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OMG: उत्तरप्रदेश के प्रयागराज में चोरी का अनोखा मामला सामने आया है। 8 दिन पहले श्रृंगवेरपुर के गऊघाट आश्रम मंदिर से श्रीराधा-कृष्ण की मूर्तियां चोरी हुईं। सोमवार(30 सितंबर) को चोर माफीनामा के साथ मूर्तियां लौटा गया।

OMG: प्रयागराज में चोरी का अनोखा मामला सामने आया है। 24 सितंबर को श्रृंगवेरपुर के गऊघाट आश्रम मंदिर से श्रीराधा-कृष्ण की 100 साल पुरानी अष्टधातु की मृर्तियां चोरी हुईं। वारदात को अंजाम देने के बाद चोर के बेटे की तबीयत बिगड़ गई। बुरे-बुरे सपने आने लगे। परेशान होकर चोर ने मूर्तियां वापस लौट दीं। सोमवार (30 सितंबर) की रात को चोर माफीनामे के साथ मूर्तियों को मंदिर से 200 मीटर दूर रखकर चला गया। पढ़ें माफीनामे में चोर ने क्या लिखा?  

अब चोरी नहीं करूंगा, चाहे भूखे ही सोना पड़े
प्रयागराज के 100 साल पुराने श्रृंगवेरपुर धाम के गऊघाट आश्रम खालसा मंदिर में चोरी के बाद चोर ने अपनी चिट्ठी में लिखा है कि महाराज जी, बहुत बड़ी गलती हो गई। अज्ञानता के कारण राधा-कृष्ण की मूर्ति चुरा ली। जब से यह चोरी की, तब से लगातार बुरे सपने आ रहे हैं। मेरे बेटे की तबीयत भी खराब हो गई है। कुछ पैसों के लिए मैंने यह गलत काम किया और मूर्ति के साथ छेड़छाड़ भी की। मैं अपनी गलती के लिए माफी मांगता हूं और मूर्ति को वापस मंदिर में रखने जा रहा हूं। आज के बाद कभी चोरी नहीं करूंगा, चाहे भूखे ही सोना पड़े।

Thief's apology in Prayagraj

जानें पूरा मामला
जानकारी के मुताबिक, शृंग्वेरपुर धाम के गऊघाट आश्रम स्थित श्रीराम-जानकी मंदिर से 24 सितंबर को अष्टधातु की राधा-कृष्ण की मूर्तियां चोरी हो गईं थी। चोर ने मंदिर का ताला तोड़कर इन मूर्तियों को चुरा लिया था। घटना के बाद स्थानीय लोगों में काफी आक्रोश फैल गया था। उन्होंने पुलिस से जल्द से जल्द मूर्तियों को बरामद करने की मांग की थी। मंदिर के महंत जयराम दास ने नवाबगंज थाने में शिकायत दर्ज कराई। 

महंत से विनती: मूर्तियों को मंदिर में फिर स्थापित करें 
पुलिस ने मामले में दो संदिग्धों को हिरासत में लिया था, लेकिन मूर्ति का कोई सुराग नहीं मिला। मंगलवार की सुबह 11.30 बजे हंडिया-कोखराज के सर्विस मार्ग पर आश्रम के सामने किसी ने मूर्ति देखी तो आश्रम के महंत को जानकारी दी। महंत को मूर्तियों के साथ एक चिट्ठी भी मिली, जिसमें चोर ने अपनी गलती के लिए माफी मांगी थी। चोर ने महंत से विनती की कि मूर्तियों को फिर से मंदिर में स्थापित कर दिया जाए, और उसने दोबारा चोरी न करने का वादा किया।

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