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महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने गठबंधन के लिए पार्टनर तय कर लिए हैं, लेकिन सीट शेयरिंग का फॉर्मूला सामने नहीं आया है। सभी दलों के साथ सीट बंटवारे को लेकर खींचतान चल रही है।

Maharashtra elections: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने सारी तैयारी कर ली है। वहीं सहयोगी दलों के साथ सीट शेयरिंग को लेकर सौदेबाजी चल रही है। महाराष्ट्र में बीजेपी एकनाथ शिंदे की शिवसेना और अजीत पवार की एनसीपी के साथ मिलकर चुनाव लड़ेगी। अब देखना यह है कि बीजेपी अपने सहयोगी दलों को कितनी सीटें देती है। इस बात को लेकर सभी दलों के बीच सौदेबाजी चल रही है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने दो दिवसीय महाराष्ट्र दारा किया था उसके बाद साफ हो गया है कि बीजेपी, एकनाथ शिंदे की शिवसेना और अजीत पवार की एनसीपी के साथ मिलकर चुनाव लड़ेगी।

बीजेपी ने गठबंधन के पार्टनर तय कर लिए हैं, लेकिन सीट शेयरिंग का फॉर्मूला सामने नहीं आ सका है। बीजेपी ने इस बार के चुनाव में मिशन-160 का टारेगट फिक्स कर रखा हैं, लेकिन यह तभी हो पाएगा जब वह खुलकर चुनाव लड़े। एनसीपी और शिवसेना जिस तरह से सीटों की मांग अपने लिए कर रहे हैं ऐसे में बीजेपी को कितनी सीटें मिलेंगी यह कहना मुश्किल है। 

बीजेपी इस चुनाव में सीएम एकनाथ शिंदे की शिवसेना, अजित पवार की एनसीपी के साथ ही अन्य दलों के साथ मिलकर चुनाव लड़ेगी। इसको लकेर शाह ने बीजेपी कोर ग्रुप के साथ मुंबई में बैठक कर चुनाव लड़ने की रणनीति बनाई है। इस दौरान बीजेपी नेताओं के साथ सहयोगी दलों के साथ सीट बंटवारे को लेकर चर्चा हुई है। अब राज्य की बैठक के बाद अजित पवार की एनसीपी, एकनाथ शिंदे की शिवसेना और बीजेपी के बीच सीट शेयरिंग फॉर्मूले पर दिल्ली में मुहर लगेगी। 

2014 में पहली बार बना BJP का सीएम
साल 2019 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी और शिवसेना का गठबंधन टूट गया था और दोनों ही दलों ने अलग-अलग चुनाव लड़ा था। बीजेपी ने अकेले जब चुनाव लड़ा तो उसे अपनी सियासी ताकत का एहसास हुआ। 2014 में बीजेपी ने 260 सीट पर अपने उम्मीदवार उतारे थे, जिसमें से 122 सीट पर जीत मिली।ऐसे में बीजेपी ने पहली बार महाराष्ट्र में 9 सीटें जीतने का आंकड़ा पार किया और पहली बार अपना मुख्यमंत्री बनाने में भी सफल रही। 

गठबंधन में BJP को नुकसान हुआ
महाराष्ट्र में 2019 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी और शिवसेना ने साथ मिलकर चुनाव लड़ा तब बीजेपी बड़े भाई की भूमिका में और शिवसेना छोटे भाई की भूमिका में थे। बीजेपी ने राज्य की 288 सीटों में से 164 सीट पर उम्मीदवार उतारे थे, जबकि शिवसेना ने 124 सीट पर चुनाव लड़ा था। बीजेपी अपने कोटे की 164 सीटों में से 105 सीटें जीतने में कामयाब रही थी जबकि 55 सीटों पर दूसरे नंबर और 4 सीट पर तीसरे नंबर पर रही। इस तरह बीजेपी को अकेले चुनाव लड़ने पर लाभ तो गठबंधन में नुकसान उठाना पड़ा।

विधानसभा चुनाव में सीटों का गणित क्या है? 
महाराष्ट्र की 240 सीटों पर बीजेपी का अपना सियासी आधार है, जो विपक्षी एकता के चलते कारगार साबित नहीं होता। ऐसे में बीजेपी को गठबंधन के लिए मजबूर होना पड़ता है। बीजेपी एकनाथ शिंदे की शिवसेना और अजीत पवार की एनसीपी के साथ सरकार चला रही है। 2024 लोकसभा चुनाव में राज्य की 48 संसदीय सीटों में से बीजेपी ने 28, शिवसेना ने 15, एनसीपी ने 4 और राष्ट्रीय समाज पक्ष ने एक सीट पर चुनाव लड़ा था। इस फॉर्मूले पर तीनों के बीच सीट शेयरिंग हुई थी। माना जा रहा है इस आधार पर विधानसभा चुनाव में भी सीट बंटवारा हो सकता है, लेकिन अजीत पवार और शिंदे की पार्टी तैयार नहीं हो रही हैं।

कौन कितनी सीटें मांग रहा है?
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना 100 सीटों की डिमांड कर रही है तो अजीत पवार की एनसीपी 60 से 70 सीट की मांग रही हैं। महाराष्ट्र की 288 सीटों में से बीजेपी अगर शिंदे और अजीत पवार को उनकी मनमाफिक सीटें दे देती है तो उसे विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए 100 से 110 सीटें ही बचेंगी। बीजेपी इस फॉर्मूले पर कभी तैयार नहीं होगी। बीजेपी ने 2019 में 164 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ी थी, जिसमें 105 सीटें जीती थी।

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