इमरान खान-नारायणपुर। छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग के अबूझमाड़ के जंगल में पुलिस नक्सली मुठभेड़ में आठ नक्सलियों को फोर्स के जवानों ने मार गिराया है। अबूझमाड़ के रेकावाया मुठभेड़ में बीच एक ग्रामीण को गोली लग गई और उसकी रीड की हड्डी में फंस गई है। युवक आलबेड़ा का निवासी है और उसका नाम गोगा उसेंडी बताया जा रहा है। जिसे गंभीर हालत में ओरछा से आठ किमी दूर पैदल जाकर संजीवनी 108 एंबुलेंस से अस्पताल लाया गया। मुठभेड़ को लेकर इंद्रावती एरिया कमेटी ने प्रेस नोट जारी किया था। घायल ग्रामीण को नारायणपुर से रायपुर रेफर करने की तैयारी की जा रही है।
8 शवों के साथ भारी मात्रा में गोला-बारूद जब्त
भीषण गर्मी में इंद्रावती नदी और 400 मीटर की चार ऊंची पहाड़ियों को पार करने के बाद नक्सलियों के ठौर तक पहुंचे आठ सौ जवानों ने "ऑपरेशन जल शक्ति" का शौर्य दिखाकर बहादुरी से लड़ते हुए काली वर्दीधारी हथियारबंद नक्सलियों को ढेर करने में सफलता प्राप्त किया है। जिसमे चार महिला एवं चार पुरुष नक्सली शामिल हैं। मुठभेड़ के बाद कार्डन एवम सर्च की कार्यवाही के दौरान घटनास्थल से 8 वर्दीधारी माओवादियों (जिसमें 4 महिला, 4 पुरुष माओवादी शामिल है) के शव के साथ, 1 नग 303, 1 नग 315 बंदूक, 2 नग 12 बोर 4 एसबीएमएल, 7 बीजीएल सेल, तीर बम, 2 कूकर बम, वायरलेस सेट, बैटरी, नक्सली वर्दी, इलेक्ट्रिक वायर, प्रतिबंधित माओवादी संगठन के प्रचार प्रसार की सामग्री, पिट्टू, 400 जोड़ी चप्पल, सिलाई मशीन, अन्य दैनिक उपयोग की सामग्री बरामद किया गया है। भारी मात्रा में डंप का सामान को वहीं सुरक्षाबलों द्वारा नष्ट किया गया। इस मुठभेड़ में कई माओवादी घायल भी हुए हैं जिन्हें उनके साथी, माओवादी घने जंगल और पहाड़ों का फायदा उठाकर ले जाने में सफल हुए। वहीं रेकावाया के जंगल में माओवादियों के द्वारा स्थापित अस्थाई ट्रेनिंग कैम्प को ध्वस्त किया गया हैं। अबूझमाड़ में लगभग 72 घंटे तक एंटी नक्सल आपरेशन चलाया गया। जिसमें आठ बार मुठभेड़ हुआ।
डीआईजी बोले- ऑपरेशन जल शक्ति किया गया है लांच
डीआईजी कमलोचन कश्यप ने बताया कि, माड़ डिवीजन और पूर्वी बस्तर डिवीजन के अंतर्गत इंद्रावती एरिया कमिटी के डीव्हीसीएम दीपक, कमलाकर, सपना उर्फ सपनक्का, प्लाटून नंबर 16 का कमांडर मल्लेश,लक्ष्मी ,प्रदीप,मासो समेत 60 नक्सलियों की घेराबंदी के लिए नारायणपुर, बीजापुर और दंतेवाड़ा जिलों से अलग-अलग करीब आठ सौ जवानों को भेजकर ऑपरेशन जल शक्ति लांच किया गया है। जिसके तहत पहले दिन गुरुवार को सुरक्षा बल के जवानों ने सात नक्सलियों को मार गिराया था वहीं शुक्रवार की सुबह हुई मुठभेड़ में STF के जवानों ने एक नक्सली को मार गिराया है।
अब तक 117 नक्सली ढेर
इस प्रकार दो दिनों तक चले मुठभेड़ में आठ नक्सलियों की मौत हो गई हैं। मारे गए सभी नक्सलियों के शव और हथियार पुलिस ने बरामद कर लिया है। इसी दौरान नक्सलियों द्वारा फोर्स को नुकसान पहुंचाने के लिए जंगल के रास्ते में रखे गए 15 किलो के आईईडी को सुरक्षाबल के जवानों ने बरामद किया है। जिसे मौके पर ही नष्ट कर दिया गया है। DIG श्री कश्यप ने आगे बताया कि मारे गए नक्सलियों की पहचान की जा रही है। अबूझमाड़ मुठभेड़ के साथ ही इस वर्ष बस्तर में मारे गए नक्सलियों की संख्या 117 हो गई है।
एसपी बोले- वापिस लौटते समय नक्सलियों ने किया हमला
नारायणपुर एसपी प्रभात कुमार ने बताया कि, नारायणपुर, दंतेवाड़ा और बस्तर जिले के डीआरजी और बस्तर फाइटर्स के साथ एसटीएफ की अलग अलग टीम एंटी नक्सल ऑपरेशन पर निकाली गई। जिसके तहत गुरुवार की सुबह नक्सलियों के द्वारा सुरक्षाबलों पर गोलीबारी शुरू की गई। जिसके बाद जवानों ने भी मुस्तैदी से मोर्चा संभाला और नक्सलियों को मुंहतोड़ जवाब दिया। उन्होने बताया की दोनो तरफ़ से रुक रुक कर गोलीबारी होती रही। जिसके बाद फोर्स के द्वारा सर्च किया गया तो सात नक्सलियों के शव तथा हथियार बरामद हुए है। नारायणपुर के एसपी प्रभात कुमार ने बताया कि पुलिस टीम की वापसी के दौरान पूर्व से एंबुश लगाए हुए नक्सलियों ने STF की टीम पर गोलीबारी शुरू की। STF के जवानों ने भी मुस्तैदी से मोर्चा संभाला और सुरक्षित आड़ लेते हुए जवाबी फायरिंग की कार्यवाही की। फायरिंग के पश्चात सर्च में एक वर्दीधारी नक्सली का शव और हथियार बरामद हुए है। पुलिस अधिकारी ने बताया कि नक्सली मुठभेड़ में कई नक्सलियों के घायल हुए हैं। वहीं करीब डेढ़ दर्जन संदेही को पकड़ा गया हैं। जिनसे पूछताछ के बाद गिरफ़्तारी की करवाई की जाएगी। मुठभेड़ के बाद घटना स्थल से बड़ी संख्या में नक्सली सामग्री भी बरामद हुए है।
वर्दी उतार कर भागे नक्सली
ओरछा थाना से करीब 25 किमी दूर रेकावाया गांव पहुंचने के लिए फोर्स के जवान मंगलवार की रात को निकले थे। इस एनकाउंटर का ब्लू प्रिंट इसी रात को ही तय हो गया था। वहीं दंतेवाड़ा जिले के बारसूर एरिया से भी मंगलवार को जवानों को जंगल में उतरा गया हैं। वहां से घटना स्थल की दूरी करीब 45 किलोमीटर बताई जा रही है। जंगल में इंद्रावती एरिया कमेटी के बड़े लीडरों के द्वारा गांव में बैठक लेने की सूचना के बाद उनकी घेराबंदी के लिए डीआरजी, बस्तर फाइटर और एसटीएफ के आठ जवानों को जंगल में उतारा गया है। जिसमे 23 मई को दो अलग अलग मुठभेड़ में सात नक्सली ढेर हुए हैं। वहीं शुक्रवार को एक नक्सली मारा गया हैं। पुलिस नक्सली मुठभेड़ के दौरान फोर्स का दबाव बढ़ने के बाद नक्सली अपनी वर्दी को उतार कर जंगल की ओर भाग गए। नारायणपुर के ASP रॉबिंसन गुड़िया ने बताया कि एनकाउंटर के दौरान नक्सली पुलिस की गिरफ़्तारी से बचने के लिए जंगल में वर्दी उतार कर भाग गए। उन्होंने बताया कि जंगल में सर्च अभियान के दौरान कई नक्सली वर्दी को जंगल में पड़े हुए पुलिस ने जवानों ने देखा है।
भीषण गर्मी में भी चल रही मुठभेड़
नारायणपुर जिले का सबसे बड़ा मुठभेड़ 28 अप्रैल को महाराष्ट्र की सीमा पर बसे टेकामेटा गांव में हुआ था। 26 दिन बाद फिर अबूझमाड़ के जंगल में नक्सलियों की घेराबंदी के बाद 8 नक्सलियों को फोर्स ने मार गिराया है। सूबे में सत्ता परिवर्तन के बाद लगातार नक्सली उन्मूलन अभियान चलाया जा रहा है। जिसके तहत 5 महीने के अंतराल में करीब सवा 117 नक्सलियों की मौत हो चुकी है। नक्सलियों के टॉप लीडरों की मौजूदगी की सूचना पर दंतेवाड़ा, बीजापुर और नारायणपुर से स्पेशल टीम बनाकर नक्सलियों की घेराबंदी के लिए रवाना किया गया था। नक्सलियों की घेराबंदी के लिए 7 किमी के दायरे में जवान अलग-अलग टुकड़ियों में फैले हुए थे। भीषण गर्मी में 3 दिन पैदल चलकर जवान नक्सलियों के ठिकाने तक पहुंचे और एक-एक कर 8 नक्सलियों को ढेर कर दिया है।
शव को कंधे में उठाकर जवानों ने किया नदी किया पार
पांच दिनों तक चले ऑपरेशन के बाद मारे गए नक्सलियों के शव को लेकर जवान शुक्रवार को दोपहर दो बजे के करीब दंतेवाड़ा जिला मुख्यालय पहुंचे। अबूझमाड़ से मुठभेड़ खत्म होने के बाद नक्सलियों के शवों को कांधे में उठाकर इंद्रावती नदी को पार करते हुए जवानों के वीडियो को पुलिस ने मीडिया को दिया है। भीषण गर्मी में ऑपरेशन को अंजाम देने के बाद सुरक्षा बल के सभी जवान सकुशल लौट आए हैं। बता दे कि अबूझमाड़ के टेकामेटा मुठभेड़ में करीब एक दर्जन जवानों के शरीर में पानी की कमी हो गई थीं जिन्हें हेलीकॉप्टर की मदद से जिला मुख्यालय लाया गया था। जिसके बाद पुलिस लाइन में जवानों का प्राथमिक उपचार किया गया था।