मधुरिमा राजपाल, भोपाल: 24 कैरेट लिक्विड गोल्ड से तैयार 15000 की प्लेटर तो वहीं 19वीं शताब्दी से की जाने वाली जापान की सबसे मुश्किल नेरिकोमी तकनीकि, जिसे सीखने में आर्टिस्ट को कई साल लग जाते हैं और इसके बाद बना आर्ट पीस अपने आप में ही अनोखा होता है। साथ ही गौहर महल की प्रतिकृति के रूप में सजे पॉट्स जिन्हें देखकर कोई देखता ही रह जाएगा। बेहद ही खूबसूरत और कीमती आर्ट पीसेस से सजा गौहर महल का नजारा अपने आप में ही खास था। गुरुवार से गौहर महल में पॉटर्स मार्केट का आयोजन किया जा रहा है जो 1 दिसंबर तक जारी रहेगा। इस एग्जीबिशन में देश के जाने-माने पॉटर्स ने अपने आर्टवर्क डिस्प्ले किए हैं।
पॉट पर गोल्ड क्वाइल से पेंट, अपने आप में चुनौतिपूर्ण
पॉटर देवयानी ने बताया कि मैं मुख्य रूप से वॉस पर काम करती हूं और करीब 20 सालों से मैं सेरेमिक्स से आर्ट वर्क बनाती आई हूं। उन्होंने कहा कि इस एग्जीबिशन में मेरी सबसे बेस्ट आर्ट वर्क 24 कैरेट लिक्विड गोल्ड से तैयार 15000 की प्लेटर है। जिसे बनाने में मुझे काफी वक्त लगा। क्योंकि इसे बनाने के लिए मुझे ज्यादा फायर करना पड़ा, साथ ही गोल्ड क्वाइल से पेंट करना अपने आप में चुनौतिपूर्ण हैं।
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15 सालों में सीख पाई जापान की नेरिकोमी तकनीकि
वहीं कविता गांगुली ने कहा कि मेरे ज्यादातर आर्टवर्क नेरिकोमी तकनीकि पर बने है जो जापान की सबसे मुश्किल तकनीकि है, जिसे सीखने में मुझे 15 साल लगे। यह तकनीकि मुख्य रुप से लाइंस व डॉट्स पर आधारित है। उन्होंने कहा कि मैं इस एग्जीबिशन में तीन आर्ट वर्क को लेकर आई हूं। जिसमें दो आर्ट वर्कगौहर महल की प्रतिकृति हैं जो वहीं एक आर्ट वर्क में समुद्र मंथन।
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मिट्टी के बर्तनों के साथ ही प्रकृति पर आधारित आर्ट वर्क
वहीं लेखा भगत ने कहा कि मैं ज्यादातर टेबलवेयर का काम करती हूं। इससे मुझे दिल से काफी अच्छा लगता है। 2001 से अपना स्टूडियो चलाने वाली लेखा ने कहा कि मैंने नेरिकोमी तकनीक को अपनाया है, जिससे मैं पारंपरिक मिट्टी के बर्तनों के साथ ही प्रकृति को अपनी प्रेरणा मानकर आर्ट वर्क करती हूं।