World Autism Awareness Day 2024: एम्स भोपाल में मंगलवार को "विश्व ऑटिज्म जागरूकता दिवस मनाया गया। इस दौरान कार्यपालक निदेशक प्रोफेसर (डॉ.) अजय सिंह ने बताया कि ऑटिज्म कोई बाधा नहीं है; यह दुनिया को अनुभव करने का एक अलग तरीका है। उन्होंने कहा कि यह जरूरी है कि हम न केवल जागरूकता बढ़ाने पर बल्कि ऑटिज्म स्पेक्ट्रम पर व्यक्तियों के लिए समझ, स्वीकृति और समावेशन को बढ़ावा देने पर भी विचार करें।
एम्स भोपाल में, हम ऑटिज्म से पीड़ित व्यक्तियों की विशिष्ट क्षमताओं और चुनौतियों को पहचानते हैं और उनकी भलाई और समाज में पूर्ण भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए व्यापक समर्थन और संसाधन प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। ऑटिज्म कोई बाधा नहीं है; यह दुनिया को अनुभव करने का एक अलग तरीका है। जैसा कि हम एक अधिक समावेशी समाज के लिए प्रयास करते हैं उसी प्रकार ऑटिज्म से पीड़ित व्यक्तियों को समाज में पनपने के लिए सशक्त बनाएं।
प्रतियोगिता रखी गई
इस मौके पर स्नातक छात्रों के लिए ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर (एएसडी) और ऑटिज्म जागरूकता दिवस विषय पर एक स्लोगन प्रतियोगिता आयोजित की गई। वहीं, नर्सिंग विद्यार्थियों एवं नर्सिंग अधिकारियों के लिए पोस्टर प्रतियोगिता जबकि स्नातकोत्तर छात्रों के लिए ऑटिज्म स्पेक्ट्रम विकार के बारे में ज्ञान और परिप्रेक्ष्य को समृद्ध करने के लिए विभाग में एक प्रश्नोत्तरी का आयोजन हुआ।
बता दें, बाल रोग विभाग प्रमुख प्रोफेसर (डॉ.) शिखा मलिक और अन्य लोगों द्वारा बाल चिकित्सा ओपीडी क्षेत्र में ऑटिज़्म की व्यापकता, प्रारंभिक पहचान के संकेत, रेड फ्लैग , सामाजिक संचार इत्यादि के बारे में लोगों को जागरूक किया गया। बता दें, पूरी दुनिया में ऑटिज्म से पीड़ित लोगों और उनके परिवारों को समर्थन देने के लिए हर साल 2 अप्रैल को "ऑटिज्म जागरूकता दिवस" मनाया जाता है।