Gyanvapi Case Updates: ज्ञानवापी के व्यास तहखाने में 31 साल बाद पूजा हुई। बुधवार की रात 11 बजे तहखाने में भगवान गणेश और लक्ष्मी की पूजा अर्चना की गई। तहखाने में बने त्रिशूल समेत अन्य सनानती चिन्हों की भी पूजा की गई। इस दौरान डीएम, पुलिस कमिश्नर और डीआईजी मौजूद रहे। बैरिकेड हटा दिए गए हैं। रात 2 बजे पुलिस कमिश्नर और डीएम एक साथ बाहर आए। उन्होंने बताया कि वाराणसी कोर्ट के आदेश का पालन कर दिया गया है। काशी विश्वनाथ मंदिर के आसपास गुरुवार को सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं।
#WATCH | On the Gyanvapi case, Vishnu Shankar Jain, lawyer of the Hindu side says," In compliance of the order of Varanasi court, the State govt and district administration has made amendments to the barricading and daily puja has started in 'Vyas parivar Tehkhana'." pic.twitter.com/HMbWcBOGfl
— ANI (@ANI) February 1, 2024
अब तहखाने में होगी दैनिक आरती
हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि कोर्ट के आदेश का पालन किया गया है। काशी विश्वनाथ ट्रस्ट के पुजारी ने तहखाने में मूर्तियां स्थापित करने के बाद शयन आरती की। भगवान गणेश और लक्ष्मी की मूर्तियों के सामने अखंड ज्योति जताई गई। सभी देवताओं की दैनिक आरती होगी। इसमें सुबह की मंगला आरती, भोग आरती, शाम की आरती और फिर शयन आरती की जाएगी।
#WATCH | Uttar Pradesh: Security personnel deployed around the Gyanvapi complex in Varanasi.
— ANI (@ANI) February 1, 2024
Varanasi Court granted permission for puja in the 'Vyas Ka Tekhana', yesterday. pic.twitter.com/QNCaGvBh2B
भक्तों के लिए खोला जाए मंदिर
वकील सोहन लाल आर्य ने कहा कि प्रशासन ने पूजा पाठ की व्यवस्था की है। हम आज बहुत गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। अदालत का कल का फैसला अभूतपूर्व था। लेकिन व्यास का तहखाना अभी तक भक्तों के लिए नहीं खोला गया है। श्रद्धालु अधिवक्ता धीरेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि वे कोर्ट के आदेश से बेहद खुश और भावुक हैं। उन्होंने बताया कि हम सभी प्रतिदिन सुबह 3 बजे दर्शन के लिए यहां आते हैं। हम अदालत के आदेश से बेहद खुश और भावुक हैं। हमारी खुशी का ठिकाना नहीं है कि हमें अपने भगवान के 'दर्शन' करने का अधिकार मिल रहा है। इसे जल्द से जल्द आम जनता के लिए खोला जाना चाहिए।
बुधवार दोपहर 3 बजे अदालत ने दिया फैसला
बुधवार दोपहर तीन बजे वाराणसी अदालत ने हिंदू भक्तों को ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के अंदर 'व्यास का तहखाना' में प्रार्थना करने की अनुमति दी। कोर्ट ने जिला प्रशासन को अगले सात दिनों में जरूरी इंतजाम करने को कहा है। वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि सात दिनों के भीतर पूजा शुरू हो जाएगी। सभी को पूजा करने का अधिकार होगा।
मुस्लिम पक्ष हाईकोर्ट में करेंगे अपील
इस बीच मुस्लिम पक्ष के वकील अखलाक अहमद ने कहा कि वे वाराणसी कोर्ट के फैसले को चुनौती देने के लिए इलाहाबाद हाई कोर्ट जाएंगे। अखलाक अहमद ने कहा कि हम फैसले के खिलाफ इलाहाबाद हाई कोर्ट जाएंगे। आदेश में 2022 की एडवोकेट कमिश्नर रिपोर्ट, एएसआई की रिपोर्ट और 1937 के फैसले को नजरअंदाज किया गया है, जो हमारे पक्ष में था। हिंदू पक्ष ने कोई सबूत नहीं रखा है कि 1993 से पहले प्रार्थनाएं होती थीं। उस स्थान पर ऐसी कोई मूर्ति नहीं है।