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RGPV FD Scam: भोपाल स्थित राजीव गांधी प्रोद्योगिकी विश्वविद्यालय में करीब 20 करोड़ का फर्जीवाड़ा सामने आया था। जिसमें ED ने दबिश देकर RGPV की 1 करोड़ 90 लाख की संपत्ति फ्रीज कर दी। मामले में कुछ नेताओं की भूमिका संदिग्ध मिली है।

RGPV FD Scam: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने भोपाल स्थित राजीव गांधी प्रोद्योगिकी विश्वविद्यालय (RGPV) के FD घोटाले में बड़ी कार्रवाई की है। ईडी ने RGPV की 1 करोड़ 90 लाख की संपत्ति फ्रीज की है। ED की जांच के दौरान RGPV में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। इसमें कई नेताओं की भूमिका भी संदिग्ध मिली है। फर्जीवाड़े से जुड़े अभिलेख भी बरामद किए गए हैं। 

दरअसल, RGPV के पूर्व कुलपति प्रोफेसर सुनील कुमार और निलंबित रजिस्ट्रार आरएस राजूपत समेत चार लोगों के खिलाफ राजीव गांधी विश्वविद्यालय के 20 करोड़ करीब निजी अकाउंट में ट्रांसफर किए जाने का आरोप है। 

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विवि के पैसों का प्रॉपर्टी में निवेश 
पूर्व कुलपति सुनील कुमार, पूर्व रजिस्ट्रार आरएस राजपूत और पूर्व वित्त नियंत्रक के ठिकानों में छापेमारी के दौरान ईडी को बड़ी संख्या में अवैध दस्तावेज और चल अचल संपत्ति के रिकॉर्ड मिले हैं। जांच में पता चला कि आरोपियों ने विवि के पैसे का उपयोग प्रापर्टी इन्वेस्टमेंट में किया है। ED ने एमपी और झारखंड में दो दिन तक जांच की है। 

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मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट 2002 के तहत दबिश 
ED की भोपाल टीम ने 2 सितंबर को प्रिवेंशन आफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट 2002 के तहत भोपाल, सोहागपुर, पिपरिया और झारखंड के रांची-बोकारो में आरजीपीवी के पूर्व कुलपति, पूर्व वित्त नियंत्रक और पूर्व रजिस्ट्रार के ठिकानों पर छापेमारी की थी। इस दौरान ईडी बड़ी संख्या में अवैधानिक दस्तावेज और चल-अचल संपत्ति के रिकार्ड मिले हैं। जिन्हें सीज करने की प्रक्रिया शुरू की गई है। भोपाल के गांधी नगर थाने में एफआईआर भी दर्ज है। 

जांच में मिली 1.90 करोड़ की वेजा संपत्ति 
जांच में पता चला कि आरोपियों ने विवि के खातों से 20 करोड़ रुपए निकाल कर निजी खातों और ट्रस्ट में ट्रांसफर किए हैं। यह रकम उन्होंने प्रॉपर्टी इन्वेस्टमेंट के लिए दूसरे खातों में ट्रांसफर की है। फिक्स डिपाजिट, म्यूचुअल फंड और ज्वेलरी समेत उनके पास से 1.90 करोड़ की चल संपत्ति मिली है। इसमें बैंक स्टाफ की भूमिका संदिग्ध है। फिलहाल, जांच जारी है।

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