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Sambal Yojana Scam: महानियंत्रक लेखा परीक्षक (कैग) ने संभल योजना में 23 करोड़ 81 लाख का घोटाला उजागर किया है। सिवनी जिले में 11 करोड़ 79 लाख चहेतों को बांटे गए। सतना, श्योपुर, सीहोर, शिवपुरी, छतरपुर, देवास, दमोह, खंडवा, मंदसौर, रायसेन, आगर मालवा और विदिशा में भी फर्जीवाड़ा हुआ है।

Sambal Yojana Scam: मध्य प्रदेश में पीड़ित परिवारों को मिलने वाली आपदा राहत रााशि में बड़ा घोटाला समाने आया है। 13 जिलों में यह राशि पीड़ित परिवारों की बजाय अधिकारी-कर्मचारियों ने अपने रिश्तेदारों के बैंक खाते में ट्रांसफर करा दी। महानियंत्रक लेखा परीक्षक (कैग) ने 23 करोड़ 81 लाख रुपए का घोटाला उजागर किया है। संबंधित कलेक्टरों से जवाब भी मांगा गया है। 

कैग की रिपोर्ट के अनुसार, सिवनी जिले में सर्वाधिक 11 करोड़ 79 लाख रुपए 59 चहेतों के बैंक खातों में ट्रांसफर किए गए हैं। इस फर्जीवाड़े में डीडीओर सहित अन्य कर्मचारियों की भूमिका संदिग्ध बताई गई है। इन कर्मचारियों ने 291 जाली स्वीकृति आदेश जारी कर 4-4 लाख रुपए अनाधिकृत लोगों के बैंक खातों में राशि ट्रांसफर कर दी।

इन जिलों में भी फर्जीवाड़ा 
सिवनी जिले के अलावा श्योपुर, सतना, सीहोर, शिवपुरी, छतरपुर, देवास, दमोह, खंडवा, मंदसौर, रायसेन, आगर मालवा और विदिशा जिलों में भी फर्जीवाड़ा सामने आया है। दोषी अधिकारी कर्मचारियों ने 93 बैंक प्रकरण बनाकर 2 करोड़ 67 लाख रुपए का घोटाला किया है। 

13 जिलों में 650 से अधिक फर्जी प्रकरण
कैग रिपोर्ट के मुताबिक, एमपी के 13 जिलों में 650 से अधिक फर्जी प्रकरण सामने आए हैं। इनमें से 93 बैंक खाते अधिकारी-कर्मचारियों के रिश्तेदारों के शामिल हैं। जिनमें 2 करोड़ 67 लाख रुपए ट्रांसफर किए गए हैं। टोटल फर्जीवाड़ा 21 करोड़ 14 लाख का बताया गया है। 

डीडीओ ने ई-भुगतान में फर्जी नाम दर्ज किए हैं। जिनके नाम पर कई लेन-देन हुए हैं। धोखाधड़ी के लिए एक ही व्यक्ति के अलग-अलग बैंको में दो से 4 खाते खुलवाए गए। डीडीओ ने अनधिकृत व्यक्तियों के खातों में लाभार्थियों को स्वीकृत राहत राशि का भुगतान किया।  

291 फर्जी आदेश, 11.64 करोड़ का बंदरबांट
कैग रिपोर्ट के मुताबिक, सिवनी जिले की केवलारी तहसील में 1 हजार 948 देयकों की जांच की गई। इनमें से 81 पानी में डूबने, 201 आकाशीय बिजली और 90 सर्पदंश के फर्जी प्रकरण स्वीकृति कर 11 करोड़ 64 लाख रुपए का बंदरबांट किया गया है। मृत व्यक्तियों के नाम पर यह राशि 59 अनाधिकृत लोगों के बैंक खातों में ट्रांसफर कर दी गई। पंचनामा, पटवारी प्रतिवेदन और एफआईआर तक संलग्न नहीं है। 

केवलारी एसडीओ के फर्जी हस्ताक्षर
राजस्व अधिकारियों ने स्वीकृति आदेशों पर केवलारी एसडीओ के फर्जी हस्ताक्षर कर कई बार फर्जी भुगतान किया है। रमेश नाम के हितग्राही के बैंकखाते 30 बार में 120 लाख और द्वारकाबाई के बैंक खातों में 29 बार में 116 लाख रुपए ट्रांसफर किए गए हैं। 

मानदेय भुगमान में भी फर्जीवाड़ा 
फर्जीवाड़ा यहीं नहीं रुका, अधिकारी-कर्मचारियों ने कोटवारों के परिश्रमिक भुगतान में भी 1 लाख 84 हजार का घोटाला किया है। यह राशि भी उन्होंने चहेतों के बैंक खाते में ट्रांसफर कर दी। कैग रिपोर्ट में हुए खुलासे के बाद प्रदेशभर में हड़कंप मचा हुआ है। तहसीलदार, नायब तहसीलदार सहित 4 कर्मचारी निलंबित कर एफआईआर दर्ज कराई गई है।   

रिश्तेदारों को बांटी राशि
सीहोर जिले की इछावर, रेहटी और आष्टा तहसील में 45 बैंक खातों में 1 करोड़ 17 लाख रुपए ट्रांसफर किए गए। ई-भुगतान आदेश के अनुसार, 11 बैंक खातों में 76 लाख 22 हजार रुपए फर्जी तरीके से भुगतान कर तीन कर्मचारियों और चार रिश्तेदारों में राशि बांट ली गई। श्योपुर जिले में 6 बैंक खातों में 15 लाख 54 हजार और शिवपुरी जिले के 19 बैंक खातों में 41 लाख 30 हजार डाले गए हैं। दोनों जिलों में 9 कर्मचारी और 10 रिश्तेदारों को आरोपी बनाया गया है।  

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