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MP State Museum: भोपाल में स्थिति राज्य संग्रहालय बड़ी चोरी की घटना की वारदात होने से बच गई। इस घटना ने संग्रहालय की जिम्मेदारी संभाल रहे अधिकारियों की पोल खोल दी। यहां के अधिकारियों को यह भी जानकारी नहीं है कि संग्रहालय में सुरक्षा के नाम पर कितने कैमरे लगे हैं।

आशीष नामदेव, भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में स्थिति राज्य संग्रहालय में एक चोर यहां पर चोरी की वारदात को अंजाम देने के लिए 2 दिन तक म्यूजियम में रहा। 15 करोड़ के सिक्के और गहने चुराने में वह इसलिए असफल हो गया, क्योंकि वह दीवार फांदने की कोशिश में गिरकर घायल हो गया है। जिसके चलते संग्रहालय में एक बड़ी चोरी होते हुए बच गई और चोर पकड़ा भी गया, लेकिन इस तरह झोला लेकर टिकट के नाम पर चोर राज्य संग्रहालय में चोरी के इरादे से घुसने वाली घटना कोई आम घटना नहीं है और राज्य संग्रहालय इस घटना को पूरी तरह से आम बताने में लगा हुआ है।

सुरक्षा गार्ड के जिम्मे संग्रहालय
राज्य संग्रहालय के जिम्मेदार लोग इस तरह की घटना पर इसे अपनी जिम्मेदारी तक नहीं मान रहे हैं। इतना ही नहीं संग्रहालय के अधिकारियों को संग्रहालय में कितने कैमरे हैं, इसकी भी जानकारी नहीं है। साथ ही वहां 3 गेट हैं और तीन सुरक्षा गार्ड के जिम्मे ही पूरा संग्रहालय चल रहा है। अधिकारी इस घटना पर साफ तौर पर कह रहे हैं कि हम इस मामले में कुछ नहीं कह सकते हैं ये पुलिस केस है। इस घटना पर हरिभूमि की टीम ने पुलिस से बात की तो जानकारी सामने आई कि फिलहाल संग्रहालय के फर्स्ट फ्लोर को सील कर दिया गया है।

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लापरवाही के चलते एसआईटी गठित 
शहर के श्यामला हिल्स थाना इंचार्ज धुमेंद्र सिंह बैस से हरिभूमि ने बात की तो उन्होंने साफ तौर पर इसको राज्य संग्रहालय की लापरवाही बताया। बैस ने कहा कि इसको लेकर एसआईटी गठित कर दी गई है, आगे वह इस घटना पर पूरी तरह से जांच करेगी। बैस ने कहा कि हमारी टीम ने राज्य संग्रहालय से फोटोज की मांग की है, साथ ही इतने बड़े संग्रहालय में कोई अलार्म भी नहीं है कि अगर कोई अंदर रह गया है तो इसपर अलार्म इत्यादि व्यवस्था होना चाहिए।

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श्यामला हिल्स थाना इंचार्ज धुमेंद्र सिंह बैस

मानव संग्रहालय में 54 कैमरे ऑफ
राजधानी के इंदिरा गांधी मानव संग्रहालय में कर्नल नितिन देशपांडे सुरक्षा प्रभारी ने बताया कि कृष्णा एजेंसी के जरिए सुरक्षा के लिए 44 सुरक्षा गार्ड रखे गए हैं, जो कि सभी संग्रहालय के मुताबिक सबसे अधिक है। साथ ही इनकी तीन अलग-अलग शिफ्ट रखी गई है, साथ ही पूरे संग्रहालय में सुरक्षा के लिए 54 कैमरे लगाए गए हैं, फिलहाल पानी के कारण 54 कैमरे बंद है। जनसंपर्क अधिकारी अशोक शर्मा ने बताया है कि मानव संग्रहालय की सुरक्षा बहुत अच्छी है, यहां रजिस्टर में एंट्री के बिना कोई प्रवेश नहीं कर सकता है।

दुष्यंत संग्रहालय की सुरक्षा 8-10 कैमरों से 
भोपाल में दुष्यंत संग्रहालय की निदेशक करुणा राजुकर ने बताया कि संग्रहालय की 30 दिसंबर 1997 में शुरुआत हुई। लेखक दुष्यंत का साहित्य और उनके सामान में पासबुक, घड़ी, मेडल, कोर्ट, जूते, नेम प्लेट के साथ ही अभिनेता अमिताभ बच्चन को पत्र जो लिखा था वह सभी संग्रहित है। यहां पर उनका धर्मवीर भारतीय को लिखा पत्र है, उनके नाम से डाक टिकट जो जारी हुआ था, वह सभी यहां पर मौजूद हैं। इस संग्रहालय में 8-10 कैमरे लगे हैं, जिनके जरिए सुरक्षा की जा रही है। इसके अलावा कोई सुरक्षा व्यवस्था नहीं है।

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दुष्यंत संग्रहालय की निदेशक करुणा राजुकर

बिड़ला संग्रहालय की सुरक्षा 4 गार्ड और 2 कैमरे से 
शहर के जीपी बिड़ला संग्रहालय के क्यूरेटर बीके लोखंडे ने बताया कि जीपी बिड़ला का पुरातात्विक संग्रहालय 9 अप्रैल 1971 से अस्तित्व में है। यहां पर पाषाण उपकरण, ताम्राश्म सभ्यता के दैनिक जीवन में उपयोग की सामग्री, रजत और ताम्र मुद्राएं, पाषाण प्रतिमाएं, पाण्डुलिपियां, धातु प्रतिमाएं, मृण मूर्तियां आदि प्रदर्शित है। यह सभी बेशकीमती हैं, जिनकी कीमत का अंदाजा भी नहीं लगाया जा सकता है।

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जीपी बिड़ला संग्रहालय के क्यूरेटर बीके लोखंडे

सामानों की सुरक्षा के लिए 4 गार्ड और 2 कैमरे लगे हुए है, जिनके जरिए संग्रहालय की सुरक्षा हो रही है। इसमें सुरक्षा में संग्रहाध्यक्ष, गैलरी अटेंडेंट क्लोज सर्किट कैमरे, 4 सिक्योरिटी गार्ड लगे हुए हैं। लोखंडे ने बताया कि इनके अतिरिक्त बिरला मंदिर और संग्रहालय के 24 घंटे सुरक्षा बतौर कैंपस में ही स्टाफ क्वार्टर है। सबसे प्राचीन धरोहरों में पाषाण उपकरण, उत्खनित पुरावशेष, कौशांबी के मृण्मूर्ति, और पाषाण प्रतिमाओं के साथ प्राचीन रजत और ताम्र धातु की मुद्रा है।

जनजातीय संग्रहालय में एंट्री का समय और नाम भी 
भोपाल के जनजातीय लोक कला एवं बोली विकास अकादमी डॉ. धर्मेंद्र पारे ने बताया कि जनजातीय संग्रहालय में सुरक्षा को लेकर बहुत इंतजाम किए गए है। यहां करीब पूरे संग्रहालय में 94 कैमरे लगे हैं, साथ ही यहां पर कृष्णा एजेंसी के जरिए 9 गार्ड लगाए गए हैं, जो अलग-अलग टाइम पर कार्य करते हैं। यहां पर हर व्यक्ति के आने वाले की एंट्री होती है, इसलिए गेट पर नाम भी लिखा जाता है। संग्रहालय में टिकट देने के बाद ही आगंतुकों को प्रवेश दिया जाता है।

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जनजातीय लोक कला एवं बोली विकास अकादमी डॉ. धर्मेंद्र पारे

मानव संग्रहालय में सबसे ज्यादा सुरक्षा गार्ड, लेकिन 54 कैमरे मिले ऑफ
इंदिरा गांधी मानव संग्रहालय में कर्नल नितिन देशपांडे सुरक्षा प्रभारी ने बताया कि कृष्णा एजेंसी के जरिए सुरक्षा के लिए 44 सुरक्षा गार्ड रखे गए हैं, जो कि सभी संग्रहालय के मुताबिक सबसे अधिक है। साथ ही इनकी तीन अलग-अलग शिफ्ट रखी गई है, साथ ही पूरे संग्रहालय में सुरक्षा के लिए 54 कैमरे लगाए गए हैं, फिलहाल पानी के कारण 54 कैमरे बंद है। साथ ही जनसंपर्क अधिकारी अशोक शर्मा ने बताया है कि मानव संग्रहालय की सुरक्षा बहुत अच्छी है, यहां रजिस्टर में एंट्री के बिना कोई प्रवेश नहीं कर सकता है। 

राजधानी के प्रमुख संग्रहालय -
1. राज्य संग्रहालय
2. इंदिरा गांधी मानव संग्रहालय
3. जनजातीय संग्रहालय
4. बिड़ला संग्रहालय
5. भारत भवन संग्रहालय
6. सप्रे संग्रहालय
7. दुष्यंत संग्रहालय

सुरक्षा गार्ड के मुख्य काम ये हैं
1. लोगों और सामान की सुरक्षा करना
2. अपराध रोकना
3. संदिग्ध गतिविधियों पर नज़र रखना
4. आपात स्थितियों में काम करना
5. गश्त करना
6. घटनाओं की रिपोर्ट तैयार करना
7. उपकरणों की निगरानी करना
8. अनियमितताओं की रिपोर्ट करना
9. जरूरतमंद लोगों को मदद करना

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सुरक्षा गार्ड के पास ये उपकरण होना जरुरी
रेडियो वॉकी-टॉकी: संग्रहालय में ड्यूटी करने वाले सुरक्षा गार्डों के पास रेडियो वॉकी-टॉकी देना आवश्यक है। सुरक्षा गार्ड रेडियो या वॉकी-टॉकी की मदद से आस-पास तैनात अन्य सुरक्षा गार्डों के साथ बातचीत करते हैं। वॉकी-टॉकी का इस्तेमाल तब किया जाता है, जब कर्मियों के बीच दूरी ज्यादा हो या किसी घटना के बारे में कई लोगों को बताना हो।
सेल-फोन: सुरक्षा गार्ड के पास त्वरित कॉल के लिए सेल-फोन होना चाहिए। इसमें सभी महत्वपूर्ण संपर्कों को स्पीड डायल पर रखा जा सकता है।
इयरपीस: इयरपीस की मदद से किसी से निजी तौर पर बातचीत की जा सकती है। इसका इस्तेमाल दूसरे गार्ड या सहायकों को निर्देश देने के लिए भी किया जा सकता है।
 
सुरक्षा गार्डों के लिए जरूरी उपकरण-
सुरक्षा हेलमेट
दस्ताने
आंखों की सुरक्षा
उच्च दृश्यता वाले कपड़े
सुरक्षा जूते
सुरक्षा हार्नेस
श्वसन सुरक्षा उपकरण (आरपीई) होने आवश्यक हैं।

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