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Rajasthan News: राजस्थान की राजधानी जयपुर के राजापार्क स्थित दशहरा मैदान में गुरुवार, 26 सितंबर से पंच दिवसीय हिंदू आध्यात्मिक मेले की शुरुआत हो गई है।

Rajasthan News: राजस्थान की राजधानी जयपुर के राजापार्क स्थित दशहरा मैदान में गुरुवार, 26 सितंबर से पंच दिवसीय हिंदू आध्यात्मिक मेले की शुरुआत हो गई है। मेले का उद्घाटन उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने किया। इस दौरान चिदानंद सरस्वती ने संबोधन में कहा कि पूरे दुनिया में भारत को सांपों की पूजा करने वाला माना जाता था। तब हमने दुनिया को बताया था कि सनातन और हिंदू धर्म क्या है? इतना ही नहीं उन्होंने आगे कहा कि आज दुनिया AI की चर्चा करती है, हम दुनिया को RI ऋषि इंटेलिजेंस देंगे।

उद्घाटन के दौरान उप राष्ट्रपति धनखड़ बोले कि हमारे सामने कुछ ऐसे भी चुनौती पूर्ण मुद्दे हैं, जिनका समाधान दुनिया को सिर्फ भारत ही दे सकता है। भारत में क्लाइमेट चेंज एक बड़ी चुनौती है। अगर आप सनातन की फिलॉसफी में जाएंगे तो, पता चलेगा कि हम तो कभी भी क्लाइमेट चेंज को आने ही नहीं देते। लेकिन हम भारतीयों का राष्ट्रीय धर्म हमारा परम कर्तव्य है। इसलिए हम निजी और राजनीतिक हित को राष्ट्रहित से ऊपर नहीं रख सकते है।

भारत की हजारों साल की संस्कृति है
उन्होंने आगे कहा कि हमारी हजारों साल की संस्कृति है। भारत को 2047 में विकसित देश बनाना है। इसका सपना देश के प्रधानमंत्री ने देखा है। उन्होंने 2014 में ऐसा नहीं देखा था। क्योंकि उस दौरान सपने देखने का वक्त ही नहीं था। देश के हालात सुधारने का वक्त था। जब दूसरी बार प्रधानमंत्री बने तो उन्होंने 2019 में यह सपना देखा।

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चित्तौड़ की धरती को प्रणाम
इस कार्यक्रम में चिदानंद सरस्वती भी शामिल रहे। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि आज पूरे विश्व में उस सनातन के लिए सम्मान है। लेकिन, भारत के कुछ लोग विदेशों में जाकर सनातन धर्म पर सवाल उठाते हैं। जो पूरी तरह से गलत है। वहीं कार्यक्रम में अपने संबोधन के दौरान साध्वी ऋतम्भरा ने कहा कि हमारी क्षत्रिय राजपूतानियां अगर देश के लिए जौहर कर सकती हैं तो, हम कभी भी छोटे-मोटे लालच के लिए धर्म परिवर्तन नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि हमें चित्तौड़ की धरती को प्रणाम करना है।

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