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Dihuli Village Dalit Massacre Case: कोर्ट ने 44 साल पहले फिरोजाबाद जिले के जसराना थाना क्षेत्र के दिहुली गांव में हुई 24 दलितों की हत्या के मामले में तीन आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई है। सजा सुनते ही तीनों आरोपी रो पड़े।

Dihuli Village Dalit Massacre Case: मैनपुरी जिले की एक अदालत ने 44 साल पहले फिरोजाबाद जिले के जसराना थाना क्षेत्र के दिहुली गांव में हुई 24 दलितों की हत्या के मामले में तीन आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई है। साथ ही, प्रत्येक आरोपी पर 50,000 रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है। यह फैसला 18 मार्च 2025 को सुनाया गया, जिसके बाद गांव में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।

क्या हुआ था 44 साल पहले?
18 नवंबर 1981 को दिहुली गांव में एक भीषण हत्याकांड हुआ था। शाम करीब पांच बजे हथियारबंद बदमाशों ने दलित बस्ती पर हमला बोल दिया। इस हमले में 24 दलितों की निर्मम हत्या कर दी गई, जिनमें महिलाएं, पुरुष और बच्चे शामिल थे। इस घटना ने पूरे क्षेत्र को हिलाकर रख दिया था।

कौन हैं दोषी?
इस मामले में रामसेवक, कप्तान सिंह और रामपाल नाम के तीन आरोपियों को दोषी पाया गया है। कोर्ट ने इन तीनों को फांसी की सजा सुनाई है। सजा सुनते ही तीनों आरोपी रो पड़े, लेकिन न्यायाधीश ने कहा कि यह फैसला न्याय की जीत है।

कैसे चली कानूनी प्रक्रिया?
यह मामला पहले मैनपुरी कोर्ट में चला, लेकिन डकैती कोर्ट न होने के कारण इसे इलाहाबाद (अब प्रयागराज) स्थानांतरित कर दिया गया। करीब 15 साल बाद मामला फिर से मैनपुरी स्पेशल जज डकैती कोर्ट में भेजा गया। सुनवाई पूरी होने के बाद न्यायाधीश इंद्रा सिंह ने 18 मार्च 2025 को फैसला सुनाया।

पीड़ित परिवारों को मिला न्याय
इस फैसले को पीड़ित परिवारों के लिए न्याय की जीत माना जा रहा है। सरकारी वकील एडवोकेट रोहित शुक्ला ने कहा कि यह फैसला समाज के लिए एक संदेश है कि अपराध चाहे कितने भी पुराने क्यों न हों, न्याय जरूर मिलता है।

गांव में कड़ी सुरक्षा
फैसला सुनाए जाने के बाद दिहुली गांव में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। पुलिस अधिकारी मौके पर मौजूद हैं और हालात पर नजर बनाए हुए हैं, ताकि किसी भी प्रकार की तनावपूर्ण स्थिति न बने।

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