Ghazipur Bus fire: उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले में सोमवार को बिजली के तार के संपर्क में आने के बाद बस में आग लग गई। इस हादसे में कई लोगों के मरने की आशंका है। मौके पर बचाव दल पहुंच गया है। आग पर काबू पाने की कोशिश की जा रही है। स्थानीय लोग भी आग बुझाने में मदद कर रहे हैं। हादसे में 5 लोगों की मौत होने की खबर है। बस में 30 लोग सवार थे। ऐसे में इस बात की आशंका है कि मृतकों का आंकड़ा बढ़ सकता है।
सीएम योगी ने घटना पर जताया दुख
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस हादसे पर दुख जताया है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को तेजी से राहत और बचाव करने के निर्देश जारी किए हैं। मुख्यमंत्री योगी ने मृतकों के परिजनों को पांच पांच लाख रुपए का मुआवजा देने का ऐलान किया है। साथ ही गंभीर रूप से झुलसे लोगों को पचास हजार रुपए की आर्थिक सहायता और फ्री इलाज करने का निर्देश दिया है। मुख्यमंत्री योगी के निर्देश पर अनिल राजभर और एके शर्मा गाजीपुर के लिए रवाना हो गए हैं।
शार्टकट लेकर जा रहा था बस ड्राइवर
कुछ झुलसे लोगों मऊ के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। ऐसा बताया जा रहा है कि बस बारातियों को लेकर खिरिजा खाहा से महाहर धाम जा रही थी। कम देर में दूरी तय करने के लिए बस ड्राइवर मुख्य सड़क के बदले शॉर्ट कर्ट लेकर जा रहा था। महाहार गांव के पास पहुंचते ही बस बिजली के हाईटेंशन लाइन की चपेट में आ गई। इससे बस में सवार लोगों को पहले तो तेज झटका लगा उसके बाद बस धू धू कर जल उठी।
11 हजार वोल्ट का था हाईटेंशन तार
स्थानीय लोगों के मुताबकि, बस में आग लगने के काफी देर तक लोग बस दूर से देखते रहे। जब बिजली विभाग की ओर से हाईटेंशन तार से बिजली का कनेक्शन काटा गया, इसके बाद लोग और बचाव कर्मी बस तक पहुंच पाए। बताया जा रहा है कि जिस हाईटेंशन वायर की संपर्क में बस आई उसमें 11 हजार वोल्ट का करंट था। जैसे ही बस तार के संपर्क में आई, बस से चिंगारी निकलनी शुरू हो गई। यह देखकर कुछ लोग बस से कूद कर बाहर निकलने में कामयाब रहे, वहीं, कुछ लोग अंदर ही फंसे रह गए।
कई थानों की टीम मौके पर पहुंची
बारातियों से भरी बस में आग लगने की सूचना पर कई थानों की टीम मौके पर पहुंच चुकी है। दुल्लहपुर, विरनव, कासिमाबाद और मदरह थानों की टीम जैसे ही मौके पर पहुंचे ग्रामीण उग्र हो उठे। नाराज ग्रामीणों ने पुलिस टीम पर पथराव कर दिया। ग्रामीणों के पथराव में कई पुलिसकर्मियों को चोटें आने की भी बात कही जा रही है। स्थानीय लोगों ने मीडिया से बातचीत में बताया कि पास में ही मेला लगा था। इसकी वजह से बस को मेन रोड से नहीं जाने दिया गया, इसकी वजह से ही बस को नहर के रास्ते ले जाना पड़ा। अगर बस मेन रोड से गई होती तो यह हादसा नहीं होता।
गाजीपुर के एसपी हादसे के बाद क्या बोले
हादसे के बाद गाजीपुर के एसपी ओमवीर सिंह ने इसे प्रशासनिक और बिजली विभाग की नाकामी बताया। एसपी ने कहा कि मेले की वजह से रूट डायवर्ट किया गया था। हर साल इलाके में मेला लगता है और इसे देखते हुए रुट डायवर्ट किया जाता है। मेले की तैयारियों का जायजा लेने के लिए डीएम ने भी गांव का दौरा किया था। प्रशासन की ओर से गाइडलाइन जारी की गई थी कि मेले तक किन गाड़ियों को जाने की इजाजत होगी। जिस हाईटेंशन तार के संपर्क में बस आई, वह नीचे लटक रही थी। बिजली विभाग ने समय रहते इसे देखकर ठीक कर दिया होता तो यह हादसा नहीं होता। जिन लोगों की मौत हादसे में हुई है उन्हें हम वापस तो नहीं कर सकते, लेकिन हम इस बात का ध्यान रखेंगे कि भविष्य में ऐसी गलती दोबारा नहीं हो।