New guidelines: एनकाउंटर को लेकर योगी सरकार ने जारी की सख्त गाइडलाइन, जानें क्या-क्या बदला?

New guidelines for Encounter
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UP की योगी सरकार ने पुलिस एनकाउंटर को लेकर नई गाइडलाइन जारी की है। डीजीपी प्रशांत कुमार ने सोमवार, 21 अक्टूबर को आदेश जारी कर इसका सख्त से पालन कराने के निर्देश सभी पुलिस अधीक्षकों को दिए हैं।

New guidelines for Encounter: उत्तर प्रदेश में पुलिस एनकाउंटर को लेकर योगी सरकार ने नई गाइडलाइन जारी की है। डीजीपी प्रशांत कुमार द्वारा जारी दिशा-निर्देश में कहा गया कि एनकाउंटर में शूटआउट साइट की वीडियोग्राफी करानी होगी। साथ ही फॉरेंसिक टीम से इसका निरीक्षण कराना होगा। एनकाउंटर में अपराधी की मौत होने पर दो डॉक्टरों का पैनल पोस्टमार्टम करेगा। पोस्टमार्टम की वीडियोग्राफी भी करानी होगी।

डीजीपी प्रशांत कुमार ने सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों को इस संबंध में आदेश जारी किया है। आदेश में स्पष्ट किया गया कि एनकाउंटर मामले की जांच बाहरी पुलिस से कराई जाएगी। उस थाने की पुलिस इनमें बिल्कुल भी इनवाल्ब नहीं होगी, जिस क्षेत्र में एनकाउंटर हुआ है। जांच की जिम्मेदारी क्राइम ब्रांच पुलिस को सौंपा जा सकती है। जांच अधिकारी एनकाउंटर में शामिल अफसरों से ऊपरी रैंक वाला होगा।

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परिजनों को देनी होगी जानकारी
डीजीपी द्वारा जारी आदेश में कहा गया कि एनकाउंटर में बदमाशों के मौत की जानकारी तुरंत परिजनों को देनी होगी। मौके पर बनाया गया पंचनामा भी परिजनों से साझा करना होगा। एनकाउंटर में उपयोग किए गए शस्त्र भी सरेंडर करने होंगे। अपराधी घायल होने पर उनके हेंडवाश और हथियारों का बैलस्टिक परीक्षण अनिवार्य कराना होगा।

अखिलेश ने बताया मर्डर
यूपी में पुलिस एनकाउंटर की बढ़ती संख्या पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने चिंता जताई थी। सुल्तानपुर डकैती मामले में मंगेश यादव एनकाउंटर के बाद सपा सहित अन्य विपक्षी पार्टियां भी मुखर दिखीं। अखिलेश यादव ने एनकाउंटर को फर्जी बताते हुए पुलिस पर हत्या का आरोप लगाया। सुल्तानपुर के बाद बहराइच हिंसा के अपराधियों का भी एनकाउंटर हुआ। इसमें भी विपक्षी पार्टियों ने सरकार पर सवाल उठाए हैं।

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