Maharashtra News: महाराष्ट्र से एक हैरान करने वाली तस्वीर सामने आई है। यहां बुलढाणा जिले में एक सप्ताह तक चले धार्मिक आयोजन के दौरान प्रसाद खाने के बाद 300 से अधिक लोग बीमार पड़ गए। अस्पताल में बिस्तर की कमी के कारण कई मरीजों का इलाज सड़क पर इलाज करवाना पड़ा। मरीजों का इलाज पेड़ों से बंधी रस्सियों से लटकाई गई सलाइन की बोतलों से किया गया।
महाराष्ट्र के बुलढाणा जिले में एक धार्मिक कार्यक्रम के दौरान प्रसाद खाने के बाद महिलाओं और बच्चों सहित 300 से अधिक लोग फूड पॉइजनिंग का शिकार हो गए। बुलढाणा जिला कलेक्टर किरण पाटिल ने बताया कि यह घटना लोनार के सोमथाना गांव में एक सप्ताह तक चलने वाले धार्मिक आयोजन हरिनाम सप्ताह के आखिरी दिन मंगलवार रात को हुई।
बिस्तरों की कमी के कारण अस्पताल के बाहर कई मरीजों का इलाज किया जा रहा है और तस्वीरों में दिखाई दिया कि सलाइन की बोतलें पेड़ों से बंधी रस्सियों से लटकी हुई हैं।
रात 10 बजे बांटा गया था प्रसाद
रात 10 बजे सोमथाना और खापरखेड गांव से श्रद्धालु प्रसाद लेने के लिए मंदिर आए। प्रसाद खाने के बाद उन्हें पेट दर्द, मतली और उल्टी की शिकायत हुई। बीमार पड़े लोगों को बीबी गांव के एक अस्पताल में ले जाया गया। लेकिन बेड की कमी को देखते हुए ज्यादातर मरीजों का इलाज अस्पताल के बाहर सड़क पर करना पड़ा। पेड़ों से बांधी गई रस्सियों पर सलाइन की बोतलें लगाई गई थीं।
एक स्थानीय ने कहा कि यह सोमथाना में धार्मिक कार्यक्रम का छठा दिन था। एकादसी पर 400 से 500 लोगों के बीच 'प्रसाद' वितरित किया गया। प्रसाद खाने के बाद कई लोग फूड पॉइजनिंग से बीमार हो गए। उनका इलाज किया जा रहा है। जिला कलेक्टर पाटिल ने कहा, सभी मरीजों की हालत स्थिर है और उनमें से ज्यादातर को बुधवार को छुट्टी दे दी गई।
प्रसाद के नमूने लिए गए
जिला कलेक्टर ने कहा कि मेडिकल इमरजेंसी पैदा होने पर डॉक्टरों की एक टीम को एम्बुलेंस और अन्य आवश्यक उपकरणों के साथ तैनात किया गया है। प्रसाद के नमूने विश्लेषण के लिए प्रयोगशाला में भेजे गए हैं और जांच शुरू की जाएगी।