Rae Bareli-Prayagraj Highway: उत्तर प्रदेश को महाकुंभ 2025 से पहले एक और फोरलेन मिलने जा रहा है। रायबरेली-प्रयागराज हाईवे (Rae Bareli-Prayagraj Highway) के चौड़ीकरण का काम अंतिम चरण में है। इसके कुछ हिस्से को सिक्सलेन और शेष हिस्से को फोरलेन बनाया जा रहा है। इसके कंपलीट होजे ही लखनऊ से प्रयागराज का सफर आसान हो जाएगा।
1636 करोड़ से हो रहा चौड़ीकरण
लखनऊ से प्रयागराज की दूरी 195.7 किलो मीटर है। रायबरेली से लखनऊ तक फोरलेन हाईवे बना है, लेकिन रायबरेली से प्रयागराज के बीच यह टू-लेन है। 106 किमी लंबी इस सड़क का चौड़ीकरण 1636 करोड़ की लागत से किया जा रहा है।
#WATCH रायबरेली: उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने रायबरेली-प्रयागराज हाईवे के चौड़ीकरण कार्य का निरीक्षण किया।
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 28, 2024
(सोर्स: सूचना विभाग) pic.twitter.com/yrreSeLKff
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CS मनोज सिंह ने किया निरीक्षण
उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव मनोज सिंह ने शनिवार को रायबरेली-प्रयागराज (Rae Bareli-Prayagraj) के चौड़ीकरण का निरीक्षण किया। इस दौरान विभागीय अफसरों से हाईवे की गुणवत्ता की जानकारी लेते हुए महाकुंभ से पहले से कंपलीट करने के निर्देश दिए।
प्रयागराज-रायबरेली हाईवे से इन शहरों को फायदा
- प्रयागराज-रायबरेली हाईवे (Rae Bareli-Prayagraj Highway) के चौड़ीकरकण से कई कस्बों और गांवों को फायदा होगा। बाबूगंज, जगतपुर, ऊंचाहार और आनापुर में 24.14 किमी बायपास और सई नदी पर पुल बनाया जा रहा है।
- नवाबगंज से मलाक हरहर तक इसे सिक्सलेन (8.5 किमी) और लालगोपालगंज से नवाबगंज तक 18 किमी फोरलेन बनाया जा रहा है। इससे लखनऊ, बरेली, मुरादाबाद सहित पश्चिमी यूपी के कई जिलों से आने वाले श्रद्धालुओं को सुविधा होगी।
लखनऊ-प्रयागराज की दूरी होगी कम
प्रमुख सचिव (PWD) अजय चौहान ने बताया, रायबरेली-प्रयागराज हाईवे एनएचएआइ की प्रमुख परियोजनाओं में शामिल है। रायबरेली से लखनऊ तक 82 किमी का हिस्सा पहले से फोरलेन है। रायबरेली से प्रयागराज तक चौड़ीकरण हो जाने से न सिर्फ वाहन चालकों का समय बचेगा, बल्कि लखनऊ प्रयागराज की दूरी कम होने से रुपयों की भी बचत होगी।
एडवांस टेक्नॉलाजी से सेफ्टी और ट्रैफिक मैनेजमेंट
प्रमुख सचिव ने रायबरेली-प्रयागराज हाईवे पर एडवांस ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम, फाग रिफ्लेक्टर, प्रकाश व्यवस्था और डिवाइडर्स पेंटिंग कराने के निर्देश दिए हैं। सेफ्टी कंसल्टेंट के सुझाव पर सेफ्टी प्लान भी बनाया जाएगा। बीएलएस एवं एएलएस (एडवांस लाइफ सपोर्ट) एंबुलेंस की व्यवस्था कर आसपास के हास्पिटलों की मैपिंग की जाएगी।