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UP Kisan Card: उत्तर प्रदेश में आधार की तर्ज पर किसान कार्ड बनाए जा रहे हैं। दिसंबर से इसी कार्ड के आधार पर पीएम किसान सम्मान निधि सहित अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ मिलेगा। इसमें किसान व खेत से जुड़ी हर जानकारी दर्ज होगी।

UP Kisan Card: उत्तर प्रदेश में आधार की तर्ज पर किसान कार्ड बनाए जाने हैं। 1 जुलाई से इसके लिए किसान रजिस्ट्री की शुरुआत होगी। आधार नंबर, खेत का रकबा, खसरा नंबर का विवरण दर्ज कर हर किसान को एक नंबर जारी किया जाएगा। इस नंबर के जरिए किसान खेत सरकारी लाभ से जुड़ा पूरा विवरण देख सकेगा। 

रजिस्ट्री कार्य के बाद किसान को कार्ड बनाकर दिया जाएगा। दिसंबर इसी नंबर के आधार पर ही पीएम किसान सम्मान निधि व अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ मिलेगा। कृषि विभाग ने दावा किया है कि पूरे प्रदेश एक साथ किसान कार्ड जारी करने वाला उत्तर प्रदेश पहला राज्य है। 

यूपी में केंद्र सरकार की एग्रीस्टैक (कृषि के लिए डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचा विकसित करने की योजना) के तहत किसान रजिस्ट्री की प्रक्रिया शुरू की गई है। केंद्र सरकार ने इसके लिए मोबाइल एप तैयार कराया है, जिसमें उत्तर प्रदेश के हर किसान का पूरा विवरण दर्ज होगा। 

किसान रजिस्ट्री के लिए उत्तर प्रदेश में 1 से 31 जुलाई तक हर गांव में शिविर लगाए जाएंगे। जिसमें कर्मचारी संबंधित किसान का नाम, पता, स्वामित्व वाले सभी गाटा संख्या, सह खातेदार, किसान का अंश, मोबाइल नंबर, आधार नंबर, ईकेवाईसी विवरण दर्ज करेंगे। स्वामित्व हस्तांतरण (विरासत, बैनामा) होने पर रजिस्ट्री में बदलाव किया जाएगा। किसान के हर गाटे में दो सत्र में बोई जाने वाली फसल का विवरण भी दर्ज करेंगे। 

यह होगा फायदा
किसान को ऋण लेने के लिए अभी बार-बार राजस्व रिकॉर्ड देने पड़ते हैं। किसान कार्ड बनने के बाद एप पर पूरा विवरण मिल जाएगा। किसान कार्ड से सरकार को योजनाएं बनाने और उनके क्रियान्वयन में आसानी होगी। सत्यापन, विपणन और अन्य वित्तीय मामलों में भी सहूलियत होगी। पीएम किसान सम्मान निधि का भुगतान, किसान क्रेडिट कार्ड, फसल बीमा, आपदा के दौरान क्षतिपूर्ति देने में भी आसानी होगी।

फर्रुखाबाद में पायलट प्रोजेक्ट 
उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने बताया, किसान रजिस्ट्री से किसानों को योजनाओं का भरपूर लाभ मिलेगा। धांधली की गुंजाइश नहीं होगी। पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर फर्रुखाबाद में 185634 किसानों के कार्ड बनाए गए हैं। एक जुलाई से यह व्यवस्था पूरे प्रदेश में लागू की जा रही है। कृषि विभाग के साथ राजस्व, गन्ना, आईटी विभाग की टीम सहयोग करेगी। 
 

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