भोपाल। मध्यप्रदेश में कुत्तों का खौफ इतना ज्यादा बढ़ गया है कि लोग बचने के लिए टोटकों का सहारा ले रहे हैं। भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर, इंदौर, उज्जैन सहित कई जिलों में कुत्तों के काटने की घटना से भयभीत लोगों ने टोटका शुरू कर दिया है। लोग आवारा कुत्तों से बचाव के लिए अपने गेट पर प्लास्टिक की बाटल में लाल रंग डालकर बांध रहे हैं।
एमपी में रोज 2500 से ज्यादा लोगों को कुत्ते काट रहे हैं
लोगों का कहना है कि प्रशासन के दावे सिर्फ कागजों में हैं। हकीकत में कुत्तों की संख्या कम होने की जगह लगातार बढ़ रही है। एमपी में रोज औसत 2500 से ज्यादा लोगों को कुत्ते काट रहे हैं। प्रदेश के अलग-अलग जिलों के अस्पतालों से हुई बातचीत के आधार पर यह आंकड़ा सामने आया है। कई जिलों में तो कुत्तों के काटने से दर्दनाक मौतें भी हुई हैं। इन मौतों की घटनाओं ने लोगों को हैरान कर दिया है।
भोपाल में डेढ़ लाख कुत्ते, हर दिन 105 लोगों को काट रहे
भोपाल की बात करें तो राजधानी में साढ़े छह लाख मकान हैं और कुत्तों की संख्या डेढ़ लाख है। औसत हर दिन 105 लोगों को कुत्ते शिकार बना रहे हैं। भोपाल में आवारा कुत्तों के काटने से पिछले पांच साल में 5 मासूमों की मौत हो चुकी है। निगम प्रशासन ने नसबंदी और धरपकड़ के लिए शहर को चार जोन में बांटा है। 65 कर्मचारी काम कर रहे हैं, लेकिन कुत्तों के काटने की घटनाएं हर दिन सामने आ रही हैं। लोगों का अब प्रशासन की व्यवस्थाओं से विश्वास उठ गया है।
ऐसा करने से डरकर भाग जाते हैं कुत्ते
जानकारों ने बताया कि कुत्तों को लाल या नीला रंग दिखाई नहीं देता। इसका मतलब यह नहीं है कि इस रंग की वस्तु उनकी आंखों के सामने बनने वाले चित्र से गायब हो जाती है, बल्कि कलर ब्लाइंडनेस के कारण उन्हें नीला या फिर लाल रंग देखने में तकलीफ होती है। इसलिए वह उस स्थान को छोड़ देना पसंद करते हैं, जहां पर लाल या फिर नीला रंग होता है। कई बार कुत्ते बेवजह भौंकने लगते हैं, इसका कारण भी कलर ब्लाइंडनेस हो सकता है। कुत्ते रंगों में भेद नहीं कर पाते और लाल, नीले रंगों से डर कर भाग जाते हैं।
भोपाल की इन कॉलोनियों में टोटका कर रहे लोग
बता दें कि घरों की सुरक्षा के लिए लोग कुत्ते पालते हैं और गेट पर कुत्ते से सावधान की तख्ती लगाते हैं। अब आवारा कुत्तों से सुरक्षा लिए लोग प्लास्टिक की बाटल में लाल रंग या सिंदूर डालकर घरों के गेट पर बांध रहे हैं। भोपाल, जबलपुर सहित कई शहरों की कॉलोनियों ऐसा नजारा देखने को मिला। लोगों का मानना है कि घरों के बाहर गेट पर लाल रंग मिलाकर पानी की बाटल बांधने से कुत्ते उनके घरों के बाहर नहीं बैठते हैं। भोपाल की अरेरा कॉलोनी, गोकुल धाम कॉलोनी, द्वारकाधाम कॉलोनी, शिवाजी नगर, एमपी नगर, श्री राम कॉलोनी सहित कई कॉलोनियों में लोग यह टोटका कर रहे हैं।
भोपाल में दो बच्चों की मौत ने सबको कर दिया था हैरान
- बता दें कि भोपाल में कुत्तों के झुंड ने 7 साल के बच्चे को नोंच कर मार डाला था। कुत्ते 7 महीने के इस बच्चे को पार्क से घसीटकर ले गए और उसका एक पूरा हाथ खा लिया था। बच्चे का शव लहूलुहान मिला था। पूरे शरीर पर कुत्तों के दांत और नाखूनों के निशान थे। 10 जनवरी को मिनाल रेसीडेंसी में दर्दनाक घटना घटित हुई थी।
- इस घटन के कुछ दिन बाद भोपाल में ही कुत्ते के काटने के 15 दिन बाद 4 साल के बच्चे की मौत हो गई थी। कुत्ते के काटने के बाद बच्चा अजीब हरकतें करने लगा था। बेहोश हो जाने पर अस्पताल ले गए। डॉक्टर ने बच्चे को मृत घोषित कर दिया।
जानें बड़े शहरों में रोज कितने लोगों को काट रहे कुत्ते
शहर | कुत्ते काटने के केस |
इंदौर | 140 |
भोपाल | 120 |
जबलपुर | 105 |
ग्वालियर | 95 |
उज्जैन | 75 |
खंडवा | 50 |