Uttarakhand Earthquake: उत्तराखंड में फिर एक बार भूकंप के झटके महसूस किए गए। शनिवार (21 दिसंबर) पिथौरागढ़ में भूकंप से धरती डोल गई। तड़के चार बजे भूकंप के झटके लगते ही अफरा-तफरी मच गई। लोग घबराकर कड़ाके की ठंड में घरों से बाहर भागे। 15 सेकंड तक भूकंप से झटके महसूस हुए। इसके बाद लोगों ने राहत की सांस ली और घरों के अंदर गए। भूकंप की तीव्रता 4.8 रिक्टर थी। भूकंप से किसी भी तरह का नुकसान नहीं हुआ है।
सो रहे थे लोग, अचानक डोलने लगी धरती
पिथौरागढ़ आपदा प्रबंधन अधिकारी भूपेंद्र मेहर के मुताबिक, भूकंप का केंद्र नेपाल था। भूकंप सुबह 4:00 बजे आया। उस वक्त सभी लोग सोए हुए थे। भूकंप की गहराई जमीन में 10 किलोमीटर रही और तीव्रता 4.8 रिक्टर आंकी गई है। भूपेंद्र ने बताया कि जिले में भूकंप से किसी भी तरह का कोई नुकसान नहीं हुआ है। पिथौरागढ़ के अलावा चंपावत समेत कुछ अन्य इलाकों में भी भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए हैं।
क्यों आता है भूकंप?
पृथ्वी के भीतर 7 प्लेटें हैं। प्लेटें निरंतर गति में रहती हैं। जब प्लेटें आपस में अधिक टकराती हैं तो उस स्थान को "फॉल्ट लाइन" कहा जाता है। इन प्लेटों के बार-बार टकराने से उनके किनारे मुड़ने लगते हैं। जब अत्यधिक दबाव बनता है तो प्लेटें टूटने लगती हैं और इसके परिणामस्वरूप निचली ऊर्जा बाहर निकलने का रास्ता तलाशती है, जिससे भूकंप जैसे डिस्टर्बेंस उत्पन्न होते हैं।
उत्तराखंड भूकंप के लिहाज से संवेदनशील
भूकंप के लिहाज से उत्तराखंड काफी संवेदनशील राज्य है। प्रदेश के पर्वतीय जिले पिथौरागढ़, रुद्रप्रयाग, बागेश्वर, चमोली और उत्तरकाशी अति संवेदनशील जोन 5 में है। रुद्रपुर, हरिद्वार, पौड़ी, नैनीताल, चंपावत और अल्मोड़ा जोन 4 में आते हैं। देहरादून और टिहरी जिले का कुछ क्षेत्र जोन 4 में और कुछ जोन 5 में आता है।