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सीजीएसटी रायपुर द्वारा विशेष खुफिया जानकारी, डेटा विश्लेषण और व्यापक निगरानी के आधार पर फर्जी चालान बनाने वाले 13 फर्जी फर्मों के एक नेटवर्क का हाल ही में भंडाफोड़ किया गया था। अब तक की  जांच मे 71.38 करोड़ रुपये की फर्जी आईटीसी का पता चल चुका है।

रायपुर। छत्तीसगढ़ में सीजीएसटी रायपुर द्वारा विशेष खुफिया जानकारी, डेटा विश्लेषण और व्यापक निगरानी के आधार पर फर्जी चालान बनाने वाले 13 फर्जी फर्मों के एक नेटवर्क का हाल ही में भंडाफोड़ किया गया था। जिसके बाद रविवार को इस रैकेट के मास्टरमाइंड हेमंत कसेरा को भी गिरफ्तार कर लिया गया है।

आरोपी हेमंत कसेरा संचालित फर्मों के द्वारा इस तरह की फर्जी आईटीसी की बड़ी मात्रा रायपुर में स्थित मेसर्स त्रिवेणी मेटालिक इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड और मेसर्स श्री त्रिवेणी एंटरप्राइजेज को दी गई है। जिसके बाद इन फर्मों के खिलाफ कार्रवाई की गई। जांच करने पर यह पता चला कि, ना केवल उपर्युक्त 2 फर्में बल्कि अन्य 4 फर्में सर्वेश कुमार पाण्डेय द्वारा नियंत्रित और प्रबंधित की जाती हैं। दस्तावेजों, खातों और रिटर्न की गहन जांच के बाद यह पाया गया कि, सर्वेश पाण्डेय ने ना केवल हेमंत कसेरा से बल्कि कई अन्य जाली/फर्जी फर्मों से भी फर्जी बिल खरीदे हैं। 

सीजीएसटी अधिनियम के तहत किया गया गिरफ्तार 

अब तक की  जांच मे 71.38 करोड़ रुपये की फर्जी आईटीसी का पता चल चुका है। जिसका लाभ सर्वेश पाण्डेय ने जीएसटी से बचने के इरादे से लिया था।
जिसके बाद केंद्रीय जीएसटी की टीम द्वारा सर्वेश कुमार पाण्डेय को सीजीएसटी अधिनियम, 2017 की धारा 69(1) के तहत आज गिरफ्तार किया गया और अदालत में पेश किया गया। जहां सीजेएम अदालत ने आरोपी की न्यायिक हिरासत मंजूर कर ली है।

अब तक 17 लोगों के खिलाफ हुई कार्रवाई 

आईआरएस आयुक्त मो.अबु सामा ने बताया कि, सीजीएसटी रायपुर कर चोरों के खिलाफ और विशेष रूप से फर्जी बिलिंग के कारोबार में शामिल करदाताओं के खिलाफ सख्त प्रवर्तन कार्रवाई कर रहा है। इन गिरफ्तारियों के साथ, 2017 में जीएसटी कानून लागू होने के बाद से फर्जी बिलिंग के संबंध में सीजीएसटी रायपुर आयुक्तालय द्वारा गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों की संख्या बढ़कर 17 हो गई है।
 

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