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Sambhal violence: संभल में मस्जिद सर्वे के दौरान भड़की हिंसा में रविवार(24 नवंबर) को तीन लोगों की मौत हो गई। मुरादाबाद कमिश्नर आंजनेय कुमार सिंह ने अब इस हिंसा की सारी कहानी बताई है। जानें कैसे शुरू हुआ सारा विवाद। 

Sambhal violence: उत्तर प्रदेश के संभल के नखासा थाना क्षेत्र में रविवार(24 नवंबर) को मस्जिद के सर्वे के दौरान बवाल मच गया। अचानक आई भीड़ ने पत्थरबाजी शुरू कर दी, जिससे हिंसा भड़क उठी। तीन लोगों की मौत हो गई। 20 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हो गए। घटना के बाद इलाके में तनाव है। प्रशासन ने इंटरनेट सेवाओं पर रोक लगा दी है। इसके साथ ही 12वीं तक के स्कूल बंद कर दिए गए हैं। मामले की मैजिस्ट्रीयल जांच के आदेश दिए हैं। मुरादाबाद कमिश्नर आंजनेय कुमार सिंह ने अब इस हिंसा की सारी कहानी बताई है। यहां जानें कैसे शुरू हुआ सारा विवाद। 

कैसे भड़की हिंसा?
मुरादाबाद कमिश्नर आंजनेय कुमार सिंह ने बताया कि मस्जिद सर्वे शनिवार को तय किया गया था। सर्वे सुबह 7:30 बजे शुरू हुआ और 10 बजे खत्म हुआ। सर्वे के दौरान किसी भी तरह की पत्थरबाजी नहीं हुई। लेकिन जैसे ही मस्जिद से ऐलान हुआ कि सर्वे पूरा हो गया है, अचानक पत्थरबाजी शुरू हो गई। हालात काबू से बाहर हो गए। भीड़ ने पुलिसकर्मियों की गाड़ियों को निशाना बनाते हुए आगजनी की।

एक मृतक की गोली लगने से मौत होने की पुष्टि नहीं
इस हिंसा में तीन लोगों की मौत हो गई, जिनकी पहचान नोमान, बिलाल और नईम के रूप में हुई है। मुरादाबाद कमिश्नर ने बताया कि बिलाल की प्रारंभिक जांच में गोली लगने की पुष्टि नहीं हुई है। मृतकों के पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। प्रशासन ने साफ किया कि हिंसा में शामिल किसी व्यक्ति की पहचान के लिए ड्रोन और सीसीटीवी फुटेज का इस्तेमाल किया जाएगा।

पत्थर, सोडा की बोतल खरीदने पर रोक
उप जिला मजिस्ट्रेट ने नोटिस जारी कर नागरिकों को पत्थर, सोडा की बोतलें या कोई भी ज्वलनशील या विस्फोटक सामग्री अपनी छत पर रखने या खरीदने पर रोक लगा दी है। अगर कोई ऐसा करता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। नगर पालिका को यह भी आदेश दिए गए हैं कि अगर कोई भवन निर्माण सामग्री सड़कों पर पड़ी है तो उसे तुरंत जब्त कर लिया जाए।

मैजिस्ट्रीयल जांच के आदेश
एसपी कृष्ण कुमार ने कहा कि पत्थरबाजों ने पुलिसकर्मियों पर हमला करने की कोशिश की और गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया। इन लोगों पर एनएसए के तहत कार्रवाई होगी। ड्रोन और सीसीटीवी की मदद से दोषियों की पहचान की जा रही है। मामले की मैजिस्ट्रीयल जांच के आदेश दिए गए हैं।अधिकारियों ने बताया कि सर्वे के लिए पुलिस बल पहले से तैनात था। इंटेलिजेंस इनपुट के मुताबिक सुरक्षा इंतजाम किए गए थे। घटना के बाद क्षेत्र में शांति बहाल कर दी गई है। अधिकारी सुनिश्चित कर रहे हैं कि इस तरह की घटनाएं दोबारा न हों।

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एक डिप्टी कलेक्टर भी चोटिल हुए
इस हिंसा में 4 अधिकारी समेत 20 पुलिसकर्मी घायल हुए। एक डिप्टी कलेक्टर भी चोटिल हुए हैं। पुलिस ने दावा किया कि उनकी तरफ से फायरिंग नहीं की गई। कमिश्नर ने यह भी स्पष्ट किया कि सर्वे के दौरान मस्जिद इमाम ने पूरा सहयोग किया। जब तक सर्वे चला इमाम सर्वेक्षण करने वाली टीम के साथ मौजूद रहे। पूरा सर्वे बेहद शांतिपूर्ण ढंग से पूरा कर लिया गया था।

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