SEBI PACL Scam: राजस्थान की राजनीति उस वक्त अचानक गर्मा गई जब जयपुर स्थित सिविल लाइन्स इलाके में कांग्रेस नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास के घर ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) की टीम ने अचानक छापा मारा। सुबह से ही उनके आवास पर तलाशी चल रही है, जिससे पूरे राजनीतिक गलियारे में हलचल मच गई है।
PACL घोटाला का आरोप
बताया जा रहा है कि ये कार्रवाई देश के सबसे बड़े चिटफंड घोटालों में से एक PACL घोटाले से जुड़ी हुई है। इस घोटाले में करीब 50 हजार करोड़ रुपये के निवेश का मामला है, जिसमें प्रताप सिंह की कथित भूमिका की जांच की जा रही है।
#WATCH | Jaipur, Rajasthan: On ED raid at his residence, Congress leader Pratap Singh Khachariyawas says, "...Governments keep changing, the time will change. Imagine what will happen to BJP when Rahul Gandhi comes to power. You (BJP) have started these proceedings, we will also… pic.twitter.com/fcLmmxmzb4
— ANI (@ANI) April 15, 2025
पूर्व मंत्री बोले- मैं ईडी से डरने वाला नहीं हूं
ईडी के छापे के बाद प्रताप सिंह खाचरियावास ने मीडिया से बातचीत में कहा, "मैं ईडी से डरने वाला नहीं हूं। अगर वे जांच करना चाहते हैं तो मैं पूरा सहयोग दूंगा, लेकिन भाजपा ईडी का राजनीतिक इस्तेमाल न करे। मुझे इस कार्रवाई की कोई पूर्व सूचना नहीं दी गई थी।"
यह घोटाला कोई छोटा-मोटा मामला नहीं है। PACL कंपनी पर करीब 5.85 करोड़ निवेशकों से 49,100 करोड़ रुपये की ठगी का आरोप है। अकेले राजस्थान में 28 लाख लोगों ने इसमें 2,850 करोड़ रुपये का निवेश किया था। सेबी ने इस कंपनी की स्कीमें अवैध करार देते हुए 2014 में इस पर रोक लगा दी थी।
PACL का दावा
PACL का दावा था कि वह रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स में निवेश करवा रही है, लेकिन असल में ये एक चिटफंड स्कीम थी। सुप्रीम कोर्ट ने भी इस पर सख्त रुख अपनाया और 2016 में एक कमेटी गठित कर इसकी संपत्तियों की नीलामी के आदेश दिए ताकि निवेशकों को उनकी रकम वापस मिल सके। सेबी के अनुमान के मुताबिक, कंपनी के पास 1.86 लाख करोड़ रुपये की संपत्तियां हैं।