Logo
Health Knowledge : भयावह गर्मी में घर से बाहर रहते हुए बाजारों में सड़क के किनारे मिल रहे मैंगो जूस, नींबू पानी, शिकंजी, आम का पना, गन्ने का जूस या फिर 10 रुपए में मिलने वाले अन्य शेक अगर आप पी रहे हैं तो सावधान हो जाएं।

Health Knowledge : भयावह गर्मी में घर से बाहर रहते हुए बाजारों में सड़क के किनारे मिल रहे मैंगो जूस, नींबू पानी, शिकंजी, आम का पना, गन्ने का जूस या फिर 10 रुपए में मिलने वाले अन्य शेक अगर आप पी रहे हैं तो सावधान हो जाएं। वह इसलिए कि खाद्य अधिकारियों की लापरवाही के कारण गर्मी से बचाने वाले पेय पदार्थ के नाम पर लोगों को बीमारियां परोसी जा रही है।

सैंपल लेने का भी प्रयास नहीं
शहर की बाजारों में जगह-जगह लगी अधिकांश दुकानों में तो शीतल पेय के नाम पर दूषित पानी पिलाया जा रहा है, जो लोगों की सेहत बिगाड़ रहे हैं। बावजूद खाद्य विभाग जांच नहीं कर रही। खाद्य अधिकारियों द्वारा कभी भी किसी ठेला या दुकान में जाकर सैंपल लेने का भी प्रयास नहीं किया जा रहा। यही वजह है कि मीठा जहर बेचने वालों के हौसले बुलंद हो गए हैं। आप जूस के साथ कहीं कीटनाशक, बैक्टीरिया तो नहीं पी रहे हैं। सोचने वाली बात है कि बाजार में इन दिनों आने वाले आमों की कीमत 80 से 100 रुपए किलो तक है। ऐसे में शहर में मैंगो शेक संचालकों द्वारा 10 रुपए में एक गिलास शेक का पिलाना कई तरह के सवालों को जन्म देता है।

मैंगो शेक नहीं, बल्कि केमिकल और बर्फ वाला है यह रस
मैंगो शेक की मांग गर्मी के दिनों में बढ़ती है। भोपाल के न्यू मार्केट, जहांगीराबाद, जिंसी, इतवारा बाजार में सड़क किनारे चल रहे जूस कार्नरों में बेचा जा रहा शेक आम का नहीं, बल्कि केमिकल और बर्फ मिक्स है। इसमें आम की मात्रा नाम मात्र होती है। आम जैसा स्वाद लाने के लिए इसमें एसेस व कलर के लिए दूध के अलावा अन्य केमिकल्स मिलाए जाते हैं। इसमें बर्फ की मात्रा सबसे ज्यादा होती है। इस कारण एक गिलास शेक की लागत अधिकतम तीन रुपए होती है। इसे लोगों को 10 रुपए में बेचा जाता है।

यह बीमारियां होने की आशंका
दूषित पेय पीने से डायरिया, फूड प्वाइजनिंग, आंत में इन्फेक्शन, अल्सर, गुर्दे और लीवर पर प्रभाव आदि बीमारियां हो सकती हैं। गर्मी में डायरिया के वायरस एवं बैक्टीरिया ज्यादा सक्रिय होने के साथ-साथ आसानी से एक जगह से दूसरे जगह अपनी पहुंच बना लेते हैं। डायरिया, आंत में इंफेक्शन होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क कर उपचार कराएं। खाद्य पदार्थों में मिलावट की पुष्टि होने पर संबंधित कोर्ट दो लाख रुपए जुर्माना सहित छह महीने की सजा सुना सकती है।

मैंगो शेक को गाढ़ा करने मिला रहे सैकरीन
शक्कर की जगह कई दुकानदार सैकरीन या अन्य घटिया सामग्रियों का इस्तेमाल करते हैं। मैंगो शेक को गाढ़ा करने के लिए सैकरीन मिलाया जा रहा है। जरा सा सैकरीन एक किलो शक्कर के बराबर काम करता है, जिसे उपयोग कर अपना पैसा बचाकर लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ किया जा रहा है।

जांच की जाएगी
लोगों की सेहत को लेकर जब मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी देवेंद्र दुबे से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि मैंगो जूस में सेकरीन का उपयोग पेय पदार्थों में शक्कर की जगह मीठा करने के लिए किया जाता है। मैंगो जूस के संबंध में और अन्य हानिकारक केमिकल होने पर इसकी जांच की जाएगी।  

नियमों और हाइजीन का प्रशिक्षण दें अधिकारी
नए खाद्य सुरक्षा कानून के तहत खाद्य सुरक्षा अधिकारियों की जिम्मेदारी केवल जांच और कार्रवाई तक सीमित नहीं है। बल्कि छोटे दुकानदारों को हाइजीन और नियमों की जानकारी देना भी उनकी जिम्मेदारी है। अभी तक केवल औपचारिकता के लिए कुछ हॉकर्स कॉर्नर पर ही प्रशिक्षण आयोजित किया गया है। अधिकारियों को इन छोटे दुकान वालों को भी पहले प्रशिक्षण देना चाहिए, उसके बाद नियमों को नहीं मानने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होना चाहिए।

5379487