Quits Congress before Lok Sabha election: कांग्रेस का प्रदेश नेतृत्व जहां मध्य प्रदेश की 18 लोकसभा सीटों पर उम्मीदवार तय करने में जुटा हुआ है, वहीं पार्टी के पुराने नेता एक-एक कर साथ छोड़ते जा रहे हैं। पिछले महीनेभर में पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी, संजय शुक्ला, विशाल पटेल, जावेद जफर सहित करीब आधा सैकड़ा कांग्रेस नेता भाजपा ज्वाइन कर चुके हैं। गुरुवार को कांग्रेस को विंध्य और महाकौशल में फिर बड़े झटका लगा। रीवा के पूर्व सांसद, सतना के पूर्व महापौर व पूर्व विधायक सहित कई नेता भाजपा की सदस्यता ले ली।
विंध्य में कांग्रेसमय हुई भाजपा, पूर्व सांसद, पूर्व विधायक और पूर्व महापौर सहित 37 नेताओं ने ली पार्टी की सदस्यता pic.twitter.com/8H1NnPAf0T
— sonelal.kushwaha (@KushwahaK45286) March 21, 2024
आज कांग्रेस के कई प्रमुख नेताओ व सेकड़ो की संख्या में कांग्रेसजनों ने कांग्रेस को किया "चलो-चलो"...
भाजपा की रीति-नीति से प्रभावित होकर भाजपा की सदस्यता ग्रहण की....
जीतू पटवारी जी , देख लीजिये प्लॉट तेज गति से समतल हो रहा है...
कांग्रेस की जर्जर बिल्डिंग में से रोज़ ईंटे निकल… pic.twitter.com/7aHthBxxGU
— Narendra Saluja ( मोदी का परिवार ) (@NarendraSaluja) March 21, 2024
- सतना जिले में नागौद विधानसभा क्षेत्र से विधायक रहे यादवेंद्र सिंह, पूर्व महापौर पुष्कर सिंह तोमर, सतना लोकसभा प्रत्याशी रहे सुधीर सिंह तोमर, चित्रकूट सीट विधानसभा प्रत्याशी रहे संजय सिंह कछवाह, रीवा से सांसद रहे देवराज सिंह, कांग्रेस के प्रदेश मंत्री देवदत्त सोनी, रावींद्र सेठी सहित अन्य नेता गुरुवार को भाजपा की सदस्यता ले ली। बुधवार शाम पूर्व सीएम शिवराज के साथ तस्वीरें साझा कर बगावत के संकेत दे दिए थे। सीएम मोहन यादव और वीडी शर्मा ने सदस्यता दिलाई।
- छिंदवाड़ा में पूर्व विधायक और प्रोमेट स्पीकर रहे दीपक सक्सेना के बेटे अजय सक्सेना भी भोपाल पहुंच चुके हैं। उनके साथ पार्षद दल के नेता पंडित राम शर्मा, नरेश साहू, नंद किशोर सूर्यवंशी सहित छिंदवाड़ा जिले में सैकड़ों पदाधिकारी भी मौजूद हैं। गुरुवार दोपहर यह भी भाजपा ज्वाइन करेंगे।
- सतना में कांग्रेस के जिला प्रवक्ता रहे अतुल सिंह ने पिछले दिनों डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ला के हाथों भाजपा की सदस्यता ली थी, तभी से कांग्रेस में बड़ी बगावत के संकेत मिलने लगे थे। अतुल भी अजय सिंह के बेहद करीबी माने जाते हैं। वह 12 साल से कांग्रेस प्रवक्ता की जिम्मेदारी संभाल रहे थे।
- सतना में बगावत की आग शांत नहीं हुई, आगे भी कुछ बड़े नेताओं के दलबदल करने की चर्चा है। इनमें 2023 विधानसभा प्रत्याशी रहे रत्नाकर चतुर्वेदी और पूर्व महापौर राजराज त्रिपाठी सहित कुछ नेताओं के नाम प्रमुखता से लिए जा रहे हैं। यह नेता भी भाजपा ज्वाइन कर सकते हैं।
कांग्रेस में बगावत की मुख्य कारण
- कांग्रेस छोड़कर भाजपा ज्वाइन करने वाले ज्यादातर नेता उपेक्षा और अनदेखी का आरोप लगाते हैं, लेकिन पार्टी छोड़ने की सिर्फ उपेक्षा ही वजह नहीं है। इसके अलावा भी कई कारण हैं।
- कांग्रेस का सिमटता जनाधार और भाजपा की कुशल रणनीति भी विरोधी नेताओं को अपनी ओर खींचती है। भरे मंच से गाली देने वाले नेताओं को भी भाजपा गले लगा रही है।
- कांग्रेस गिरती परफारमेंस और लगातार चुनाव हारने की वजह से पाटी के नेताओं में निराशा का भाव है। कांग्रेस में उन्हें अपना भविष्य दिखाई नहीं दे रहा। भाजपा में कॅरियर तलाश रहे हैं।
- राम मंदिर के मुद्दे पर कांग्रेस का स्टैंड पार्टी के कई सीनियर नेताओं को समझ नहीं आया। रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के निमंत्रण को ठुकराने को सनातन संस्कृति के अनादर से जोड़कर देख रहे हैं।
- कांग्रेस की बदली हुई विचारधारा और दलित-पिछड़ों और ओबीसी के प्रति राहुल गांधी की उदारता भी दलबदल की वजह बन रही है। राहुल गांधी हर मंच पर जिस तरीके से जातिगत जनगणना और सरकारी नौकरियों में भेदभाव का मुद्दा उठाते हैं, वह भी नुकसानदेह साबित हो रहा है।