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Gyanvapi ASI Survey: ज्ञानवापी ASI सर्वे में कोर्ट ने हिंदू पक्ष की याचिका को खारिज कर दिया, जिससे बचे हुए हिस्सों की खुदाई पर रोक लग गई है। वकील ने कहा कि वह अब हाईकोर्ट में इस फैसले को चुनौती देंगे।

Gyanvapi ASI Survey: वाराणसी की जिला अदालत ने शुक्रवार (25 अक्टूबर) को ज्ञानवापी परिसर में चल रहे भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के मामले में बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने हिंदू पक्ष की उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें बचे हुए हिस्सों की खुदाई की मांग की गई थी। इस फैसले के बाद ज्ञानवापी मामले में एक नया मोड़ आ गया है।

हिंदू पक्ष की याचिका क्यों हुई खारिज?
हिंदू पक्ष ने ASI सर्वे के दौरान ज्ञानवापी परिसर के उन हिस्सों की खुदाई की अनुमति मांगी थी, जिन्हें पहले संरक्षित माना गया था। कोर्ट ने याचिका को खारिज करते हुए कहा कि फिलहाल संरक्षित हिस्सों की खुदाई जरूरी नहीं है। इस फैसले से हिंदू पक्ष असंतुष्ट है और उनके वकील ने साफ किया कि वे इस निर्णय के खिलाफ हाईकोर्ट जाएंगे।

कोर्ट का फैसला: क्या है मायने?
कोर्ट के इस फैसले का मतलब है कि अब ASI को ज्ञानवापी परिसर के उन हिस्सों की खुदाई करने की अनुमति नहीं होगी, जिनके लिए हिंदू पक्ष ने याचिका दाखिल की थी। कोर्ट ने कहा कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा पहले से चल रही जांच प्रक्रिया जारी रहेगी, लेकिन कोई नई खुदाई नहीं की जाएगी।

हाईकोर्ट में अपील की तैयारी में हिंदू पक्ष
ज्ञानवापी मामले पर हिंदू पक्ष के अधिवक्ता विजय शंकर रस्तोगी ने कहा कि यह फैसला नियमों और तथ्यों के खिलाफ है। मैं इससे व्यथित हूं और ऊपरी अदालत में जाकर इसे चुनौती दूंगा। 8.4.2021 के आदेश के अनुसार सर्वेक्षण के लिए ASI को 5 सदस्यीय समिति नियुक्त करनी थी, जिसमें एक व्यक्ति अल्पसंख्यक समुदाय का और एक केंद्रीय विश्वविद्यालय का विशेषज्ञ होता। इन सभी को ASI का सर्वेक्षण करना था। पिछला सर्वेक्षण ASI ने ही किया था। हाईकोर्ट ने पुष्टि की थी कि सर्वेक्षण उस आदेश (8.4.2021 के) के अनुपालन में नहीं था। हम तत्काल आधार पर हाईकोर्ट जाएंगे।

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