Ayodhya Ram Mandir Ram Navami Update: श्रीरामजन्मभूमि अयोध्या में इस बार रामनवमी का उत्सव खास होगा। रामलला का जन्मोत्सव पहली बार दिव्य मंदिर में मनेगा। सूर्य की किरणें भी रामलला का अभिषेक करेंगी। 17 अप्रैल को दोपहर 12 बजे सूर्य की किरणें मंदिर की तीसरी मंजिल पर लगे ऑप्टोमैकेनिकल सिस्टम के जरिए गर्भगृह तक पहुंचेंगी और दर्पण से परावर्तित होकर रामलला के मस्तक पर पड़ेंगी। सूर्य की यह किरणें 75 मिमी आकार के गोल तिलक के रूप में 4 मिनट तक दिखेंगी। यह पूरा सिस्टम देश की दो वैज्ञानिक संस्थानों ने तैयार किया है।
अयोध्या राममंदिर के पुजारी अशोक उपाध्याय ने बताया कि सूर्य तिलक के लिए कुछ दिन पूर्व गर्भगृह के ऊपर तीसरी मंजिल पर वैज्ञानिक उपकरण लगाए गए हैं। रविवार और सोमवार को ट्रायल हुआ तो किरणें मस्तक पर पड़ रही थीं। रामनवमी पर सूर्य तिलक तय माना जा रहा है।
100 LED स्क्रीन्स से पूरे अयोध्या में लाइव प्रसारण
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के नृपेंद्र मिश्रा ने बताया कि सूर्य तिलक की तैयारी पूरी है। 100 LED स्क्रीन्स से पूरे अयोध्या में इसका प्रसारण किया जाएगा। ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि IIT रुड़की के सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट ने यह सिस्टम बनाया है। वैज्ञानिक देवदत्त घोष के मुताबिक, सिस्टम सूर्य पथ बदलने के सिद्धांतों पर आधारित है। एक रिफ्लेक्टर, 2 दर्पण, 3 लेंस, पीतल पाइप से किरणें मस्तक तक पहुंचेंगी।
ऐसे बदलेगी सूर्य किरणों की चाल
वैज्ञानिक डॉ. प्रदीप चौहान ने बताया कि सूर्य तिलक तय समय पर हो, इसके लिए 19 गियर लगाए लगाए गए हैं, जो सेकेंडों में दर्पण और लेंस पर किरणों की चाल बदलेंगे। बेंगलुरू की कंपनी ऑप्टिका ने लेंस और पाइप बनाए हैं।
50 क्विंटल फूलों से सजाया जाएगा राम मंदिर
रामनवमी पर राम मंदिर 50 क्विंटल फूलों से सजाया जाएगा। ट्रस्टी डॉ अनिल मिश्रा ने बताया कि गर्भग्रह के अलावा पांचों मंडप, बाहरी दीवारों, शिखर, सीडीओ और परकोट फूलों से सुसज्जित किए जाएंगे। इसमें 20 प्रकार फूल इस्तेमाल होंगे। इस दौरान राम भक्तों हेलिकॉप्टर से पुष्पवर्षा की जाएगी।