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Sagar Regional Industrial Conclave: मध्य प्रदेश के सागर में शुक्रवार, 27 सितंबर को रीजनल इंडस्ट्रियल कॉन्क्लेव होनी है। इसमें 4500 उद्यमी और 60 बड़े औद्योगिक समूह शामिल होंगे। इससे बुंदेलखंड के विकास को गति मिलेगी।

Sagar Regional Industrial Conclave: मध्य प्रदेश के सागर में शुक्रवार, 27 सितंबर को रीजनल इंडस्ट्रियल कॉन्क्लेव होनी है। इसके लिए 4500 उद्यमियों ने पंजीयन कराया है। 60 बड़े औद्योगिक समूहों के शामिल होने की भी संभावना है। पीटीसी ग्राउंड में आयोजित इस कान्क्लेव का शुभारंभ मुख्यमंत्री मोहन यादव करेंगे। इस दौरान माइनिंग, टूरिज्म क्षेत्र में निवेश की संभावनाएं हैं। 

रीजनल इंडस्ट्रियल कॉन्क्लेव के लिए सागर को आकर्षक तरीके से सजाया गया है। इसमें एमपी यूपी समेत देश और विदेश के उद्यमी शामिल होंगे। मुख्यमंत्री मोहन यादव निवेश के इच्छुक उद्यमियों से वन टू वन चर्चा भी करेंगे। अंत में वन डिस्ट्रिक, वन प्रोडक्ट पर कार्यशाला भी होगी। 

बुंदेलखंड में खनिज, पर्यटन, नवकरणीय उर्जा, पेट्रोल केमिकल्स, प्लास्टिक, खाद्य प्रसंस्करण, डेरी और फर्नीचर निर्माण, टेक्सटाइल, आईटी, डॉटा सेंटर के क्षेत्र में निवेश अपनार संभावनाएं हैं। 

मुख्यमंत्री मोहन यादव बुंदेलखंड क्षेत्र के उद्योगपतियों से भी चर्चा कर चुके हैं। इस दौरान क्षेत्रीय उद्योगों को बढ़ावा देने व्यापक पैमाने पर निवेश की सहमति जताई गई है। 

फूड प्रोसेसिंग और उत्पादन का हब बनाने के होंगे प्रयास सागर की पहचान चांदी उद्योग से रही है। टमाटर, मिर्ची, हल्दी और देशी घी का उत्पादन भी यहां पर्याप्त मात्रा में होता है। इसलिए फूड प्रोसेसिंग की संभावनाएं ज्यादा हैं।  
शाहगढ़ और हीरापुर क्षेत्र में रॉक फॉस्फेट, डोलोमाइट, जिप्सम, सोप स्टोन और आयरन प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है।  शाहगढ़ का काला पत्थर देश-विदेश में विख्यात है।  सिद्गुवां औद्योगिक क्षेत्र में सड़क, बिजली और पानी जैसी मूलभूत सुविधा उपलब्ध कराई जा रही हैं। 

सागर संभाग का औद्योगिक परिदृश्य
सागर संभाग में सागर, छतरपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी, दमोह और पन्ना जिले आते हैं। सागर में 5 औद्योगिक क्षेत्रों में कुल 440 एकड़ भूमि पर 206 औद्योगिक इकाइयां कार्यरत हैं। इनमें 211 करोड़ का पूंजी निवेश हुआ और 4789 लोगों को रोजगार मिल रहा। भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) की बीना रिफाइनरी में 15000 करोड़ का निवेश और 4000 लोगों को रोजगार शामिल है। रिफाइनरी के विस्तार और पेट्रोकेमिकल कॉम्पलेक्स निर्माण के लिए 49000 करोड़ का अतिरिक्त निवेश प्रस्तावित है। इससे हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा।

छतरपुर में 82 औद्योगिक इकाइयां 
छतरपुर जिले के 3 औद्योगिक क्षेत्रों में 82 इकाइयां कार्यरत हैं। इनमें 19 करोड़ का निवेश और 560 लोगों को रोजगार मिला है। ढढारी में 131 एकड़ भूमि पर नया औद्योगिक क्षेत्र विकसित किया जाना है। सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग की ओर से दामची, नया गांव, पठापुर, और सिकारपुरा में भी नए औद्योगिक क्षेत्रों विकसित किए जाएंगे। ताकि, खाद्य प्रसंस्करण, खनिज आधारित उद्योग और इंजीनियरिंग वर्क्स जैसे उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा।

टीकमगढ़: 12 करोड़ निवेश, 358 रोजगार
टीकमगढ़ जिले के 4 औद्योगिक क्षेत्रों में 32 इकाइयां संचालित हैं। इनमें 12 करोड़ का पूंजी निवेश हुआ है और 358 लोगों को रोजगार मिला है। बेल मेटल क्लस्टर और फर्नीचर क्लस्टर का निर्माण प्रस्तावित है। सुनोरा खिरिया, कारी खास, और लिधौरा उगड़ में औद्योगिक क्षेत्र विकसित किए जा रहे हैं। इससे उद्योगों को विस्तार मिलेगा। 

निवाड़ी: इंटीग्रेटेड स्टील प्लांट से 1164 को रोजगार
निवाड़ी जिले के 3 औद्योगिक क्षेत्र में 119 इकाइयां कार्यरत हैं। यहां 135 करोड़ का पूंजी निवेश हुआ है और 1690 लोगों को रोजगार मिला है। पैसिफिक मेटा स्टील्स ने 1772 करोड़ के निवेश से इंटीग्रेटेड स्टील प्लांट का निर्माण कर रहा है। इससे 1164 लोगों को रोजगार मिलेगा। बबेड़ी जंगल और जेर में नए औद्योगिक क्षेत्र विकासित किए जा रहे हैं। 

दमोह: जेएसडब्ल्यू सीमेंट प्लांट  
दमोह जिले के 3 औद्योगिक क्षेत्रों में 53 औद्योगिक इकाइयां कार्यरत हैं। इनमें 16 करोड़ का पूंजी निवेश हुआ है। 210 लोगों को रोजगार मिला है। यहां मेसर्स जेएसडब्ल्यू सीमेंट ने 3000 करोड़ के निवेश से सीमेंट प्लांट का निर्माण प्रस्तावित है। इससे स्थानीय उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। 

पन्ना: 46 करोड़ पूंजी निवेश, 178 को रोजगार
पन्ना जिला हीरा खदानों के लिए देशभर में चर्चित है। यहां 2 औद्योगिक क्षेत्र हैं, जिनमें 20 औद्योगिक इकाइयां कार्यरत हैं। इनमें 46 करोड़ का पूंजी निवेश हुआ है और 178 लोगों को रोजगार मिला। अमानगंज में 2000 करोड़ की लागत से सीमेंट प्लांट बना। डायमंड बिजनेस पार्क की स्थापना की तैयारी जारी है। 

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