UP News: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में संतों के बीच जमकर मारपीट हुई। गुरुवार को यह विवाद अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की बैठक में हुआ है। महाकुंभ 2025 की तैयारी को लेकर आयोजित बैठक संतों के दो गुट आमने सामने आ गए।
प्रयागराज महाकुंभ 2025 से पहले अखाड़ों में विवाद। बैठक में ही भिड़ गए संत pic.twitter.com/afFLV3Iqom
— sonelal.kushwaha (@KushwahaK45286) November 7, 2024
दरअसल, बैठक में साधु-संतों के एक समूह ने हर-हर महादेव के नारे लगाए, जिससे दूसरे गुट के संत महंत नाराज हो गए। विवाद इतना बढ़ा कि हाथापाई तक की नौबत बन गई। निर्मोही अखाड़े के अध्यक्ष महंत राजेंद्रदास ने बताया कि बैठक जमीन आवंटन को लेकर थी। बैठक में कई संतों को बैठने के लिए जगह नहीं दी गई।
ऐसे बढ़ा विवाद
बैठक में महाकुंभ मेला परिसर में जमीन आवंटन को लेकर चर्चा चल रही थी, तभी निर्मोही अखाड़ा के महंत राजेंद्र दास और कुछ अन्य साधु-संतों में झगड़ा हो गया। बात इतनी बढ़ी कि मामला मारपीट तक पहुंच गया। अखाड़ा परिषद की बैठक में मारपीट का वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें महामंत्री स्वामी हरिगिरी भी एक संत की पिटाई करते दिख रहे हैं।
जमीन आवंटन के मुद्दे पर तनातनी
विवाद की मुख्य वजह बैठक में एक पक्ष द्वारा की गई नारेबाजी को बताया जा रहा है। तनातनी जमीन आवंटन के मुद्दे पर शुरू हुई थी। इस बीच कुछ संतों ने हर-हर महादेव के जयकारे लगाने लगे। दूसरे गुट ने इसे उनका अहंकार समझ लिया। और विवाद शुरू हो गया।
पद को लेकर भी गुटबाजी
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद में पद को लेकर भी गुटबाजी चल रही है। महंत नरेंद्र गिरी के निधन के बाद से संतों की यह तकरार और ज्यादा बढ़ गई है। गुटों में बंटे साधु संतों का यह विवाद महाकुंभ 2025 से पहले खुलकर सामने आ गया।
संत समाज पर सवाल
महंत रवींद्र पुरी महाराज ने पहले ही आशंका जताई थी। उन्होंने कहा था कि महाकुंभ में सभी संतों को एकजुटता के साथ शामिल होना चाहिए। लेकिन ऐसा होता नहीं दिख रहा। अब सवाल उठता है कि गुटबाजी के बीच संत समाज काम कैसे करेगा। अभी तो कुंभ मेला शुरू भी नहीं हुआ।