Ayodhya Ram Temple Construction Updates: अयोध्या में भगवान राम के भव्य मंदिर का भूतल (ग्राउंड फ्लोर) बनकर तैयार है। अब इसके उद्घाटन को बमुश्किल एक महीना बचा है। बुधवार को श्रीराम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने 70 एकड़ भूमि का नक्शा दिखाया। राय के मुताबिक, मंदिर परिसर के नीचे कभी वाटर लेवल नीचे नहीं जाएगा। मंदिर परिसर में किसी भी तरह का अपशिष्ट जल बाहर नहीं आएगा। दावा है कि मंदिर परिसर आत्मनिर्भर मॉडल पर आधारित है। क्योंकि, इसमें सीवर प्लांट, वाटर ट्रीटमेंट प्लांट, एक फायर ब्रिगेड पोस्ट और अलग बिजली लाइन होगी। मंदिर अयोध्या नगर पालिका पर बोझ नहीं बनेगा।
संकरी जमीन पर क्यों बन रहा मंदिर?
चंपत राय ने कहा कि राम मंदिर 70 एकड़ जमीन के उत्तर दिशा में है। यह बेहद संकरा इलाका है। ऐसे में सवाल उठता है कि संकरे क्षेत्र में मंदिर क्यों बन रहा है? तो बता दूं कि सुप्रीम कोर्ट में जो मामला था, वह इसी जमीन के लिए था। इसलिए इसी जगह पर तीन मंजिला मंदिर बन रहा है। ग्राउंड फ्लोर बन चुका है। फर्स्ट फ्लोर पर निर्माण चल रहा है। मंदिर की एक मेन बाउंड्री भी बनाई जा रही है।
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#WATCH | General Secretary of Shri Ram Janmabhoomi Teerth Kshetra, Champat Rai describes the map of Shri Ram Janmabhoomi temple.
— ANI (@ANI) December 27, 2023
He says "Locker facilities for 25,000 pilgrims have been made at Pilgrimage Facility Centre (PFC). A small hospital will also be built near the PFC. A… pic.twitter.com/APJ5211AiG
#WATCH | General Secretary of Shri Ram Janmabhoomi Teerth Kshetra, Champat Rai describes the map of Shri Ram Janmabhoomi temple.
— ANI (@ANI) December 27, 2023
He says "If needed, we will take water from the Saryu river or from the ground. But ground water will go into the ground only. Construction is… pic.twitter.com/rz1u35Q47z
राम मंदिर से जुड़ी अहम बातें
- मंदिर में प्रवेश पूर्व दिशा से और निकास दक्षिण दिशा से होगा। संपूर्ण मंदिर तीन मंजिला होगा।
- मुख्य मंदिर तक पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को पूर्वी दिशा से 32 सीढ़ियां चढ़नी होंगी।
- मंदिर परिसर नागर शैली में बनाया गया है। मंदिर 250 फीट चौड़ा और 161 फीट ऊंचा है। मंदिर के हर फ्लोर की ऊंचाई 20 फीट होगी। इसमें कुल 392 खंभे और 44 द्वार होंगे।
- अक्सर मंदिरों के गर्भगृह के चारों ओर परकोटा नहीं होता है। लेकिन राम मंदिर में परकोटा बनाया जाएगा। यह 14 फुट चौड़ा और 732 मीटर तक फैला रहेगा।
- परकोटा के चारों कोने सूर्य देव, मां भगवती, भगवान गणेश और भगवान शिव को समर्पित होंगे। उत्तरी तरफ, मां अन्नपूर्णा के लिए एक मंदिर होगा और दक्षिणी तरफ भगवान हनुमान के लिए एक मंदिर होगा।
- महर्षि वाल्मिकी, महर्षि वशिष्ठ, महर्षि विश्वामित्र, महर्षि अगस्त्य, निषाद राज, माता शबरी और देवी अहिल्या के मंदिर होंगे। अयोध्या के कुबेर टीला पर जटायु की मूर्ति स्थापित की गई है।
- परिसर में एक अस्पताल और एक टॉयलेट ब्लॉक के साथ श्रद्धालुओं के लिए भी कैंपस होगा। जहां 25,000 लोग दर्शन के लिए जाने से पहले अपने जूते, घड़ियां और मोबाइल फोन जमा कर सकेंगे।
- गर्मियों के दौरान श्रद्धालुओं के लिए विशेष इंतजाम किए जाएंगे। ताकि उन्हें मंदिर तक नंगे पैर न चलना पड़े।
- मंदिर परिसर के 70 एकड़ क्षेत्र का लगभग 70% एरिया हरा-भरा होगा। यहां सौ साल से भी ज्यादा पुराने पेड़ हैं।
- परिसर में दो सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट, एक वाटर ट्रीटमेंट प्लांट और एक समर्पित बिजली लाइन होगी। इसमें एक फायर ब्रिगेड पोस्ट होगी। इसके लिए ग्राउंडेड पॉन्ड बनाया जाएगा।
राम मंदिर की ताजा फोटो देखिए...
पीएम मोदी ने किया था नींव पूजन
राम मंदिर का निर्माण मई 2022 से शुरू हुआ था। गर्भगृह में श्वेत मार्बल लगाए गए हैं। मंदिर और परकोटा दोनों की आयु एक हजार साल है। प्रधानमंत्री मोदी ने मंदिर का शिला पूजन किया था।