Maharashtra DGP Rashmi Shukla Transfer: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले राज्य में बड़ा प्रशासनिक फेरबदल हुआ है। चुनाव आयोग ने कांग्रेस की शिकायत पर महाराष्ट्र की DGP रश्मि शुक्ला को पद से हटा दिया है। यह फैसला निष्पक्ष चुनावी प्रक्रिया सुनिश्चित करने के उद्देश्य से लिया गया है। आयोग ने राज्य के मुख्य सचिव को निर्देश दिए हैं कि वे अगले वरिष्ठतम आईपीएस अधिकारी को इस पद की जिम्मेदारी सौंपें।
चुनाव आयोग का सख्त रुख
चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र चुनावों के मद्देनजर सख्त कदम उठाया है। कांग्रेस समेत कई अन्य राजनीतिक दलों की शिकायत पर DGP रश्मि शुक्ला को उनके पद से हटाने का फैसला लिया गया है। आयोग का यह फैसला चुनावी प्रक्रिया में निष्पक्षता बनाए रखने के लिए अहम माना जा रहा है। साथ ही, इस फैसले से राज्य की प्रशासनिक व्यवस्था पर चुनाव आयोग का प्रभाव साफ झलकता है।
मुख्य सचिव को मिले नए निर्देश
चुनाव आयोग ने निर्देश दिया है कि महाराष्ट्र के मुख्य सचिव अगले वरिष्ठतम आईपीएस अधिकारी को DGP का चार्ज सौंपें। साथ ही, उन्हें कल तक तीन आईपीएस अधिकारियों की सूची भेजने के निर्देश दिए गए हैं, जिससे नए DGP का चयन हो सके। इस दिशा में कदम उठाने से पहले चुनाव आयोग ने कई महत्वपूर्ण पहलुओं पर विचार किया है, जिसमें निष्पक्ष चुनावी प्रक्रिया सुनिश्चित करना शामिल है।
DGP पद से हटाई गईं पहली महिला अधिकारी
रश्मि शुक्ला महाराष्ट्र की पहली महिला DGP के रूप में जानी जाती हैं। 1988 बैच की महाराष्ट्र कैडर की इस अधिकारी ने सशस्त्र सीमा बल के महानिदेशक पद पर भी अपनी सेवाएं दी हैं। उनके हटाए जाने से राज्य में चुनावी निष्पक्षता का संदेश देना आयोग का प्राथमिक उद्देश्य माना जा रहा है। इस कदम से यह भी साफ है कि चुनाव आयोग अपने निर्देशों का सख्ती से पालन करवा रहा है।
अवैध फोन टेपिंग मामलों में उलझी थीं रश्मि शुक्ला
महा विकास अघाड़ी सरकार के दौरान, रश्मि शुक्ला पर अवैध फोन टेपिंग के आरोप लगे थे। उन पर शिवसेना नेता संजय राउत और एनसीपी नेता एकनाथ खडसे के फोन टेप करने का आरोप है। इस मामले में उन पर मुंबई में तीन एफआईआर दर्ज हैं, जिससे उनकी भूमिका पर सवाल उठे थे। चुनाव आयोग ने इन मामलों को ध्यान में रखते हुए भी उनके तबादले का फैसला लिया।
मुख्य चुनाव आयुक्त ने दिए निष्पक्षता के संकेत
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने पहले ही चुनावी प्रक्रिया के दौरान निष्पक्षता और पारदर्शिता पर जोर दिया था। उन्होंने अधिकारियों से कहा था कि वे अपने कार्यों में निष्पक्षता बरतें। उन्होंने यह भी कहा कि चुनावी प्रक्रिया के दौरान कोई भी पक्षपातपूर्ण रवैया ना अपनाएं। रश्मि शुक्ला के तबादले के बाद यह साफ है कि आयोग निष्पक्ष चुनावी प्रक्रिया के लिए प्रतिबद्ध है।
20 नवंबर को होगी महाराष्ट्र में वोटिंग
महाराष्ट्र में 20 नवंबर को मतदान होंगे, जबकि 23 नवंबर को मतगणना की जाएगी। 2019 के चुनाव में बीजेपी ने 105 सीटें जीती थीं और शिवसेना ने 56 सीटें हासिल की थीं। आगामी चुनाव के मद्देनजर रश्मि शुक्ला का तबादला निष्पक्षता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से एक बड़ा कदम माना जा रहा है। अब देखने की बात यह है कि चुनाव आयोग के इस कदम का चुनाव परिणामों पर क्या प्रभाव पड़ेगा।