Varanasi Gyanvapi Case Update: ज्ञानवापी-काशी विश्वनाथ मंदिर विवाद में वाराणसी के जिला मजिस्ट्रेट ने बुधवार को बड़ा फैसला दिया है। 31 साल बाद ज्ञानवापी के तहखाने में व्यास परिवार को पूजा का अधिकार मिल गया है। कोर्ट ने कहा कि सात दिन के अंदर व्यास परिवार पूजा पाठ कर सकता है। डीएम के निर्देश पर पुजारी की नियुक्ति भी जाएगी।
हिंदू पक्ष ने ज्ञानवापी के तहखाना में पूजा-पाठ करने की मांग की थी। तहखाने को व्यास जी का तहखाना भी कहा जाता है। दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया था।
#WATCH | Advocate Vishnu Shankar Jain, representing the Hindu side says, "...Puja will start within seven days. Everyone will have the right to perform Puja..." pic.twitter.com/EH27vQQJdc
— ANI (@ANI) January 31, 2024
31 साल से बंद है पूजा पाठ
हिंदू पक्ष के वकील एडवोकेट सुभाष नंदन चतुर्वेदी ने बताया कि हमने 25 सितंबर 2023 को वाराणसी की अदालत में याचिका दायर की थी कि सोमनाथ व्यास परिवार के 'तहखाने' के संबंध में एक जिला मजिस्ट्रेट को रिसीवर बनाया जाए, ताकि वहां कोई अतिक्रमण न हो और न ही तहखाना को कोई नुकसान न हो। साथ ही, 1993 तक यहां होने वाले धार्मिक अनुष्ठानों को फिर से शुरू किया जाए। व्यासजी समेत परिवार 1993 तक तहखाने में पूजा पाठ करता था। 1993 के बाद तत्कालीन राज्य सरकार के आदेश पर तहखाने में पूजा पाठ बंद कर दिया गया था।
उन्होंने बताया कि जिला न्यायालय ने 17 दिसंबर को आदेश पारित किया था और जिला मजिस्ट्रेट को रिसीवर नियुक्त किया था। लेकिन 30 जनवरी को मुस्लिम पक्ष ने हमारी मांग पर आपत्ति जताई थी। हमने सभी संबंधित साक्ष्य जमा कर दिए थे।
Watch Video...
#WATCH | Gyanvapi case | Hindu side lawyer, Advocate Subhash Nandan Chaturvedi says, "...We had filed a plea that a District Magistrate be made the receiver in connection with the 'tahkhana' of Vyas family so that there is no encroachment there and that no damages are made to the… pic.twitter.com/cp1MGR5v0s
— ANI (@ANI) January 31, 2024
डीएम के पास है तहखाने की चाबी
17 जनवरी को व्यासजी के तहखाने को जिला जज के आदेश पर जिला प्रशासन ने कब्जे में लिया था। डीएम के पास इस समय तहखाने की चाबी है। वकील विष्णु शंकर जैन और सुधीर त्रिपाठी ने आशंका जताई थी कि मुस्लिम पक्ष के लोग वहां कब्जा कर सकते हैं, क्योंकि काफी साल से तहखाने में कोई पूजा करने नहीं गया। अब उस जगह पर फिर से पूजा शुरू करानी चाहिए।
क्या है मुस्लिम पक्ष का तर्क?
ज्ञानवापी के तहखाने में पूजा पाठ के अधिकार की मांग वाली याचिका पर अंजुमन इंतेजामिया ने आपत्ति जताई थी। जिला जज डॉक्टर अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में मुमताज अहमद, एखलाक अहमद ने कहा कि व्यासजी का तहखाना मस्जिद का पार्ट है। पूजा पाठ की अनुमति नहीं दी जा सकती है। यह वाद विशेष पूजा अधिनियम से बाधित है। लिहाजा चलने योग्य नहीं है। वक्फ बोर्ड की संपत्ति है, इसलिए पूजा पाठ की अनुमति न दी जाए। लेकिन अदालत ने मुस्लिम पक्ष की दलीलों को खारिज कर दिया।