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Chardham Yatra in Uttarakhand : उत्तराखंड की चारधाम यात्रा 30 अप्रैल से शुरू होनी है। गुरुवार (10 अप्रैल) तक 15.33 लाख श्रद्धालु पंजीयन कराया है। सर्वाधिक 2.57 लाख यात्री महाराष्ट्र के हैं। एमपी-यूपी और आंध्र प्रदेश से भी बड़ी संख्या में तीर्थयात्री पहुंचेंगे।

Chardham Yatra in Uttarakhand : उत्तराखंड की चारधाम यात्रा के लिए युवाओं में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है। चारधाम यात्रा 30 अप्रैल से शुरू होगी। गुरुवार (10 अप्रैल) तक इसके लिए 15.33 लाख से अधिक श्रद्धालु पंजीयन करा चुके हैं। पंजीकृत श्रद्धालुओं में ज्यादातर की उम्र 40 साल से कम है। सर्वाधिक 2.57 लाख यात्री महाराष्ट्र से हैं। यूपी, आंध्र प्रदेश और मध्य प्रदेश भी डेढ़ लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने पंजीयन कराया है। 

20 दिन में 15.33 लाख पंजीयन 
चारधाम यात्रा के लिए पंजीयन 20 मार्च से शुरू हुए थे। 9 अप्रैल तक 15.33 लाख तीर्थयात्रियों ने पंजीयन करा लिए हैं। सर्वाधिक 5,19,894 पंजीयन केदारनाथ धाम के लिए हुए हैं। इसके बाद बदरीनाथ धाम के लिए 4,58,252, गंगोत्री के लिए 2,75,047, यमुनोत्री के लिए 2,59,145 और हेमकुंड साहिब के लिए 21,547 तीर्थयात्रियों ने पंजीयन कराए हैं। 

ये हैं उत्तराखंड के चार धाम 
चारधाम यात्रा में हर साल लाखों श्रद्धालु विभिन्न प्रदेशों से आते हैं। जो देवभूमि उत्तराखंड में केदारनाथ, बद्रीनाथ धाम, गंगोत्री और यमुनोत्री के दर्शन-पूजा करते हैं। यात्रा को सुगम और सुरक्षित बनाने के लिए परिवहन विभाग ने एडवाइजरी जारी की है। इसमें तीर्थयात्रा के मार्ग में वाहन संचालन व ड्राइवरों के लिए भी दिशा निर्देश शामिल हैं। 

चारधाम यात्रा के लिए जरूरी दिशा-निर्देश 

  • पर्वतीय मार्गों पर रात के समय व्यवसायिक वाहनों का संचालन प्रतिबंधित है। रात 10 से सुबह 4 बजे तक कोई व्यवसायिक वाहन चारधाम यात्रा मार्ग पर संचालित नहीं होगा। प्रशासन ने यह निर्णय पहाड़ी रास्तों पर सड़क दुर्घटनाएं रोकने और यात्रियों की सुरक्षा की दृष्टि से लिया गया है। 
  • व्यवसायिक वाहन चालकों को विशेष प्रशिक्षण का प्रमाण-पत्र, फिटनेस सर्टिफिकेट और वाहन के सभी दस्तावेज साथ रखने होंगे। उन्हें अपनी वेशभूषा, व्यवहार और स्वास्थ्य पर भी विशेष ध्यान दिए जाने के निर्देश दिए गए है। इस दौरान उन्हें चप्पल या सैंडल की बजाय बंद जूते या मजबूत ट्रैकिंग शूज पहनना होगा।  
  • व्यवसायिक वाहनों का फिटनेस सर्टिफिकेट और प्रदूषण जांच प्रमाण-पत्र होना अनिवार्य है। नशे से दूर रहने और यात्रियों के साथ शिष्ट व्यवहार करने की भी सलाह दी गई है। नियमों के उल्लंघन पर ड्राइवर और मोटर मालिक के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। 
  • यात्रियों से भी एडवाइजरी का पालन करने की अपील की गई है। एआरटीओ चक्रपाणि मिश्रा ने बताया, यात्रा से पहले सड़क मरम्मत, स्वास्थ्य सुविधाओं और यात्रियों के ठहरने की व्यवस्था पर तेजी से काम चल रहा है। यात्रा से पहले पंजीयन और मौसम की जानकारी लेते रहने की भी सलाह दी है।  
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