा के उप नेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे मीडिया विभाग के प्रमुख मुकेश नायक के साथ मामले को उजागर करने वाले विसिल ब्लोवर रवि परमार भी मौजूद रहे।
 

राज्य मेडिकल काउंसिल ने बदले नियम 
मुकेश नायक ने कहा, मप्र की भाजपा सरकार शुरू से इस मामले में घोटालेबाजों को बचाने में लगी है। आने वाले सत्र में इस मुद्दे को विधानसभा में उठाया जाएगा। हाईकोर्ट भी जाएंगे। सरकार, सीबीआई और कॉलेज संचालक चंद रुपयों की फायदे के लिए प्रदेशवासियों की सेहत खतरे में डाल रहे हैं। राज्य मेडिकल काउंसिल ने नेशनल मेडिकल काउंसिल के नियमों को दरकिनार कर नए नियम बना लिए। ताकि, फर्जी कॉलेजों को मान्यता दी जा सके। सरकार मूक दर्शक बनी रही।  

नए सत्र के नामांकान के लिए फर्जी कॉलेजों को माना योग्य 
बताया कि नर्सिंग घोटाला मप्र के 35 हजार छात्रों के कॅरियर ही नहीं बल्कि, देश प्रदेश के करोड़ों लोगों के लिए जानलेवा साबित हो सकता है। कोरोना कॉल में हम सबने देखा है कि अस्पतालों में कैसी कैसी फैक्ल्टी भर ली गई थी। कुछ नर्सें इंजेक्शन लगाते नहीं लगा पाती थीं, लेकिन सरकार घोटालेबाजों को बचाने में जुटी हुई है। कल नए सत्र के नामांकन के लिए जिन कॉलेजों की सूची जारी की है, उनमें तमाम ऐसे नर्सिंग कॉलेज शामिल हैं, जिनके संचालक फर्जीवाड़े में गिरफ्तार किए गए हैं। यानी कॉलेज फर्जी हैं। 

279 में से सिर्फ 19 कॉलेजों की मान्यता रद्द 
मुकेश नायक ने बताया, मप्र के ज्यादातर नर्सिंग कालेज भाजपा नेताओं द्वारा संचालित किए जा रहे हैं। यही कारण है कि सरकार और सीबीआई के अफसर उनके साथ कदमताल मिलाकर चल रहे हैं। 23 अफसरों के खिलाफ FIR कर पद से हटा दिया गया, लेकिन उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसी तरह से 279 में से सिर्फ 19 नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता रद्द की गई है। शेष कॉलेज के संचालकों को बचाने का प्रयास किया जा रह है। 

मंत्रियों की भूमिका पर उठाए सवाल
मुकेश नायक ने तत्कालीन चिकित्सा शिक्षा मंत्री व वर्तमान स्वास्थ्य मंत्री की भूमिका पर सवाल उठाते हुए कहा, हाईकोर्ट की टिप्पणी के बाद भी मेडिकल यूनिवर्सिटी के कुलपति, एक्जाम कंट्रोलर और रजिस्टार के खिलाफ कार्रवाई नहीं की थी। तीन साल पहले जो नर्सिंग कॉलेज खोल, उन्हें अब जाकर मान्यता मिली है। इनमें ऐसे स्टूडेंट्स के पंजीयन करा दिए गए, जिन्होंने न फर्स्ट इयर किया न सेकंड इयर सीधे फाइनल परीक्षा करा दी।  

घोटाले का खुलासा करने वाले को हथकड़ी पहनाकर घुमाया
मुकेश नायक ने कहा, मामले का खुलासा करने वाले रवि परमार को भाजपा की सरकार ने भोपाल की सड़कों पर हथकड़ी पहनाकर घुमाया था। यह कहां का न्याय है। करोड़ों का मुनाफा कमाने वाली नर्सिंग कॉलेजों को खामियों के बावजूद मान्यता दे दी गई, लेकिन उनकी पोल खोलने वाले को जेल भेजा गया। 

एक बिल्डिंग में आठ-आठ कॉलेज संचालित
मुकेश नायक ने बताया कि जिन कॉलेजों को अपात्र मानकर उनके संचालकों को लेनदेन का दोषी माना गया है, उनके कॉलेजों को मंत्री ने मान्यता दिलवा दी। जबकि, यहां वही फर्जी फैकल्टी के नाम हैं। एक बिल्डिंग में आठ आठ नर्सिंग कॉलेज संचालित है। अस्पताल नहीं है। मुकेश नायक ने चिंता जताते हुए कहा, इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाएं। ताकि, मप्र के हजारों बच्चों का भविष्य बर्बाद होने से बच सकें। 

रवि परमार ने नियम और फर्जीवाड़े से जुड़ी अहम जानकारी दी

  • रवि परमार ने नर्सिंग घोटाले पर चर्चा करते हुए कहा, मप्र में नर्सिंग कॉलेज संचालित करने के लिए 100 बेड का अस्पताल जरूरी है। 23 हजार वर्गफीट की बिल्डिंग, प्राचार्य, प्राध्यापक और सहायक प्राध्यापक के लिए कई मापदंड निर्धारित हैं, लेकिन किसी नियमों का पालन नहीं किया गया। 
  • रवि परमार ने बताया कि मप्र चिकित्सा शिक्षा विभाग ने भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज की प्राध्यापक सुनीता सूले को मप्र का रजिस्टार नियुक्त कर दिया गया। हमने उसी समय विरोध किया था। बताया था कि जरूरी योग्यता और अनुभव नहीं है, लेकिन सरकार ने गंभीरता से नहीं लिया। बाद में जब हाईकोर्ट की टिप्पणी पर चिकित्सा विभाग ने निलंबित तो किया, लेकिन जिम्मेदारियों से पद से पृथक नहीं किया। 
  • रवि ने बताया कि जबलपुर में ऐसा ही फर्जीवाड़ा हुआ था। जिस पर जबलपुर हाईकोर्ट ने टिप्पणी करते हुए जांच के निर्देश दिए थे। इसे बाद ग्वालियर हाईकोर्ट ने भी इस पर टिप्पणी करते हुए सीबीआई को जांच के निर्देश दिए, लेकिन सीबीआई के अफसरों ने भी रिश्वत लेकर अयोग्य नर्सिंग कॉलेजों को योग्य बता दिया। 
  • रवि ने बताया कि 2022 और 2023 की मान्यता प्राप्त करने के लिए मप्र के 284 नर्सिंग कॉलेजों ने 1624 फर्जी फैकल्टी दिखाए। हमारे पास इन सबकी पूरी लिस्ट है, जो दूसरे प्रदेशों में पदस्थ हैं, लेकिन उनके प्रमाण-पत्र आठ आठ नर्सिंग कॉलेजों में लगाकर मान्यता हासिल कर ली। ऐसा कैसा संभव है कि एक टीचर एक ही दिन में ग्वालियर, जबलपुर भोपाल के अलावा अन्य प्रदेशों में पढ़ा सकता है। 
  • रवि परमार ने बताया कि धार जिले में जो नर्सिंग कॉलेज के संचालक गिरफ्तार किए गए हैं, वह भाजपा की हर बैठकों में शामिल होते थे। पाटी के सीनियर नेताओं से उनकी साठगांठ है। भोपाल के मलय कॉलेज की बिल्डिंग आठ हजार की वर्गफीट है। जबकि, जिस अस्पताल का नाम मान्यता मिली है, उसकी दूरी 40 किमी दूर है, जबकि, यह 20 किमी होनी चाहिए। 
  • विश्वास सारंग के मंत्री बनने के बाद एक साल में 200 से ज्यादा नर्सिंग कॉलेज खोले गए। इनमें एक कालेज तो ऐसा था कि उसकी बिल्डिंग तक नहीं बनी थी। किराये चार कमरों के इस कॉलेज को भी मान्यता दे दी गई। इंदौर भोपाल सहित कई कॉलेजों के संचालकों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इसके बावजूद नामांकन के लिए फर्जी नर्सिंग कॉलेजों को योग्य बता दिया गया है। 
  • मामले में कई बड़े घोटालेबाजों की गिरफ्तारी अभी शेष है। सीबीआई के प्रति लोगों में बहुत भरोसा था, लेकिन इस घोटाले में जिस तरीके से उसके अफसर 10-10 लाख रुपए लेते पकड़े गए हैं, उससे लोगों का भरोसा टूट गया है। उसके अफसरों ने रुपए तो लिए ही, प्राइवेट कॉलेजों से कहा कि यह कॉलेज आउटसोर्स करने की भी मांग की। 


 

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