शनिवार को एम्स भोपाल के जनरल सर्जरी विभाग ने 'ब्रैस्ट ओन्कोप्लास्टिक एंड रीकंसट्रक्टिव सर्जरी' पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। एनाटॉमी और प्लास्टिक सर्जरी विभाग के सहयोग से एशियन सोसाइटी ऑफ मैस्टोलॉजी, (ASOMA), अमेरिकन कॉलेज ऑफ सर्जन और आईसीएमआर के तत्वावधान में सीएमई (CME) और कार्यशाला का आयोजन किया है। कार्यशाला के अतिथि प्रोफेसर डॉ. चिंतामणि (नई दिल्ली) ने वीडियो प्रस्तुति द्वारा स्तन कैंसर के लिए ऑन्कोप्लास्टिक सर्जिकल तकनीकों का विस्तृत प्रदर्शन किया।
एनएचएस (NHS) बर्मिंघम यूके (UK) से डॉ विद्या आर ने पैनल डिस्कशन का संचालन किया, जिसमें जनरल सर्जन, ऑन्को-सर्जन, प्लास्टिक सर्जन, रेडियोलॉजिस्ट और विकिरण ऑन्कोलॉजिस्ट ने स्तन कैंसर के प्रबंधन पर चर्चा की गई। इस कार्यक्रम का आयोजन डॉ. स्वागता ब्रह्मचारी और डॉ. श्यामलाल ने किया।
कार्यक्रम में राष्ट्रीय ख्याति के सर्जन एम्स नई दिल्ली, केजीएमयू लखनऊ, इंदौर, जबलपुर से 150 से अधिक सर्जन शामिल हुए। इसमें जनरल सर्जन, ऑन्कोसर्जन, प्लास्टिकसर्जन, रेडिएशन ऑन्कोलॉजिस्ट और सर्जिकल ट्रेनी शामिल हैं।
कार्यशाला को कार्यपालक निदेशक प्रोफेसर डॉ. अजय सिंह ने संबोधित किया। उन्होंने CME को प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि एम्स भोपाल सर्जनों के लिए इस तरह की और शैक्षणिक गतिविधियों के लिए एनाटॉमी विभाग में एक कैडेवरिक लैब स्थापित करने की योजना बना रहा है ।
एम्स भोपाल के अध्यक्ष डॉ. सुनील मलिक ने स्तन कैंसर के लिए इस तरह की बहु-विषयक कार्यशाला आयोजित करने के लिए आयोजन समिति को बधाई दी। उन्होंने स्नातक और स्नातकोत्तर छात्रों के लिए इस तरह के और कार्यक्रमों का आयोजन करने का अनुरोध किया।
वही, 28 जनवरी 2024 को हैंड्स ऑन कैडेवरिक वर्कशॉप होगी, जिसमें 40 प्रतिभागी होंगे, जो कैडेवर पर ऑन्कोप्लास्टिक तकनीक सीखेंगे। यह मध्य प्रदेश में अपनी तरह की पहली वर्कशॉप होगी।
न्यू जॉइन फैकल्टी के लिए ओरिएंटेशन प्रोग्राम का आयोजन
एम्स भोपाल में पिछले एक वर्ष के दौरान नियुक्त हुए फैकल्टी मेंबर्स के लिए शनिवार को ओरिएंटेशन कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर कार्यपालक निदेशक प्रोफेसर डॉ. अजय सिंह ने कहा कि सभी नव नियुक्त फैकल्टी को अपने-अपने क्षेत्र में महारत हासिल है। वे एम्स भोपाल में अपनी बेहतर सेवाएं देकर मरीजों के सेवा करें और अपने भविष्य को बेहतर बनाएं।
प्रोफेसर अजय सिंह ने कहा- इस ओरिएंटेशन कार्यक्रम का उद्देश्य आप सबको यहां के तौर-तरीकों और तंत्र से अवगत कराना है। संस्थान के मिशन के साथ अपने मिशन को तय करें और सेवा भाव से उसकी प्राप्ति के लिए प्रयास करें। आपस में बेहतर संवाद बनाएं। अनैतिक कार्यों से खुद को दूर रखें और शोध कार्य के लिए परिश्रम करते रहें। आने वाले समय में आप अपने विद्यार्थियों के लिए एक रोल मॉडल बने।
इससे पूर्व प्रोफेसर डॉ. रजनीश जोशी , डीन (एकेडेमिक्स) ने उपस्थिति का स्वागत किया। कर्नल डॉ. अजीत कुमार, उपनिदेशक (प्रशासन) ने इंसान को प्रसन्न रहने के तरीकों पर चर्चा की। इस दौरान प्रतिभागियों को विभिन्न प्रशासनिक पहलुओं से भी अवगत कराया गया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. राघवेंद्र विदुआ ने किया।