UP News: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार डिजिटल अटेंडेंस मामले में बैकफुट पर आ गई है। अब डिजिटल अटेंडेंस पर 2 महीने के लिए रोक लगा दी गई है। मुख्य सचिव मनोज सिंह की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित हुई है, जो 2 महीने में जांच रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी। इसके बाद ही योगी सरकार इस पर फैसला लेगी।
इस मामले में मुख्य सचिव ने मंगलवार को शिक्षक संगठनों के साथ बैठक की। इसमें प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा शानमुगम, डीजी स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा और महिला शिक्षक संघ की अध्यक्ष सुलोचना मौर्या उपस्थित रहीं। बैठक के बाद डिजिटल अटेंडेंस को स्थगित करने का आदेश दिया गया।
शिक्षक कर रहे थे विरोध प्रदर्शन
बता दें, योगी सरकार ने प्राइमरी स्कूलों में 8 जुलाई से शिक्षकों की बायोमेट्रिक अटेंडेंस का आदेश दिया था। इसके बाद शिक्षक सड़क पर आ गए। धरना-प्रदर्शन शुरू हो गया। हालांकि, सरकार ने आधे घंटे का अतिरिक्त समय दिया था। तकनीकी दिक्कत आने पर कभी भी हाजिरी लगाने की छूट दी, लेकिन शिक्षकों ने विरोध प्रदर्शन जारी रखा। इसके बाद योगी सरकार ने यह फैसला लिया है।
बैकफुट पर सरकार
बीजेपी के कई नेताओं ने डिजिटल अटेंडेंस को स्थगित करने के लिए सरकार को पत्र लिखा था। कहा था- इस फैसले से माहौल खराब हो रहा है। सरकार को इस पर विचार करना चाहिए और शिक्षकों के हित में फैसला लेना चाहिए। वहीं, बरेली सांसद छत्रपाल गंगवार ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा। कहा- शिक्षकों की गरिमा और विश्वसनीयता को ध्यान में रखते हुए डिजिटल अटेंडेंस पर सरकार को पुनर्विचार किया जाना चाहिए।
बायोमेट्रिक अटेंडेंस क्या है?
बायोमेट्रिक्स जैविक माप (Biological Measurement) है। इससे किसी भी व्यक्ति की पहचान की जा सकती है। इसके लिए फिंगर प्रिंट, फेस रिकग्निशन, रेटिना स्कैन किया जाता है। शिक्षकों के मामले में फेस रिकग्निशन के जरिए हाजिरी लगाने का प्रावधान है।