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MP News: मध्यप्रदेश के 30 से ज्यादा जिलों में बेमौसम बारिश हुई है। कृषि मंडियों में खुले में रखा लाखों क्विंटल धान भीग गया है। धान को व्यवस्थित करने अधिकारियों ने कोई इंतजाम नहीं किए हैं। हालात ऐसे ही रहे तो हमारे हिस्से का अन्न बर्बाद हो जाएगा।

भोपाल। मध्यप्रदेश में मौसम का मिजाज बदला है। पिछले चार दिन से कहीं तेज तो कहीं हल्की बारिश हो रही है। बेमौसम बारिश के बीच कृषि उपज मंडियों में लापरवाही की तस्वीरें सामने आई हैं। मंडी में खुले में रखा धान भीग गया है। चारों तरफ पानी भरा है। बावजूद इसके प्रशासन ने अभी तक धान को व्यवस्थित करने कोई इंतजार नहीं किए हैं। विदिशा, पन्ना, देवेंद्र नगर, सिंगरौली, रीवा, रायसेन, सीहोर, उज्जैन, नरसिंहपुर सहित 20 से ज्यादा जिलों की मंडियों और खरीदी केंद्रों में लाखों क्विंटल धान भीग गया है। जल्द ही धान को सुरक्षित नहीं किया गया तो यह सड़ जाएगा। 

देवेंद्र नगर: हजारों क्विंटल धान के खराब होने की आशंका है
देवेंद्र नगर कृषि उपज मंडी में धान उपार्जन केन्द्र शिव शंकर स्वयं सहायता समूह उमरी में खुले में धान रखा है। पिछले कई दिनों से हो रही बारिश में धान भीग गया है। धान सड़ने की कगार पर पहुंच गया है लेकिन प्रशासन के अफसरों ने अभी तक इसे सुरक्षित रखने के इंतजाम नहीं किए। हजारों क्विंटल धान के खराब होने की आशंका है। 

किसानों ने घर से तिरपाल-पन्नी लाकर सुरक्षित किया धान
किसानों ने अपने घरों से तिरपाल और पन्नी की व्यवस्था कर अपनी धान को सुरक्षित कर लिया, लेकिन मंडियों में रखे धान को मंडी समिति ने बारिश से बचाव के कोई इंतजाम नहीं किए। ऐसे में हजारों क्विंटल धान खराब हो सकता है।

केंद्रों में चारों तरफ फैली अव्यवस्था, नहीं जाग रहे जिम्मेदार
बता दें कि प्रशासनिक अधिकारी केंद्र प्रभारियों को धान की सुरक्षा की जिम्मेदारी देता है। यह जिम्मेदारी इसलिए दी जाती है ताकि धान खरीदी केंद्र में किसी भी प्रकार की अव्यवस्था न हो लेकिन इस केंद्र पर प्रभारी द्वारा किसी भी प्रकार के इंतजाम नहीं किए गए। जिससे प्रशासन को धान खरीदी पर घाटा लग सकता है।  

35 जिलों में पिछले चार दिन से हो रही हल्की और तेज बारिश
बता दें कि प्रदेश के 35 से ज्यादा जिलों में पिछले चार दिन से हल्की और तेज बारिश हो रही है। 30 जिलों में घना कोहरा छाया हुआ है। अभी आगे भी छह दिन मौसम ऐसा ही रहने का अनुमान मौसम विभाग ने जताया है। अभी भी धान को खरीदी केंद्र में व्यवस्थित नहीं किया गया तो यह पूरी तरह सड़ जाएगा और सरकार को घाटा लग सकता है।  

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