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Pari Bazaar: भोपाल की सांस्कृतिक विरासत पर केंद्रित परी बाजार का शुभारंभ गुरुवार को किस्सागोई और गजल के साथ शुभारंभ हुआ।  राज्यपाल मंगूभाई ने प्रोत्साहित किया। 

Pari Bazaar: भोपाल के गौहर हल में आयोजित चार दिवसीय परी बाजार का शुभारंभ गुरुवार को राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने किया। बेगम ऑफ भोपाल क्लब ने इस कार्यक्रम को लगातार चौथे साल आयोजित किया है। प्रदेशभरसे आए कलाकारों ने गोंड, भील और बैगा पेंटिंग्स के जरिए सभी को आकर्षित किया। वन्या के जनजातीय व्यंजनों पर आधारित स्टॉल लोगों के मुंह में पानी लाने का काम किया है। सचिव तमसिल खान, उपाध्यक्ष वीनू धीर, अध्यक्ष रख़शां ज़ाहिद उपस्थित हुए।

परी बाजार के शुभारंभ अवसर पर आए राज्यपाल मंगुभाई पटेल मुख्य रूप से उपस्थित हुए। इस दौरान उन्होंने कहा कि बेगम्स ऑफ भोपाल की टीम ने जिस ढंग से भोपाल की गंगा जमुना तहजीब को संवार कर रखा है, वह सरहनीय है। उन्होंने कहा भोपाल की वर्षो पुरानी कला और संस्कृति को देखने का अवसर इस बाजार में मिलता है। राज्यपाल ने कहा यह देखकर प्रसन्नता हुई कि आप लोगो ने अलग अलग स्व सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं को जोड़कर उनके हुनर को मंच दिया। मुझे उम्मीद है कि भविष्य में आप लोग इसी खूबसूरत ढंग से काम करते रहेंगे।

गोंड कलाकारों ने दी प्रस्तुति
गुरुवार शाम हुई सांस्कृतिक प्रस्तुतियों में वन्या की ओर से गोंड जनजाति के पारंपरिक अहीर समूह नृत्य की प्रस्तुति दी गई। राधे कृष्ण की अठखेलियों को लोक नृत्य के माध्यम से दिखाया। दीपक और समूह के कलाकारों ने मनमोहक प्रस्तुति दी। लगभग 15 मिनट की इस प्रस्तुति में कलाकारों ने अपनी लोक कला और संस्कृति से परिचित कराया।

20 महिलाओं का हुआ सम्मान 
समारोह में 20 महिलाओं को सम्मानित किया गया। इसमें एजुकेशन के लिए डॉ. उषा खरे, नताशा खान, आर्ट एंड लिट्रेचर के लिए ममता तिवारी,  ब्यूटी के क्षेत्र में फरहा अनवर को सम्मानित किया गया। 

Pari bazar
भोपाल के गौहर महल में आयोजित परी बाजार में प्रतिभागियों को मिला सम्मान। 

भोपाल पे चर्चा में हुई तहजीब, जबान और रिवाजों की चर्चा
पैनल डिस्कशन सेशन में भोपाल शहर पर चर्चा के लिए आर्किटेक्ट मीरा दास, मैनिट की प्रोफेसर सविता राजे, कवि राजेश जोशी, खालिद घानी, अशार किदवई, मुमताज खान और रजिया हामिद ने चर्चा की। इस सत्र में मुमताज खान ने भोपाल की तहजीब और भोपाल जबान पर बात की। उन्होंने कहा - भोपाल के लोग इतने अच्छे हैं कि कोई अनजान भी उनसे कोई पता पूछता है तो वे उसे घर तक छोड़कर आते हैं। 

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भोपाल के पकवानों और खानसमों पर हुई बात
किस्सागोई के सत्र में भोपाल के इतिहासकार सिकंदर मलिक ने भोपाल की फूड हिस्ट्री के बारे में बताया। उन्होंने कहा - शिकार करने की आदत की वजह से भोपाल के पुरुष खाना बनाने के मामले में हमेशा से बहुत अच्छे रहे हैं। लोगों की गलत फहमी है कि भोपाल मुस्लिम रियासत थी तो यहां का ज्यादातर खाना नॉनवेज ही है। इस शहर में वेज डिशेज भी उतने ही अच्छे से सेलिब्रेट की जाती थीं, जिस तरह नॉनवेज डिशेज। 

गजल प्रस्तुति से बांधा समां
परी बाजार की पहली शाम गजलों से खुशनुमा हुई। इस दौरान तारिक अंसारी ने एक से बढ़कर एक गजल की प्रस्तुति देकर समां बांधा। तारिक ने तुमको देखा तो ये ख्याल आया.... गजल सुनाकर प्रस्तुति का आगाज किया। इसके बाद उन्होंने होंटो से छू लो तुम..., वो कागज की कसती वो बारिश का पानी..., तुम इतना जो मुस्कुरा रहे हो..., झुकी झुकी सी नजर... जैसी गजलों की मनमोहक प्रस्तुति दी। प्रस्तुति के अंत में तारिक ने होश वालो को क्या खबर... और आज जाने की जिद न करो... गजल सुनाकर प्रस्तुति को विराम दिया।

प्रस्तुति: मधुरिमा राजपाल 

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