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Navratri 2024 Day-1 : शारदीय नवरात्रि के पहले दिन गुरुवार, 03 अक्टूबर को मां शैलपुत्री की पूजा की गई। मैहर के मां शारदा धाम, दतिया के पीतांबरा पीठ और सलकनपुर (सीहोर) के बिजासन देवी धाम में भक्तों की लंबी कतार है। शाम तक यहां लाखों भक्तों के पहुंचने का अनुमान है।  

Navratri 2024 Day-1 : शारदीय नवरात्रि का पर्व गुरुवार, 03 अक्टूबर से शुरू हो गया। भक्तों ने पहले दिन घट स्थापना कर भक्तों ने मां शैलपुत्री की पूजा की। सुबह 11.36 से 12.24 के बीच अभिजीत मुहूर्त है। जो कि घटस्थापना और ज्योत कलश स्थापना के काफी अनुकूल माना गया है। देश के प्रसिद्ध देवी मंदिरों में भक्तों की लंबी लगी है। मैहर के मां शारदा धाम, दतिया के पीतांबरा पीठ, सलकनपुर के बिजासन देवी धाम में भी भक्तों की लंबी कतार लगी है। 

ज्यातिषाचार्य पंडित मोहन लाल द्विवेदी ने बताया कि नवरात्रि इस वर्ष गुरुवार से शुरु हो रही हैं। पहले दिन घटस्थापना कर श्रद्धालु जवारे बोते हैं। साथ ही ज्योत कलश की स्थापना करते हैं। इसके लिए सुबह 11.36 से 12 .24 के मध्य अभिजीत मुहूर्त शुभ माना गया है। 7 अक्टूबर को पंचमी के दिन मातारानी का विशेष शृंगार होता है। 11 अक्टूबर, शुक्रवार को दुर्गा अष्टमी में हवन होगा।  

शारदा धाम मैहर: वीआईपी दर्शन प्रतिबंधित 
मैहर त्रिकूट पर्वत स्थित मां शारदा देवी धाम में गुरुवार से नवरात्र मेला प्रारंभ हो गया। मेले में कोई अव्यवस्था न हो, इसके लिए व्यापक इंतजाम किए गए हैं। मंदिर परिसर में बड़ी संख्या सुरक्षाबल तैनात किया गया है। इस बार मैहर मेले में 15 लाख से अधिक श्रद्धालु पहुंचने का अनुमान है। पुलिस अधीक्षक सुधीर अग्रवाल ने बताया कि पहले दिन ही डेढ़ से दो लाख श्रद्धालु पहुंच सकते हैं।  देवी दर्शन में उन्हें परेशानी न हो, इसके लिए मंदिर में वीआईपी दर्शन यानी गर्भ गृह में पूजा प्रतिबंधित कर दी गई है। 

बिजासन धाम सलकनपुर : तुलादान और अखंड ज्योत
सीहोर जिले के सलकनपुर में बिजासन माता का 400 साल पुराना मंदिर है। यहां भक्तों की हर मनोकामना पूरी होती है। मन्नतपूरी होने पर श्रद्धालु माता के दरबार में अखंड ज्योत जलाते हैं और तुलादान करते हैं। इस साल भी सैकड़ों लोग तुलादान कर मातारानी के चरणों में 125 अखंड ज्योत जलाएंगे। लेकिन बीते दिनों उपजे लड्ड विवाद के चलते इस बार लड्डू प्रतिबंधित कर दिए गए हैं।

बगलामुखी मंदिर नलखेड़ा: 54 साल से जल रही आखंड ज्योति 
आगर मालवा जिला मुख्यालय से 35 किमी दूर नलखेड़ा में मां बगलामुखी का प्रसिद्ध मंदिर है। पांडव काल में बने इस मंदिर की महिमा अपार है। यहां पिछले 54 साल से लगातार आखंड ज्योति प्रज्जवलित है। नवरात्रि में देश-विदेश से रोजाना लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं। मातारानी उन्हें अलौकिक स्वरूप में दर्शन देती हैं। मंदिर में 25 करोड़ लागत से सोने-चांदी का नक्काशी युक्त कार्य कराया जा रहा है। यह राशि जनसहयोग से जुटाई गई है। प्रथम चरण का कार्य पूर हो चुका है।  

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पीतांबरा पीठ दतिया: भक्तों के लिए खोले चारा द्वार 
दतिया स्थित मां पीतांबरा के दर्शन के लिए विशेष व्यवस्थाएं की गई हैं। भक्तों को देवी दर्शन आसानी से हो सकें, इसके लिए सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं। नवरात्रि के पहले दिन सुबह से भक्तों की कतार लगी है। शाम तक 60 हजार से अधिक श्रद्धालु पहुंचने का अनुमान है। मंदिर के चारों मुख्य द्वार खोल दिए गए हैं। मंदिर प्रबंधन ने बाहर से आए देवी साधकों के ठहरने की व्यवस्था भी की है। 

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