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Madan Dilawar: राजस्थान से बड़ी खबर है। शुक्रवार (11 अक्टूबर) को चित्तौड़गढ़ के रावतभाटा में पंचायत भवन का निरीक्षण करने पहुंचे कैबिनेट मंत्री मदन दिलावर पर मधुमक्खियों ने हमला बोल दिया। मंत्री को अस्पताल लाया गया।

Madan Dilawar: राजस्थान के चित्तौड़गढ़ से बड़ी खबर है। रावतभाटा में शुक्रवार (11 अक्टूबर) को पंचायत भवन का निरीक्षण करने पहुंचे कैबिनेट मंत्री मदन दिलावर पर मधुमक्खियों ने हमला बोल दिया। मधुमक्खियों ने डंक मारना शुरू किया तो मंत्री इधर-उधर भागे। भागदौड़ में दिलावर का ब्लड प्रेशर बढ़ गया। आनन-फानन में दिलावर को अस्पताल लाया गया। डॉक्टर ने इंफेक्शन से बचने का इंजेक्शन लगाया। चेकअप के बाद डॉक्टर ने मंत्री का स्वास्थ्य बिल्कुल ठीक होना बताया है। 

शौचालय में घुसे और दौड़कर बाहर भागे मंत्री 
जानकारी के मुताबिक, राजस्थान के शिक्षा व पंचायती राज मंत्री मदन दिलावर शुक्रवार को भैंसरोडगढ़ पंचायत समिति में निरीक्षण करने पहुंचे। पंचायत समिति का निरीक्षण करने के बाद पीछे बने सार्वजनिक शौचालय का निरीक्षण करने पहुंचे। मंत्री शौचालय के अंदर पहुंचे तो मंत्री को  मधुमक्खियों का छत्ता दिखाई दिया। थोड़ी ही देर में मधुमक्खियों ने मंत्री पर हमला कर दिया। मधुमक्खियों ने मंत्री को डंक मारना शुरू कर दिया। मंत्री तेजी से दौड़ते हुए बाहर निकले। बाहर मौजूद स्टाफ ने उन्हें संभाला और डॉक्टर्स की टीम को मौके पर बुलवाया। चिकित्सकों ने उन्हें चुभे डंक निकाले।

 Minister stung by bees
टॉयलेट में मधुमक्खियों ने छत्ता बनाया था। 

जानें मंत्री ने क्या कहा 
मंत्री ने कहा कि कोई भी सरपंच अगर कहता है कि हमारे पास सफाई के लिए पैसा नहीं है तो उसका नाम बताएं। मैं तुरंत सरपंच को निलंबित कर दूंगा। हर पंचायत को सालाना 12 लाख रुपए मिलते हैं। चाहे नगरपालिका हो या पंचायती क्षेत्र, जहां भी सफाई व्यवस्था में गड़बड़ी मिली तो तुरंत कार्रवाई होगी। इसके थोड़ी देर बाद मंत्री दिलावर श्रीपुरा गांव के दौरे के लिए रवाना हो गए। 

कौन हैं मदन दिलावर? 
मदन दिलावर भाजपा के सीनियर नेता और राजस्थान के शिक्षा मंत्री हैं। बारां के दलित परिवार में 1959 को जन्मे दिलावर साड़ियों का कारोबार करते थे। 1978 में आरएसएस में शामिल हुए और बजरंग दल की कोटा इकाई के अध्यक्ष बन गए। 1990 में राम जन्मभूमि आंदोलन से जुड़े। राजस्थान विधानसभा का पहला चुनाव बारां-अटरू की आरक्षित सीट से जीता। 1993, 1998 और 2003 में भी उन्होंने अपनी जीत बरकरार रखी। भैरों सिंह शेखावत (1993-98) और वसुंधरा राजे (2003-2008) सरकार में भी मंत्री रहे हैं। 

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