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Bhilwara Bhatti Kand: अदालत ने बीते शनिवार को इस मामले पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। इससे पहले अदालत ने दोनों मुख्य आरोपी कालू और कान्हा को दोषी करार दिया था। जबकि सात को बरी कर दिया था।

Bhilwara Bhatti Kand: राजस्थान के बहुचर्चित भीलवाड़ा के कोटड़ी भट्टी कांड पर सोमवार, 20 मई को अदालत ने अपना फैसला सुना दिया है। अदालत ने सगे भाई कालू और कान्हा कालबेलिया को POCSO अदालत ने मौत की सजा दी है। जज अनिल गुप्ता ने फैसला सुनाते हुए मामले को दुर्लभतम श्रेणी में रखा। 

अदालत ने बीते शनिवार को इस मामले पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। इससे पहले अदालत ने दोनों मुख्य आरोपी कालू और कान्हा को दोषी करार दिया था। जबकि सात को बरी कर दिया था। पुलिस ने इस मामले की 473 पन्नों की चार्जशीट 30 दिन के भीतर अदालत में पेश की थी। 

क्या था मामला?
यह पूरा मामला पिछले साल 2 अगस्त का है। भीलवाड़ा जिले के कोटड़ी थाना क्षेत्र के गांव में बकरियां चराने गई किशोरी लापता हो गई थी। जब वह घर नहीं लौटी तो उसके परिवार ने उसकी तलाश की। खोजबीन के कुछ घंटों बाद रात 10 बजे परिवारवालों ने भट्टी से धुआं उठते देखा। उस वक्त बारिश भी हो रही थी। 

शव धधकती कोयला भट्टी में मिला था। दुर्गंध आने पर जब राख खंगाली गई तो उसमें चांदी का कड़ा और चप्पल मिली थी। अधिकारियों ने भट्टी से हड्डियां और आधे जले हुए शरीर के हिस्से बरामद किए और बाद में शरीर के हिस्सों की फोरेंसिक जांच से पता चला कि युवा लड़की को जिंदा जलाया गया था। 

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि फॉरेंसिक जांच रिपोर्ट से पता चला है कि भट्ठी में जलाए जाने से पहले लड़की जीवित थी। जांच में यह भी पता चला है कि दुष्कर्म के बाद लड़की के सिर पर डंडे से वार कर उसे बेहोश कर दिया गया था।

बलात्कार और हत्या के दोषी कान्हा और कालू
विशेष लोक अभियोजक महावीर सिंह किशनावत ने कहा कि कालू और कान्हा को मौत की सजा दी गई। शनिवार को उन्हें लड़की से बलात्कार और हत्या का दोषी पाया गया था। उन्होंने बताया कि इस केस में कालू, कान्हा समेत 9 लोग आरोपी बनाए गए थे। जिसमें आरोपियों की पत्नी, बहन, मां, पिता व अन्य शामिल थे। इन पर सबूत को मिटाने का आरोप था। 

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