Bandhavgarh Elephant Attack: मध्यप्रदेश में उमरिया से बड़ी खबर है। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में शनिवार (2 नवंबर) को हाथियों ने आतंक मचा दिया। 3 लोगों को कुचल दिया। 2 की मौके पर दर्दनाक मौत हो गई। एक की हालत गंभीर है। घटना एनएच-43 से लगे देवरा गांव की है। हाथियों के हमले के बाद गांव में दहशत फैल गई। सूचना पर वन विभाग की टीम पहुंची। लोगों से जंगल में न जाने की अपील की है।
हाथियों को देखते ही मचा हड़कंप
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के चंदिया वन परिक्षेत्र के देवरा गांव शनिवार सुबह 8 बजे 3 हाथी घुसे। हाथियों को देखते ही हड़कंप मच गया। रतन यादव (62) का हाथी से सामने हो गया। हाथी को देख रतन भागा लेकिन हाथियों ने उसे दौड़ाकर कुचल दिया। मौके पर ही रतन यादव की मौत हो गई। बगदरी तलैया के पास भैरव कोल (35) को भी हाथी ने कुचलकर मार डाला। हाथियों के हमले से खेत में धान की कटाई कर रहा ग्रामीण मालू साहू घायल हो गया। मालू को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
24 घंटे के अंदर मुआवजा देने के निर्देश
घटना की जानकारी लगते ही वन विभाग के एसीएस अशोक वर्णवाल, पीसीसीएफ असीम श्रीवास्तव मौके पर पहुंचे। स्टाफ से चर्चा की और घटना स्थल का जायजा लिया। साथ ही एसीएस वर्णवाल ने उमरिया डीएफओ को 24 घंटे के अंदर मुआवजा राशि देने के निर्देश दिए हैं। वन विभाग और हाथियों को रेस्क्यू करने के प्रयास कर रही है। फिलहाल ये साफ नहीं है कि ये हाथी बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के हैं या कहीं और से आए हैं।
हाथी कहां के हैं? पता लगा रही वन विभाग की टीम
वन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, हाथियों के हमने की सूचना मिलने पर चंदिया, नौरोजाबाद और उमरिया फॉरेस्ट रेंज की टीम मौके पर पहुंच गई है। 50 से ज्यादा अधिकारी-कर्मचारियों को तैनात कर दिया है। हाथियों की ट्रैकिंग की जा रही है। 3 हाथी बताए जा रहे हैं, जिनकी सर्चिंग जारी है। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व को भी सूचना दे दी गई है।
10 हाथियों की मौत की गुथ्थी अभी उलझी
बता दें कि बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में 4 दिन में 10 हाथियों की मौत हुई है। मौत का रहस्य अब भी बरकरार है। शुरुआती जांच में कोदो की फसल खाने से मौत का कारण बताया गया है। हाथियों की मौत का वास्तविक कारण सामने नहीं आया है। कोदो से हाथियों में जहर फैलने की आशंका जताते हुए विभाग अब इस फसल को नष्ट करा रहा है। वाइल्डलाइफ क्राइम कंट्रोल ब्यूरो (WCCB) दिल्ली ने जांच के लिए SIT गठित की है।