Prahlad unique devotion: राजस्थान के प्रहलाद की अनोखी भक्ति देखकर हर कोई अचंभित रह गया। अपनी मन्नत के लिए 55 साल के प्रहलाद भीषण गर्मी में 400 किमी की दंडवत यात्रा कर बाबा महाकाल की शरण में पहुंचे। प्रहलाद का सफर अभी पूरा नहीं हुआ है। ओंकारेश्वर और फिर अयोध्या तक दंडवत यात्रा करेंगे। भगवान रामलला के दर्शन करने के बाद भक्त प्रहलाद की यात्रा पूरी होगी।
भीषण गर्मी में रोज डेढ़ किमी दंडवत यात्रा
नौतपा की तपन और भीषण गर्मी में प्रहलाद ने 400 किलोमीटर दंडवत प्रणाम किया। उनकी आस्था ने सबको हैरान कर दिया। प्रहलाद रोजाना भीषण गर्मी में पैदल बिना चप्पल से डेढ़ किमी की दंडवत यात्रा कर रहे हैं। प्रहलाद अपने हाथ में नारियल लेकर दंडवत प्रणाम करते हुए आगे चलते हैं। उनका साथ देने के लिए पत्नी पूजा भी कपड़े का झोला लेकर पीछे-पीछे चल रही हैं। बुजुर्ग पति-पत्नी की हर व्यक्ति अपने हिसाब से मदद कर रहा है।
डेढ़ साल पहले शुरू की थी यात्रा
जानकारी के मुताबिक, राजस्थान के राजसमंद में रहने वाले 55 साल के प्रहलाद उर्फ शंभू बुनकर पत्नी पूजा के साथ डेढ़ वर्ष पहले अपने घर से यात्रा पर निकले थे।राजस्थान से यात्रा शुरू कर सबसे पहले प्रहलाद ने रामदेवरा के दर्शन किए। उसके बाद अजमेर पुष्कर जी के दर्शन करते हुए वे उज्जैन महाकाल मंदिर पहुंच गए। अब अंत में वे ओंकारेश्वर और अयोध्या तक इसी तरह दंडवत यात्रा करेंगे।
कठिन परिश्रम में भगवान का आशीर्वाद
प्रह्लाद की इतनी कठिन यात्रा को देखकर लोगों ने उनसे पूछा कि आखिर कौन सी ऐसी मन्नत है? जिसके लिए कड़ी धूप में दंडवत यात्रा कर रहे हैं? प्रहलाद ने बताने से इनकार कर दिया। इतना जरूर कहा कि हमारे इस कठिन परिश्रम में भगवान का आशीर्वाद साथ है। कई लोग प्रहलाद की मदद के लिए आगे आए हैं।
जानें क्या बोले प्रहलाद
प्रहलाद का कहना है कि ईश्वर की कृपा है कि जब भूख लगती है तो उससे पहले ही भोजन मिल जाता है। प्यास लगने से पहले पानी देने वाले हमारे सामने होता है। रोज खाने-पीने का इंतजाम हो जाता है। कभी श्रद्धालु खाना खिला देते हैं तो कभी हम होटल में खा लेते हैं। उज्जैन में महाकाल थाने में पदस्थ एसआई चंद्रभान सिंह ने प्रहलाद को खाने-पीने का सामान दिया।