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Lake of Bhopal: भोपाल में पिछले एक हफ्ते से हो रही बारिश से बड़े तालाब में कोई असर नहीं हुआ है। इस संबंध में विशेषज्ञ कहते हैं कि पिछले 18 साल में कभी ऐसा नहीं हुआ कि जुलाई या अगस्त में बड़े तालाब का जलस्तर फुल लेवल तक पहुंचा हो। 13 अगस्त 2006 में भोपाल में बाढ़ के हालात बने थे, उस समय के बाद सितंबर में ही जलस्तर फुल लेवल तक पहुंचा है।

Lake of Bhopal: मध्य प्रदेश में मानसून की स्थिति को देखते हुए राजधानी भोपाल के बड़े तालाब के जल स्तर के बढ़ने की संभावना इस माह में बहुत कम लग रही है। भोपाल में मानसून के रुख को देखते हुए जुलाई में बड़े तालाब के अलावा अन्य जलाशयों और डैम के जलस्तर में कुछ इजाफा होने की संभावना लग रही है।

पिछले साल सितंबर तक लगा समय 
ऐसा इसलिए है कि पिछले एक हफ्ते से हो रही बारिश से बड़े तालाब में कोई असर नहीं हुआ है। इस संबंध में विशेषज्ञ कहते हैं कि पिछले 18 साल में कभी ऐसा नहीं हुआ कि जुलाई या अगस्त में बड़े तालाब का जलस्तर फुल लेवल तक पहुंचा हो। 13 अगस्त 2006 में भोपाल में बाढ़ के हालात बने थे, उस समय के बाद सितंबर में ही जलस्तर फुल लेवल तक पहुंचा है। वर्ष 2009 सूखा रहा था। वहीं पिछले साल बड़ा तालाब 30 सितंबर को इस स्थिति में पहुंच पाया था कि उसके गेट खोले गए।

बड़ा तालाब की जलभराव क्षमता 1666.80 फीट है। अभी इसमें 1659 फीट पानी है। इसे पूरा भरने में 16 फीट से ज्यादा पानी की जरूरत है। इसके बाद भदभदा डैम के गेट खुलेंगे। सीहोर में कम बारिश होने से कोलांस नदी खाली है। इससे बड़े तालाब में पानी आता है। यहां से शहर के 25 प्रतिशत हिस्से में पानी की सप्लाई होती है।

सितंबर तक करना होगा इंतजार
मानसून का यही रुख रहा तो बड़े तालाब को फुल टैंक होने में सितंबर माह तक करना इंतजार होगा। जून के अंतिम सप्ताह से जुलाई के पहले सप्ताह तक सामान्य से अधिक बारिश दर्ज हुई है। एक जून से गुरुवार तक 400 मिमी से अधिक बारिश हो गई है, जो सामान्य से करीब 140 मिमी अधिक है।

भोपाल में हुई अभी तक हुई भारी बारिश के चलते बड़े तालाब का जल स्तर बढ़ा है। राजधानी में गुरुवार तक जुलाई के 10 दिन में ही करीब 310 मिमी से अधिक बारिश हो चुकी है, यह पूरे सीजन की करीब 33 प्रतिशत से अधिक बारिश है।

पूरे सीजन में करीब 750 मिमी तक होती है बारिश
अगर बारिश की रफ्तार अगले 15 दिन में भी ऐसी रही तो पूरे सीजन के कोटे की बारिश का 90 प्रतिशत तक कोटा पूरा हो जाएगा। राजधानी में पूरे सीजन में करीब 750 मिमी तक बारिश होती है, जिसमें 400 मिमी बारिश हो चुकी है। अगले 15 दिन में यदि 350 मिमी तक बारिश और हो गई तो सीजन का कोटा पूरा हो जाएगा।

शहर में अगले 15 दिन बारिश सामान्य
मौसम विशेषज्ञ एके शुक्ला के अनुसार, जुलाई में बारिश सामान्य रफ्तार से चल रही है। पहले सप्ताह में बारिश की इंटेंसिटी अधिक रही, जबकि दूसरे सप्ताह में यह कम हो जाएगी। जुलाई के अंतिम सप्ताह में तेज वर्षा होगी।

वर्ष 1986 में हुई थी 1031 मिमी बारिश
शहर में जुलाई में सर्वाधिक कुल वर्षा 1031.4 मिमी जुलाई 1986 में दर्ज हुई थी। पिछले साल इस महीने में 350 मिमी से भी कम बारिश हुई, जबकि जुलाई 2022 में पूरे महीने में 10 साल में सर्वाधिक 854.5 मिमी वर्षा हुई।

1031 मिमी बारिश
शहर में जुलाई में सर्वाधिक कुल वर्षा 1031.4 मिमी जुलाई 1986 में दर्ज हुई थी। पिछले साल इस महीने में 350 मिमी से भी कम बारिश हुई, जबकि जुलाई 2022 में पूरे महीने में 10 साल में सर्वाधिक 854.5 मिमी वर्षा हुई।

10 दिन में सिर्फ 3 इंच बारिश हुई
पिछले 10 दिन में सिर्फ 3 इंच ही बारिश हुई है। अगले 21 दिन में 11.4 इंच पानी गिरने पर जुलाई का कोटा पूरा होगा। इसके बाद भी बड़े तालाब पर कोई असर नहीं होना है। विशेषज्ञों के अनुसार इस महीने में 1031.4 मिमी यानी 41 इंच के करीब बारिश होने का रिकॉर्ड है। यह साल 1986 को हुई थी।

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